कुशीनगर

Kushinagar News: SIR ने मिलाया दो बिछड़े भाइयों को, मतदाता सूची में नाम डलवाने 45 साल बाद लौटा घर से गायब भाई

गहन मतदाता पुनरीक्षण कार्यक्रम (SIR) के दौरान खड्डा विकासखंड के सिसवा गोपाल गांव में ऐसा मामला सामने आया, जिसने पूरे गांव को हैरान कर दिया। 45 वर्ष पहले घर छोड़कर लापता हुआ बेटा तैयब आखिरकार अपने परिवार के बीच लौट आया।

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Dec 12, 2025
Pc: Patrika news

SIR News: भारत सरकार द्वारा चलाया जा रहा एस आई आर कुछ लोगों के लिए खुशी का सबब बनता जा रहा। इसी बहाने वर्षों पहले घर छोड़ चुके लोग अपने आशियाने में दुबारा लौटने लगे हैं। ऐसे लोग अपने परिजनों को ढूंढ कर वापस आ रहे जो किसी कारण वश घर छोड़ कर चले गए थे। ऐसा ही एक वाकया यूपी के कुशीनगर जनपद से आया है।

गहन मतदाता पुनरीक्षण कार्यक्रम (SIR) के दौरान खड्डा विकासखंड के सिसवा गोपाल गांव में ऐसा मामला सामने आया, जिसने पूरे गांव को हैरान कर दिया। 45 वर्ष पहले घर छोड़कर लापता हुआ बेटा तैयब आखिरकार अपने परिवार के बीच लौट आया।

जानकारी के अनुसार, घरवालों की डांट से नाराज होकर 1980 में तैयब घर से निकल गए थे। इसके बाद उनका कोई सुराग नहीं मिला। परिवार ने तलाश जारी रखी, लेकिन वर्षों बीतते-बीतते उम्मीदें धुंधली पड़ने लगीं। वहीं, आज जब अचानक तैयब अपने घर पहुंचे, तो पूरा परिवार खुशी से झूम उठा। अपनों से मिलने की भावुकता में तैयब कई बार रो पड़े और उनके आंसुओं ने 45 वर्षों की पीड़ा को बयां कर दिया।

पंजाब, राजस्थान, गुजरात और अंत में यूपी के शामली में बिताए साल


घर छोड़ने के बाद तैयब पंजाब, राजस्थान और गुजरात में मेहनत-मजदूरी करते रहे। बाद में यूपी के शामली में बस गए और यहीं उन्होंने शादी कर ली। पत्नी और दो बच्चों के साथ किराए के घर में रहते हुए उन्होंने किसी तरह अपना जीवन गुजारा। हालांकि घर की याद हमेशा उनके दिल में रही, लेकिन परिस्थितियों ने कभी लौटने का अवसर नहीं दिया।

SIR बना जीवन का मोड़


निर्वाचन आयोग द्वारा 12 राज्यों में SIR कराने के निर्णय ने तैयब की जिंदगी में बड़ा बदलाव ला दिया। शामली में मतदाता सूची में पिता का कोई रिकॉर्ड न मिलने पर उन्हें एहसास हुआ कि अपना और परिवार का नाम सही ढंग से दर्ज कराने के लिए गांव लौटना ही उचित होगा।
इसी निर्णय ने 45 बरस बाद उन्हें फिर से अपने घर की चौखट तक पहुंचा दिया।

गांव में सब कुछ बदला, लेकिन यादों ने दिखाया रास्ता
लंबे समय बाद लौटे तैयब को गांव की गलियां, घर और माहौल सब बदला हुआ दिखाई दिया। एक पल के लिए वे भटक भी गए, लेकिन पुरानी यादों ने उन्हें राह दिखा दी और वे अपने घर पहुंच गए। उनकी घर वापसी के साथ ही परिवार का लंबा इंतजार खत्म हो गया और एक बिछड़ा परिवार SIR कार्यक्रम के माध्यम से फिर से मिल पाया।

तैयब ने भारत सरकार और निर्वाचन आयोग का आभार व्यक्त करते हुए कहा—
“SIR प्रक्रिया की वजह से ही मैं अपने गांव और परिवार से दोबारा जुड़ पाया। इतने वर्षों बाद अपनी मिट्टी को देखना और अपनों को गले लगाना मेरे लिए किसी वरदान से कम नहीं है।”

Updated on:
12 Dec 2025 01:00 pm
Published on:
12 Dec 2025 12:56 pm
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