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UPI New Rule: सितंबर से लेकर अक्टूबर तक, यूपीआई के बदल गए ये नियम, जानिए इससे आपको क्या पड़ेगा फर्क

New UPI Rules In Hindi: पिछले कुछ दिनों में UPI को लेकर कुछ जरुरी और अहम बदला हुए हैं। जिसे जानना यूपीआई यूजर्स के लिए बहुत जरुरी है।

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Oct 02, 2025
UPI New Rules(Image-Freepik)

UPI Rules 2025: आज के डिजिटल दौर में UPI से पेमेंट करना सबसे आसान हो गया है। करोड़ों छोटे-बड़े पेमेंट यूपीआई के माध्यम से रोजाना किया जाता है। पिछले कुछ दिनों में UPI को लेकर कुछ जरुरी और अहम बदला हुए हैं। जिसे जानना यूपीआई यूजर्स के लिए बाउट जरुरी है। National Payments Corporation of India (NPCI) ने हाल ही में UPI से जुड़े कई बड़े बदलावों की घोषणा की है। इन बदलावों का सीधा असर करोड़ों यूजर्स पर पड़ेगा। नए नियमों में कलेक्ट रिक्वेस्ट को बंद करना, बैलेंस चेक और ट्रांजैक्शन स्टेटस पर लिमिट लगाना, ऑटोपे के समय को नियंत्रित करना और कुछ सेक्टर्स के लिए ट्रांजैक्शन लिमिट बढ़ाना शामिल है। आइए इन नियमों को जानते हैं।

UPI New Rule: कलेक्ट रिक्वेस्ट (Pull Transactions) बंद


कलेक्ट रिक्वेस्ट या Pull Transactionsकी सुविधा को बंद कर दिया गया है। इसका मुख्य कारण सुरक्षा बढ़ाना और धोखाधड़ी को रोकना है, क्योंकि कई मामलों में इस सुविधा का गलत इस्तेमाल किया जा रहा था। अब से केवल "पुश-बेस्ड पेमेंट" यानी QR कोड, मोबाइल नंबर या UPI आईडी के जरिए ही पैसे ट्रांसफर किए जा सकेंगे। यह नियम 1 अक्टूबर 2025 से लागू हो गया है।

UPI Transaction Limit: ट्रांजैक्शन लिमिट में बदलाव

कैपिटल मार्केट और इंश्योरेंस सेक्टर- अब एक ट्रांजैक्शन में 2 लाख रूपये की बजाय 5 लाख रूपये तक का भुगतान किया जा सकेगा। साथ ही 24 घंटे में अधिकतम 10 लाख रूपये तक का ट्रांसफर हो पायेगा।

सरकारी ई मार्केटप्लेस और टैक्स पेमेंट्स- पहले जहां लिमिट 1 लाख थी, अब इसे बढ़ाकर 5 लाख रुपया कर दिया गया है।

ट्रैवल बुकिंग्स- अब टिकट बुकिंग या ट्रैवल से जुड़े खर्च के लिए एक ट्रांजैक्शन की लिमिट 5 लाख रूपये होगी और रोजाना सीमा 10 लाख रूपये तय की गई है।

क्रेडिट कार्ड बिल पेमेंट- अब एक बार में 5 लाख तक का भुगतान किया जा सकेगा। रोजाना सीमा की बात करें तो 6 लाख रूपये निर्धारित की गई है।

UPI New Rule: ऑपरेशनल गाइडलाइंस में बदलाव


बैलेंस चेक लिमिट- अब एक यूजर्स किसी भी यूपीआई ऐप पर दिन में केवल 50 बार तक ही अपना बैंक बैलेंस चेक कर सकेगा।

ट्रांजैक्शन स्टेटस चेक लिमिट- पेंडिंग ट्रांजैक्शन का देखने की अनुमति केवल 3 बार होगी। हर बार के बीच कम से कम 90 सेकंड का अंतराल रखना अनिवार्य होगा।

यूपीआई ऑटोपे- अब से ऑटोपे केवल नॉन-पीक ऑवर्स में ही एक्सीक्यूट किया जाएगा ताकि ट्रांजैक्शन स्मूथली प्रोसेस हो सके और सर्वर लोड कम हो।
ये सभी नियम 1 अगस्त 2025 से लागू हो चुके हैं। ये नियम सितंबर से पहले ही जारी किये गए थे।

UPI: क्यों किए गए ये बदलाव?

UPI में इन नियमों में बदलाव का कारण पेमेंट सुरक्षा को मजबूत करना, धोखाधड़ी पर लगाम लगाना जैसे मुद्दे हैं। इससे जहां एक ओर कलेक्ट रिक्वेस्ट बंद होने से फ्रॉड मामलों में कमी आएगी, वहीं बैलेंस और स्टेटस चेक की लिमिट से सिस्टम पर दबाव कम होगा। वहीं, बढ़ी हुई ट्रांजैक्शन लिमिट से ज्यादा मूल्य के ट्रांजैक्शन आसानी से पूरे किए जा सकेंगे।

Published on:
02 Oct 2025 12:59 pm
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