Safe Bindi Tips : मार्केट की रेडीमेड बिंदियां और गोंद वाली बिंदियां स्किन के लिए हानिकारक हो सकती हैं। जानें बिंदी ल्यूकोडर्मा क्या है, घरेलू कुमकुम क्यों सुरक्षित है और स्किन को कैसे बचाएं।
Safe Bindi Tips : आजकल मार्केट या ऑनलाइन शॉपिंग साइट्स पर तरह-तरह की डिजाइनर बिंदियां मिल जाती हैं। छोटी, बड़ी, गोल, चौकोर, मोती वाली, चमकीली या फिर बिल्कुल सिंपल। ये हर रंग, शेप और पैटर्न में उपलब्ध हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये दिखने में खूबसूरत बिंदियां लंबे समय में आपकी स्किन के लिए हानिकारक साबित हो सकती हैं? डॉक्टर इसे बिंदी ल्यूकोडर्मा कहते हैं।
असल में, ज्यादातर रेडीमेड बिंदियां फैब्रिक या प्लास्टिक की होती हैं जिन पर चिपकाने वाला गोंद (adhesive) लगाया जाता है। इस गोंद में p-tertiary butyl phenol (PTBP) नाम का एक केमिकल होता है, जो स्किन के लिए काफी खतरनाक है।
डॉक्टर्स बताते हैं कि बिंदी में मौजूद ये केमिकल हमारी स्किन की रंग बनाने वाली कोशिकाओं को धीरे-धीरे खराब कर देता है। नतीजा ये होता है कि माथे पर जहां बिंदी लगाते हैं, वहां का रंग उड़ने लगता है और सफेद धब्बे दिखने लगते हैं। ये बिल्कुल विटिलिगो (सफेद दाग) जैसी परेशानी जैसा लगता है। गर्म और नमी वाले मौसम में ये खतरा और बढ़ जाता है क्योंकि इस दौरान केमिकल स्किन के अंदर ज्यादा तेजी से जाता है। अगर आप रोजाना लंबे समय तक बिंदी लगाए रखते हैं तो रिस्क और ज्यादा बढ़ जाता है।
विशेषज्ञ मानते हैं कि सेल्फ-एडहेसिव (गोंद वाली) बिंदी का इस्तेमाल सिर्फ कभी-कभार ही करना चाहिए। अगर आपकी स्किन सेंसिटिव है, या पहले कभी बिंदी लगाने से एलर्जी हुई है तो बेहतर है कि मार्केट की बिंदी से दूर रहें। आपके लिए सबसे अच्छा विकल्प है, कुमकुम या घर पर बनी बिंदी। पहले के समय में महिलाएं हल्दी, फूलों या मिनरल डाई से बनी बिंदी लगाती थीं जो बिल्कुल सुरक्षित होती थी।
डॉ. गीता श्रीवास्तव कहती हैं कि ऑर्गेनिक कुमकुम सबसे सुरक्षित है। आप चाहें तो घर पर भी हल्दी से कुमकुम बना सकती हैं। इससे बस हल्का पीला रंग रह सकता है, लेकिन कोई नुकसान नहीं होगा।कुछ घरेलू नुस्खों में सावधानी जरूरी है। जैसे, नींबू और घी से बनी बिंदी हर किसी की स्किन पर सूट नहीं करती। नींबू से जलन या दाग हो सकते हैं और घी से ऑयली स्किन वालों को पिंपल्स की समस्या हो सकती है। इसलिए पहले पैच टेस्ट जरूर करें।