Easy Workout Plan: आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में जिम के लिए अलग से समय निकाल पाना हर किसी के लिए आसान नहीं होता। ऐसे में 45 मिनट का फुल बॉडी वर्कआउट उन लोगों के लिए बेहतरीन विकल्प है, जो कम समय में फिट और एक्टिव रहना चाहते हैं।
Easy Workout Plan: आज की व्यस्त और भागदौड़ भरी जिंदगी में फिट रहने के लिए जिम या लंबा वर्कआउट करना हर किसी के लिए आसान नहीं होता। ऐसे में 45 मिनट का फुल-बॉडी वर्कआउट एक परफेक्ट ऑप्शन है। इसे आप घर पर या जिम में आसानी से कर सकते हैं। यह रूटीन पूरे शरीर की मांसपेशियों को टोन करने, ताकत बढ़ाने और कैलोरी बर्न करने में मदद करता है। सिर्फ 45 मिनट में आप अपने पूरे शरीर को एक्टिव कर सकते हैं और फिटनेस गोल्स की दिशा में प्रभावी कदम उठा सकते हैं।
5 से 10 मिनट का वार्म-अप जरूरी है। वर्कआउट शुरू करने से पहले शरीर को तैयार करना बेहद जरूरी होता है। हल्के कार्डियो से शुरुआत करें।आप ब्रिस्क वॉक, जॉगिंग, आर्म सर्कल्स, हिप ओपनर और बॉडीवेट स्क्वैट्स कर सकते हैं। इससे मसल्स एक्टिव होती हैं और इंजरी का खतरा कम होता है।
स्ट्रेंथ ट्रेनिंग में ऐसी एक्सरसाइज चुनें जो एक साथ कई मसल्स पर काम करें। अपर बॉडी के लिए पुश-अप्स और चेस्ट प्रेस, बैक के लिए रो एक्सरसाइज और लैट पुल-डाउन, पैर और हिप्स के लिए स्क्वैट्स और लंजेस शामिल करें। इसके अलावा शोल्डर प्रेस और प्लैंक या डेड बग जैसी एक्सरसाइज भी करें। हर एक्सरसाइज के बीच 30 से 60 सेकंड का ब्रेक लें, ताकि शरीर जल्दी थके नहीं और वर्कआउट की गति बनी रहे।
वर्कआउट के बाद कूल-डाउन उतना ही जरूरी है जितना वार्म-अप, क्योंकि इससे मसल्स रिलैक्स होती हैं और रिकवरी तेज होती है। सबसे पहले हिप स्ट्रेच करें, इसके बाद हैमस्ट्रिंग स्ट्रेच करें ताकि शरीर पूरी तरह से आराम और रिकवरी की स्थिति में आ सके।
45 मिनट का फुल बॉडी वर्कआउट हफ्ते में 3 से 4 बार करना काफी होता है। इसके लिए महंगी मशीनों या भारी वेट्स की जरूरत नहीं है।बस जरूरी है कि आप इसे नियमित रूप से करें, सही ब्रीदिंग पैटर्न पर ध्यान दें और साथ में अच्छी नींद
और बैलेंस्ड डाइट लें।
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।