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Hindi Diwas 2025 Speech: शब्दों में हो जोश, भावनाओं में हो शक्ति, ऐसे लिखें भाषण ,मंच से उतरते ही बजेंगी तालियां

Hindi Diwas 2025 Speech: हर साल 14 सितंबर को हम हिंदी दिवस मनाकर न सिर्फ़ अपनी राजभाषा को सम्मान देते हैं, बल्कि उसकी सांस्कृतिक गहराई और अभिव्यक्ति की ताकत को भी महसूस करते हैं। अगर आप इस मौके पर मंच से कुछ कहने जा रहे हैं, तो सिर्फ शब्द नहीं, उनमें जोश, भाव और आत्मा होनी चाहिए।

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Sep 12, 2025
Hindi Diwas Speech in Hindi for Students|फोटो सोर्स – Freepik

Hindi Diwas 2025 Speech: हर साल 14 सितंबर को हिंदी दिवस पूरे देश में उत्साह और गर्व के साथ मनाया जाता है। यह दिन हमें याद दिलाता है कि 1949 में संविधान सभा ने एक स्वर से हिंदी को राजभाषा का दर्जा दिया था। इसके बाद 1953 से राष्ट्रभाषा प्रचार समिति, वर्धा के प्रयासों से हिंदी दिवस मनाने की परंपरा शुरू हुई। तब से लेकर आज तक यह दिन हमारी मातृभाषा को सम्मान देने और इसके महत्व को समझने का अवसर बन गया है।स्कूलों, कॉलेजों और दफ्तरों में हिंदी दिवस पर भाषण, वाद-विवाद, कविता पाठ और निबंध प्रतियोगिताएं होती हैं। ऐसे में अगर आपको भाषण देना है, तो इस लेख में हम आपको कुछ ऐसे असरदार टिप्स देंगे जिनकी मदद से आप एक दमदार, यादगार और तालियों से गूंजता हुआ भाषण तैयार कर सकेंगे।

Speech on Hindi Diwas 2025: हिंदी दिवस 2025 पर भाषण कैसे लिखें और प्रस्तुत करें?

शुरुआत हो दमदार

भाषण की शुरुआत हमेशा ऊर्जा से भरी होनी चाहिए। आप किसी शेर, दोहे या प्रसिद्ध व्यक्तित्व के कथन से शुरुआत करें। भाषण भारी-भरकम शब्दों से नहीं, बल्कि सरल शब्दों और गहरी भावनाओं से असरदार बनता है। हिंदी की सुंदरता इसी में है कि इसे हर वर्ग का इंसान समझ सकता है।

आधुनिक संदर्भ भी जोड़ें

सिर्फ इतिहास ही नहीं, यह भी बताएं कि आज हिंदी कैसे दुनिया की तीसरी सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा है। सोशल मीडिया, सिनेमा, साहित्य और पत्रकारिता ने हिंदी को वैश्विक पहचान दिलाई है।

अंत प्रेरणादायक हो

भाषण को हमेशा किसी प्रेरक पंक्ति या कविता से खत्म करें। भारतेंदु हरिश्चंद्र की ये पंक्तियां बेहद असरदार हो सकती हैं।

“निज भाषा उन्नति अहै, सब उन्नति को मूल
बिन निज भाषा-ज्ञान के, मिटत न हिय को सूल।”

2 मिनट का उदाहरण भाषण (Speech on Hindi Diwas 2025)

“आदरणीय प्रधानाचार्य, शिक्षकगण, और मेरे साथियों को मेरा प्रणाम।
आज हम सब हिंदी दिवस मनाने के लिए एकत्र हुए हैं। 14 सितंबर 1949 को हमारी हिंदी को राजभाषा का दर्जा मिला, और तब से यह दिन हमें अपनी मातृभाषा के महत्व की याद दिलाता है।

हिंदी केवल संवाद का माध्यम नहीं है, बल्कि हमारी संस्कृति, हमारी सभ्यता और हमारी पहचान की आत्मा है। आज हिंदी विश्व की तीसरी सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है और साहित्य, पत्रकारिता तथा फिल्मों के जरिए इसकी पहुंच हर घर तक हो चुकी है।आइए हम सब मिलकर संकल्प लें कि हिंदी का मान और बढ़ाएं और इसे नई पीढ़ी तक गर्व से पहुंचाएं।
निज भाषा उन्नति अहै, सब उन्नति को मूल।

धन्यवाद!”

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