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Lauki Juice Side Effects: किन लोगों को बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए लौकी के जूस का सेवन? एक्सपर्ट से जानें

Lauki Juice Side Effects: लौकी का जूस जहां स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद माना जाता है, वहीं इसके अधिक सेवन या कुछ विशेष परिस्थितियों में यह नुकसान भी पहुंचा सकता है। इस लेख में हम लौकी के जूस से होने वाले संभावित साइड इफेक्ट्स के बारे में जानकारी दे रहे हैं, जिनके बारे में जानना जरूरी है ताकि आप सतर्क रह सकें।

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Apr 21, 2025
Side effects of bottle gourd juice juice

Lauki Juice Side Effects: लौकी एक बेहद पौष्टिक और स्वास्थ्यवर्धक सब्जी मानी जाती है। बहुत से लोग इसके जूस को अपने रोजाना के आहार में शामिल करते हैं, जिससे उन्हें कई तरह के लाभ मिलते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि कुछ विशेष हालात में लौकी का सेवन शरीर के लिए हानिकारक भी हो सकता है? खासकर इसका जूस, जो आजकल काफी लोकप्रिय है, हर किसी के लिए उपयुक्त नहीं होता। आइए एक्सपर्ट्स की राय के अनुसार इसके संभावित नुकसान जानें।

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लौकी का जूस पीने के क्या नुकसान हैं -एक्सपर्ट

डॉ. अर्जुन राज (आयुर्वेदिक चिकित्सक) का मानना है कि लौकी का ताजा जूस पीना शरीर के लिए काफी लाभदायक हो सकता है, खासकर तब जब आप हल्दी लाइफस्टाइल फॉलो कर रहे हैं।। हालांकि, हर चीज के कुछ फायदे होते हैं तो कुछ नुकसान भी। लौकी का सेवन कुछ विशेष स्वास्थ्य समस्याओं से ग्रस्त लोगों को नहीं करना चाहिए, क्योंकि इससे उनकी स्थिति और बिगड़ सकती है। आइए जानते हैं कि लौकी का जूस किन लोगों के लिए उपयुक्त नहीं है।

दस्त और उल्टी

जिन लोगों को अक्सर पेट से जुड़ी समस्याएं होती हैं, उन्हें लौकी का जूस पीने से बचना चाहिए। यह पाचन से जुड़ी गड़बड़ी को बढ़ा सकता है, जिससे दस्त और उल्टी की समस्या हो सकती है। खासकर जिनका पाचन तंत्र कमजोर है, उनके लिए यह जूस नुकसानदायक हो सकता है। बेहतर होगा कि इसका सेवन करने से पहले डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।

एलर्जी

कुछ लोगों को लौकी से एलर्जी हो सकती है। इसके लक्षणों में त्वचा पर खुजली, चक्कर आना, या सांस लेने में दिक्कत जैसे संकेत शामिल हो सकते हैं। यदि पहले कभी लौकी या किसी अन्य पेय से कोई एलर्जिक प्रतिक्रिया हुई हो, तो लौकी का जूस पीने से पहले चिकित्सकीय सलाह अवश्य लेनी चाहिए।

किडनी संबंधी समस्याएं

अगर किसी व्यक्ति को पहले से किडनी से संबंधित परेशानियां हैं, जैसे पथरी या गुर्दों की कार्यक्षमता में कमी, तो उन्हें लौकी का जूस नहीं पीना चाहिए। इसमें मौजूद अधिक पानी और कुछ यौगिक किडनी पर अतिरिक्त दबाव डाल सकते हैं, जिससे स्थिति बिगड़ सकती है।

अस्थमा के मरीज

जिन व्यक्तियों को अस्थमा या सांस से जुड़ी कोई समस्या है, उन्हें भी लौकी का जूस पीने से बचना चाहिए। लौकी की तासीर ठंडी मानी जाती है, जो सर्दी-जुकाम और कफ की समस्या को बढ़ा सकती है। इससे सांस लेना और मुश्किल हो सकता है तथा अस्थमा की स्थिति और गंभीर हो सकती है।

बढ़ा हुआ यूरिक एसिड

जिन लोगों में यूरिक एसिड का स्तर अधिक होता है, उन्हें भी लौकी के जूस से परहेज करना चाहिए। यह स्थिति गठिया, गाउट और जोड़ों की सूजन जैसी समस्याएं पैदा कर सकती है। लौकी का जूस इन लक्षणों को और बढ़ा सकता है, इसलिए ऐसे मरीज इसे पीने से पहले विशेषज्ञ की सलाह लें।

लौकी का जूस कितनी मात्रा में पीना चाहिए (How much bottle gourd juice should be consumed)

लौकी का जूस रोजाना एक कप (लगभग 200 से 250 मिलीलीटर) तक ही पीना चाहिए। इससे ज्यादा मात्रा सेहत पर गलत असर डाल सकती है, खासकर अगर जूस कड़वा हो। हमेशा ध्यान रखें कि जूस की मात्रा सीमित हो और शरीर की ज़रूरत के अनुसार ही हो।

लौकी का जूस कब पिएं (How to make bottle gourd juice)

लौकी का जूस पीने का सबसे अच्छा समय सुबह खाली पेट होता है। इससे शरीर को दिन की शुरुआत में ही फाइबर, विटामिन और जरूरी पोषक तत्व मिलते हैं। लेकिन अगर आपको पेट से जुड़ी कोई समस्या है, तो डॉक्टर से सलाह लेकर ही इसे सुबह पिएं।

लौकी का जूस बनाने की विधि (How to make bottle gourd juice)

सामग्री
1 ताजी लौकी
थोड़ा सा अदरक
एक चुटकी काला नमक या सेंधा नमक
कुछ पुदीने की पत्तियां
आधा नींबू (स्वाद के लिए)

बनाने का तरीका (method of making bottle gourd juice)

सबसे पहले लौकी को छील लें और छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लें।
अब इन टुकड़ों को 2-3 मिनट के लिए उबाल लें या फिर ऐसे ही जूसर में डाल सकते हैं (अगर लौकी बहुत कड़वी न हो)।
अब मिक्सर या जूसर में लौकी के टुकड़े, थोड़ा सा अदरक और पुदीना डालें।
थोड़ा पानी मिलाकर अच्छी तरह से ब्लेंड करें।
छानकर गिलास में निकालें और ऊपर से नींबू और नमक मिलाकर पिएं।

डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।

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