Rain in Winter Health Effects: सर्दी में बारिश सेहत पर क्या असर डालती है? जानें डॉ. विशाल गुप्ता की राय, ठंड और बारिश के मौसम में सेहत, इम्यूनिटी और बचाव के जरूरी टिप्स।
Rain in Winter Health Effects: सर्दी के मौसम में अगर बारिश हो जाए तब लोगों को अक्सर कहते सुना होगा कि अब तो ठंड और बढ़ जाएगी, लेकिन क्या आप जानते हैं सर्दियों में बारिश होना सेहत के लिए कैसा है? जानेंगे डॉक्टर विशाल गुप्ता की राय कि सर्दी में बारिश होना हमारी सेहत पर, इम्यूनिटी और माहौल पर कैसा असर डालता है।
मौसम विज्ञान के अनुसार सर्दी के दिनों में होने वाली बारिश को वेस्टर्न डिस्टर्बेंस कहा जाता है। यह ठंडी हवा के साथ नमी लेकर आती है, जिससे तापमान अचानक गिर जाता है इस मौसम में कोहरा और भी बढ़ जाता है। यानी मौसम और भी ठंडा हो जाता है।
डॉ. विशाल गुप्ता के अनुसार, सर्दी में बारिश होने से शरीर का तापमान घट जाता है, जिससे रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है इससे कई बिमारियां जन्म ले लेती हैं, जिनमें सर्दी-जुकाम, वायरल फीवर और खांसी होना शामिल है।
हड्डियों और जोड़ों के दर्द की परेशानी बढ़ सकती है। ठंड के मौसम में बारिश होने से जोड़ो में दर्द और गठिया की समस्या बढ़ जाती है। डॉक्टरों का कहना है कि इस दौरान शरीर को ठंडी हवा से बचाना जरूरी है।
बारिश के बाद ठंडाई बढ़ने से शरीर की बाहरी त्वचा सूख जाती है। इससे त्वाचा में रुखापन, होंठ फटना और खुजली जैसी दिक्कतें आम हो जाती हैं। इसलिए इस मौसम में मॉइस्चराइजर, नारियल तेल या विटामिन E युक्त क्रीम का इस्तेमाल करें ताकि त्वचा हाइड्रेटेड बनी रहे।
बारिश के बाद ठंडी और नम हवाएं सांस संबंधी मरीजों के लिए दिक्कत पैदा कर सकती हैं। अस्थमा, ब्रोंकाइटिस या एलर्जी वाले लोगों को इस मौसम में ज्यादा सतर्क रहना चाहिए। डॉ. गुप्ता सलाह देते हैं कि इस दौरान बाहर जाते समय मफलर या मास्क पहनना चाहिए, ताकि ठंडी हवा सीधे सांस की नली में न जाए। घर में हवा का प्रवाह बनाए रखें लेकिन ठंडी हवा से बचें।
बारिश से धूल, प्रदूषण और धुआं कम हो जाता है। हवा थोड़ी साफ और नमीयुक्त हो जाती है, खेती के लिए भी यह बारिश कई बार फायदेमंद होती है।
डॉ. गुप्ता कहते हैं कि सर्दी की बारिश के दौरान शरीर को गर्म और एक्टिव रखना बहुत जरूरी है।
कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों की सेहत पर सर्दी की बारिश का सबसे ज्यादा असर होता है। बच्चों को वायरल इंफेक्शन जल्दी होता है, वहीं बुजुर्गों में गठिया या अस्थमा की समस्या बढ़ जाती है। ऐसे मौसम से राहत के लिए घर में हीटर का उपयोग कर सकते हैं, लेकिन हवा का थोड़ा वेंटिलेशन बनाए रखें।
सर्दी की बारिश में स्टाइल के साथ बचाव भी जरूरी है। इसके लिए ऊनी कपड़ों की लेयरिंग करें ताकि शरीर का तापमान बना रहे। वॉटरप्रूफ जैकेट और जूते पहनें जिससे लुक भी अच्छा लगेगा और सेहत भी अच्छी रहेगी।
इस मौसम में शरीर को गर्म रखने वाले आहार की जरूरत होती है। अदरक, हल्दी, तुलसी, लहसुन, गुड़, मूंगफली, सूप और हर्बल चाय जैसे पदार्थ शरीर की गर्मी और इम्यूनिटी को बढ़ाते हैं। वहीं, ठंडे पेय पदार्थ, बासी खाना और बाहर के तले-भुने स्नैक्स से बचना चाहिए, क्योंकि ये पाचन को कमजोर कर सकते हैं और सर्दी-जुकाम को बढ़ा सकते हैं।
सर्दी की बारिश के बाद घरों में सीलन, फफूंदी और बदबू आम बात है। यह अस्थमा, स्किन इंफेक्शन और एलर्जी के मामलों को बढ़ा सकती है। इससे बचने के लिए घर में धूप आने दें, नीम या कपूर का धुआं करें और दीवारों को सूखा रखें। कमरे में हवा का संचार (वेंटिलेशन) भी जरूरी है ताकि नमी जमा न हो।
बारिश और ठंड के कारण धूप कम मिलती है, जिससे शरीर में सेरोटोनिन स्तर घटता है, जिसके कारण हम थकान, सुस्ती या उदासी महसूस करते हैं। यदि हल्की एक्सरसाइज, संगीत या चाय का एक कप भी मूड को बेहतर बना सकती है।
डॉ. गुप्ता कहते हैं कि सर्दी और बारिश के इस मिश्रित मौसम में कुछ छोटे-छोटे बदलाव आपकी सेहत को सुरक्षित रख सकते हैं। गरम सूप, हर्बल चाय और हल्दी दूध लेते रहें। रोजाना थोड़ी एक्सरसाइज करें और गुनगुना पानी पीते रहें। पर्याप्त नींद लें, तनाव से दूर रहें और बच्चों-बुजुर्गों को ठंड से बचाएं। सुबह की धूप में 15-20 मिनट जरूर बिताएं, क्योंकि यह शरीर में विटामिन D और पॉजिटिव एनर्जी दोनों बढ़ाती है।
डॉ. विशाल गुप्ता बताते हैं कि सर्दी में बारिश होने से सर्द हवाएं और बढ़ जाती हैं। इसलिए बच्चों और बुजुर्गों को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। हार्ट और अस्थमा के मरीजों को बिना जरूरत बाहर न निकलने की सलाह दी जाती है। अगर बाहर जाना जरूरी हो, तो गर्म कपड़े, टोपी और मफलर जरूर पहनें और गुनगुने पानी का नियमित सेवन करें।