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Sweet Potato: 5 हजार साल पुराना है शकरकंद, अमेरिका या भारत, किस देश का है ये, दिलचस्प है इसका इतिहास

Sweet Potato: आज यह दुनिया के लगभग हर कोने में एक पसंदीदा खाद्य पदार्थ बन चुका है। लेकिन क्या आपको पता है शकरकंद का इतिहास क्या है और इसकी उत्पत्ति कहां हुई थी? अगर नहीं, तो आइए जानिए इसके दिलचस्प इतिहास के बारे में, कि आखिर शकरकंद का क्या इतिहास है और यह किस देश का है।

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Feb 13, 2025
History of Sweet Potato

Sweet Potato: शकरकंद, जो आज हर घर का पसंदीदा और पौष्टिक खाद्य बन चुका है, इससे लोग आजकल तरह-तरह के स्वादिष्ट व्यंजन बनाते हैं और बड़े ही चाव से खाते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि शकरकंद 5 हजार साल पुरानी है? और क्या आप जानते हैं कि इसकी उत्पत्ति कहां हुई थी? एक समय था जब इसकी उत्पत्ति को लेकर केवल अनुमान ही लगाए जाते थे। पहले माना जाता था कि शकरकंद का घर अमेरिका है, लेकिन नई रिसर्च से सामने आई सच्चाई, शकरकंदी की उत्पत्ति भारत में ही हुई थी। इस लेख में इससे जुड़ी दिलचस्प जानकारी दी गई है।

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रिसर्च में बताया गया शकरकंद की उत्पत्ति कहां हुई थी

शोध टीम, जिसमें IU के एमेरीटस प्रोफेसर डेविड डिल्चर और उनके भारतीय सहयोगी शामिल थे, ने भारत के पूर्वी हिस्से में शकरकंदी प्रजाति के पत्तियों के जीवाश्म खोजे। ये पत्तियां मॉर्निंग ग्लोरी परिवार की थीं, जिसमें शकरकंद भी शामिल है, और इनकी आयु लगभग 57 मिलियन वर्ष पुरानी है। इस पौधों के परिवार को अब यह माना जा रहा है कि इसकी उत्पत्ति पूर्वी गोंडवाना महाद्वीप में हुई थी, जो पैलियोसीन युग के अंत में था। गोंडवाना भूमि का वह हिस्सा, जहां यह पौधा पहली बार उगना शुरू हुआ, बाद में एशिया का हिस्सा बन गया। इससे पहले, जीवाश्म प्रमाणों ने यह सुझाव दिया था कि मॉर्निंग ग्लोरी परिवार का जन्म लगभग 35 मिलियन वर्ष पहले उत्तरी अमेरिका में हुआ था।

शकरकंद की उत्पत्ति और इसका मूल देश

शकरकंद विशेष रूप से उत्तरी अमेरिका में उग रही थी, लेकिन क्या यह वही खाद्य पौधा था जो आज के समय में लोग खाते हैं, इसके बारे में बहुत कम प्रमाण हैं। इसका कारण यह है कि शोधकर्ताओं द्वारा पाए गए पत्तियों के जीवाश्म 'इपोमिया' जाति के हैं, जो मॉर्निंग ग्लोरी परिवार की है, और इस जाति में शकरकंद के अलावा सैकड़ों अन्य पौधे भी आते हैं। इसके बावजूद, शकरकंदी की उत्पत्ति और इसके मूल देश के बारे में जो भी संदेह हो, यह निर्विवाद है कि शकरकंदी दुनिया भर में सबसे महत्वपूर्ण जड़ वाली सब्जियों में से एक है। यह न सिर्फ पौष्टिक है, बल्कि इसे उगाना और काटना भी आसान है।

द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान सैनिकों की भूख मिटाने में काम आया ये सुपरफूड

भारत में शकरकंद को आमतौर पर छीलकर अरबी या आलू की तरह सब्जी बना कर खाया जाता है, लेकिन सबसे अधिक इसे उबालकर मसाले डालकर खाया जाता है। विदेशों में इसकी बहुत कद्र की जाती है। यहां इसे सामान्य रूप से खाने के अलावा, स्वादिष्ट पाई, मार्शमैलो, स्मूदी जैसी चीजें बनाने में भी इस्तेमाल किया जाता है। शकरकंद का उपयोग स्टार्च और अल्कोहल बनाने में भी होता है। कभी-कभी शकरकंदी और रतालू (Yam) को एक जैसा समझ लिया जाता है, लेकिन दोनों का आपस में कोई संबंध नहीं है। इनका आकार और रंग समान प्रतीत होते हैं, लेकिन शकरकंद नम और मीठी होती है, जबकि रतालू सूखी और फीकी होती है। इन दोनों का उत्पत्ति स्थल भी अलग-अलग है। फलाहारियों के लिए शकरकंद एक बेहतरीन आहार है। कहा जाता है कि द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान, जब युद्ध क्षेत्र में भोजन की भारी कमी हो गई थी, शकरकंदी ने सैनिकों की भूख को शांत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

शरीर के लिए शकरकंद खाना है फयदेमंद

एनर्जी का उत्कृष्ट स्रोत (Excellent source of energy)

शकरकंद पोटेशियम (जो नर्वस सिस्टम के सही ढंग से काम करने के लिए आवश्यक है) और मैग्नीशियम में उच्च होती है, साथ ही इसमें मैंगनीज भी होता है, जो घावों को ठीक करने में मदद करता है। इसमें मौजूद कैल्शियम उन लोगों के लिए फायदेमंद है, जो स्वस्थ हड्डियों के लिए डेयरी उत्पादों का सेवन नहीं करते हैं।

एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर (Rich in Antioxidants)
शकरकंदी के प्रमुख लाभों में से एक यह है कि यह कैरोटीनॉयड्स से भरपूर होती है, जो शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं। ये एंटी-एजिंग में मदद करते हैं और विभिन्न बीमारियों की शुरुआत को रोकते हैं। जो लोग पर्याप्त मात्रा में कैरोटीनॉयड्स का सेवन करते हैं, वे सुनिश्चित करते हैं कि उनकी त्वचा झुर्रियों से मुक्त रहे और वे अंदर और बाहर से युवा महसूस करें।

इम्यूनिटी को बढ़ाता है (Increases immunity)
शकरकंद विटामिन डी का अच्छा स्रोत है, जो शरीर के कई महत्वपूर्ण कार्यों को सुचारू रूप से करने में मदद करता है। इसमें आयरन भी होता है, जो इम्यूनिटी को मजबूत करता है और तनाव को कम करने में मदद करता है।

फाइबर भरपूर (Rich in fiber)
शकरकंद में फाइबर की मात्रा काफी अच्छी होती है, जो आपके पाचन तंत्र को बेहतर बनाने में मदद करता है। यह न केवल कब्ज से राहत दिलाने में मदद करता है, बल्कि पेट की अन्य समस्याओं से भी छुटकारा दिला सकता है।

शकरकंद बनाने वाले खास व्यंजन

शकरकंद का हलवा (Sweet Potato Pudding)
शकरकंद के कबाब (Sweet Potato Kebab)
शकरकंद हलवा (Sweet Potato Halwa)
शकरकंद की खिचड़ी (Sweet Potato Khichdi)
शकरकंद की सब्जी (Sweet Potato Sabzi)
शकरकंद चाट (Sweet Potato Chaat)

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