लखनऊ

Aadhaar Verification: अब नक्शा पास कराने से पहले आधार ई-केवाईसी जरूरी, लखनऊ में लागू हुआ FAST PASS सिस्टम

Aadhaar Verification 2025 : लखनऊ में भवन नक्शा पास कराने की प्रक्रिया अब और पारदर्शी हो गई है। राज्य सरकार ने ‘फास्ट पास’ सॉफ्टवेयर लागू करते हुए आधार आधारित ई-केवाईसी अनिवार्य कर दी है। यह कदम भ्रष्टाचार, फर्जीवाड़ा और देरी पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से उठाया गया है। प्रमुख सचिव आवास ने दिए निर्देश।

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May 23, 2025
फोटो सोर्स : Google: नक्शा पास कराने के लिए अब आधार ई-केवाईसी अनिवार्य

Aadhaar Verification Map Pass Process: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में अब भवन निर्माण के लिए नक्शा पास कराना और भी अधिक पारदर्शी और तकनीकी रूप से सक्षम बना दिया गया है। प्रमुख सचिव आवास पी. गुरु प्रसाद द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार अब नक्शा पास कराने से पहले आधार ई-केवाईसी (Aadhaar e-KYC) अनिवार्य कर दी गई है। इसके लिए 'फास्ट पास' (FAST PASS) सॉफ्टवेयर लागू किया गया है, जो पूरी प्रक्रिया को ऑटोमेटेड, सरल और भ्रष्टाचार-मुक्त बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।

अब नक्शा पास कराने के लिए आधार सत्यापन जरूरी

इस नए निर्देश के अनुसार, अब कोई भी भवन निर्माण योजना, चाहे वह आवासीय हो या व्यावसायिक, जब तक ई-केवाईसी के माध्यम से सत्यापित नहीं होगी, तब तक उसे स्वीकृति नहीं मिलेगी। यह कदम उन फर्जी आवेदनों और संपत्ति धोखाधड़ी मामलों पर रोक लगाने के उद्देश्य से उठाया गया है, जो लंबे समय से शहरी क्षेत्रों में चिंता का विषय रहे हैं।

FAST PASS’ सॉफ्टवेयर से प्रक्रिया होगी तकनीकी और तेज

फास्ट पास (Fast Approval System Through Technology - Public Access to Smart Services) सॉफ्टवेयर एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म है जो आवंटी, आर्किटेक्ट और नगर निगम के बीच सम्पूर्ण प्रक्रिया को डिजिटल रूप में जोड़ता है। इसकी विशेषताएं हैं:

  • ई-केवाईसी सत्यापन के बिना नक्शा आगे नहीं बढ़ेगा
  • सभी दस्तावेज और नक्शे डिजिटल रूप से अपलोड होंगे
  • वास्तविक समय में फाइल की स्थिति का ट्रैक
  • रिश्वत, देरी और फर्जीवाड़े की संभावना में कमी

प्रमुख सचिव आवास पी. गुरु प्रसाद के दिशा-निर्देश

पी. गुरु प्रसाद ने सभी नगरीय निकायों को निर्देश दिए हैं कि हर आवंटी का आधार ई-केवाईसी अनिवार्य रूप से कराया जाए, जिन नक्शों की जांच हो चुकी है लेकिन मंजूरी नहीं मिली, उनमें भी सत्यापन कराना जरूरी। संबंधित नगर विकास विभाग के पोर्टल को फास्ट पास से जोड़ा जाए। नगर निगम कर्मियों को प्रशिक्षण दिया जाए .

नई व्यवस्था से क्या होंगे लाभ

  • धांधली पर रोक: फर्जी नाम और पतों पर नक्शा पास नहीं किया जा सकेगा।
  • तेजी से मंजूरी: तकनीकी प्रक्रिया तेज होगी, जिससे नक्शा पास होने में लगने वाला समय घटेगा।
  • भ्रष्टाचार में कमी: रिश्वतखोरी के लिए अब कोई जगह नहीं बचेगी क्योंकि दस्तावेजों का सत्यापन सिस्टम से होगा।
  • पारदर्शिता: हर आवंटी को अपने आवेदन की स्थिति की जानकारी ऑनलाइन मिलेगी।

आर्किटेक्ट और एजेंसियों को भी करना होगा केवाईसी अनिवार्य

केवल आवंटी ही नहीं, अब रजिस्टर्ड आर्किटेक्ट, प्लानर और निर्माण एजेंसियों को भी अपनी पहचान सत्यापित करानी होगी। इससे यह सुनिश्चित किया जाएगा कि वे सक्षम और अधिकृत हैं।

शहरी विकास के लिए बड़ा कदम

यह पहल राज्य सरकार के डिजिटल इंडिया मिशन और ई-गवर्नेंस को मजबूती देने की दिशा में उठाया गया महत्वपूर्ण कदम है। इससे लखनऊ के अलावा राज्य के अन्य शहरों में भी निर्माण कार्यों में अनुशासन और पारदर्शिता आएगी।

पुराने नक्शों की भी होगी दोबारा जांच

  • जिन नक्शों को बिना ई-केवाईसी के पास कर दिया गया है, उन पर भी समीक्षा की जाएगी। यदि कोई नक्शा फर्जी दस्तावेजों पर आधारित पाया गया तो उसे निरस्त किया जा सकता है और जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्यवाही की जाएगी।
  • नगर निगम और विकास प्राधिकरण की जिम्मेदारी बढ़ी
  • नगर निगम, लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) और अन्य शहरी निकायों को यह सुनिश्चित करना होगा कि:
  • सभी नए आवेदनों में ई-केवाईसी अनिवार्य रूप से किया गया हो
  • बिना सत्यापन के कोई आवेदन स्वीकृत न हो
  • सभी प्रक्रियाएं समयबद्ध और डिजिटल हों

नागरिकों के लिए जागरूकता अभियान की तैयारी

प्रदेश सरकार द्वारा नागरिकों के बीच जागरूकता फैलाने के लिए विशेष अभियान भी चलाया जाएगा ताकि लोग इस नई प्रणाली के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकें और नक्शा पास कराने में किसी प्रकार की असुविधा न हो।

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