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UP Roadway: उत्तर प्रदेश में डग्गामार वाहनों पर सख्ती: रोडवेज परिषद का अभियान, अवैध परिवहन पर लगेगा अंकुश

UP Roadway News: लखनऊ में आयोजित रोडवेज कर्मचारी परिषद की बैठक में प्रदेशभर में अवैध डग्गामार वाहनों के खिलाफ सख्त अभियान चलाने का निर्णय लिया गया। साथ ही संविदा व आउटसोर्स कर्मियों की समस्याओं पर चर्चा हुई। मांगें पूरी न होने पर आंदोलन की चेतावनी भी दी गई।

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लखनऊ

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Ritesh Singh

May 23, 2025

फोटो सोर्स : पत्रिका : डग्गामार वाहन, संविदा कर्मचारी, आउटसोर्स पारिश्रमिक और संगठन पर लिए गए अहम निर्णय

फोटो सोर्स : पत्रिका : डग्गामार वाहन, संविदा कर्मचारी, आउटसोर्स पारिश्रमिक और संगठन पर लिए गए अहम निर्णय

UP Roadway Staff Union Policy: चारबाग बस स्टेशन पर रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद उत्तर प्रदेश की केंद्रीय प्रबंध समिति की एक अति आवश्यक बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में उत्तर प्रदेश परिवहन निगम और उसके कर्मचारियों से जुड़ी कई महत्वपूर्ण समस्याओं और प्रस्तावों पर विस्तार से चर्चा हुई। विशेष रूप से राज्य भर में डग्गामार (अवैध) वाहनों पर अंकुश लगाने को लेकर जोरदार निर्णय लिए गए, जिससे न केवल निगम की आय की रक्षा होगी बल्कि आम जनता की सुरक्षा भी सुनिश्चित की जाएगी।

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डग्गामार वाहनों पर चलेगा विशेष अभियान

बैठक में यह स्पष्ट किया गया कि प्रदेश के राष्ट्रीयकृत मार्गों पर बिना परमिट या नियमों का उल्लंघन करके चलने वाले अवैध वाहन, न केवल परिवहन निगम की आय को नुकसान पहुंचा रहे हैं बल्कि यात्री सुरक्षा के लिए भी खतरा बन चुके हैं।
फैसला लिया गया कि प्रत्येक जनपद के जिलाधिकारी, संभागीय परिवहन अधिकारी और संबंधित नियंत्रक अधिकारियों को नोटिस भेजे जाएंगे। आवश्यकता पड़ने पर आंदोलन और धरना प्रदर्शन की भी योजना बनाई जाएगी। इन वाहनों पर प्रशासनिक और कानूनी कार्यवाही के लिए जन दबाव बनाया जाएगा।

महंगाई भत्ता न मिलने पर असंतोष

बैठक में यह मुद्दा भी प्रमुखता से उठाया गया कि कर्मचारियों को देय तिथि से महंगाई भत्ता (DA) नहीं दिया गया है। इससे कर्मचारियों में गहरा असंतोष व्याप्त है। परिषद ने शासन और निगम प्रबंधन को चेताया है कि यदि शीघ्र इस विषय में निर्णय नहीं लिया गया, तो आंदोलन की राह अपनाई जाएगी।

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संविदा चालकों और परिचालकों की नियमित नियुक्ति की मांग

बैठक में 2001 तक नियुक्त संविदा चालकों और परिचालकों को स्थायी नियुक्ति देने की मांग फिर से उठाई गई। परिषद का कहना है कि लंबे समय से कार्यरत इन कर्मियों को अब तक नियमित नहीं किया गया, जो अन्यायपूर्ण है। इसके साथ ही, संविदा कर्मियों के साथ हो रहे आर्थिक उत्पीड़न को रोकने और उनके पारिश्रमिक में वृद्धि की मांग भी जोरदार तरीके से रखी गई।

आउटसोर्स कर्मचारियों के पारिश्रमिक में बढ़ोतरी की मांग

बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि निगम में कार्यरत आउटसोर्स कर्मचारियों को उनकी सेवाओं के अनुसार पर्याप्त पारिश्रमिक मिलना चाहिए। बैठक में प्रस्ताव पारित किया गया कि निगम प्रबंधन से इस विषय पर वार्ता कर सकारात्मक निर्णय लेने हेतु दबाव बनाया जाएगा।

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21 अप्रैल की वार्ता के निर्णयों के क्रियान्वयन की चेतावनी

बैठक में यह भी स्पष्ट किया गया कि 21 अप्रैल 2025 को उच्च प्रबंधन के साथ हुई बैठक में जो सहमति बनी थी, वह अब तक पूरी तरह लागू नहीं हुई है। परिषद ने शासन व निगम प्रबंधन को अंतिम चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि शीघ्र क्रियान्वयन नहीं हुआ तो स्थगित आंदोलन को पुनः प्रारंभ किया जाएगा।

1165 मृतक आश्रितों की नियुक्ति पर आभार

बैठक में एक सकारात्मक निर्णय पर सरकार का आभार भी व्यक्त किया गया। 1165 मृतक आश्रितों की नियुक्ति को मंजूरी देने पर परिषद ने मुख्यमंत्री, परिवहन मंत्री, प्रमुख सचिव और प्रबंध निदेशक का धन्यवाद ज्ञापित किया। इसे श्रमिक कल्याण की दिशा में एक सराहनीय कदम बताया गया।

संगठन को और मजबूत करने पर चर्चा

  • बैठक में संगठन की मजबूती पर भी गहन चर्चा की गई। यह तय किया गया कि:
  • जमीनी स्तर पर कर्मचारी एकता को बढ़ाया जाएगा।
  • हर डिपो और मंडल में संगठन की शाखाएं सक्रिय रूप से कार्य करेंगी।
  • कर्मचारियों के मुद्दों को लेकर लगातार शासन से संवाद बनाए रखा जाएगा।

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गिरिजा शंकर तिवारी की अध्यक्षता में ऐतिहासिक बैठक

यह महत्वपूर्ण बैठक गिरिजा शंकर तिवारी की अध्यक्षता में हुई, जिसमें प्रदेश भर से आए केंद्रीय पदाधिकारियों और प्रतिनिधियों ने भाग लिया। बैठक देर शाम तक चली और अनेक महत्वपूर्ण प्रस्तावों को पारित किया गया। उन्होंने कहा कि अब कर्मचारी संगठन सिर्फ मांग नहीं बल्कि कार्रवाई की दिशा में आगे बढ़ने को तैयार हैं। अवैध वाहनों पर रोक, कर्मचारियों की स्थायीत्व की मांग, मानदेय और भत्तों का भुगतान- इन सभी मुद्दों पर यदि सरकार ने सकारात्मक रुख न अपनाया, तो एक बार फिर प्रदेश भर में आंदोलन का माहौल बन सकता है।