Scheme for Agniveer:अग्निवीरों को विभागीय भर्तियों में नौकरी की अवधि के बराबर आयु सीमा में छूट मिलने वाली है। अग्निवीर के रूप में देश की सेवा करने के बाद लौटने वाले नौजवानों के पुनर्वास और रोजगार के लिए सरकार ने शुरुआती प्लान तैयार कर लिया है।
Scheme for Agniveer:सरकारी भर्तियों में अग्निवीरों को बड़ी छूट मिलने जा रही है। उत्तराखंड में अग्निवीरों के पुनर्वास और अन्य सुविधाओं की संभावनाएं तलाशने के लिए गठित चौधरी कमेटी ने आरक्षण, रोजगार, स्वरोजगार से जुड़ी पांच महत्वपूर्ण सिफारिशें की हैं। बताया जा रहा है कि अनुसार चौधरी कमेटी ने अपनी रिपोर्ट अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन के कार्यालय को सौंप दी। इस कमेटी की सिफारिशों का अध्ययन करने के बाद कैबिनेट में प्रस्ताव लाया जाएगा। कुछ समय पहले अपर मुख्य सचिव-वित्त एवं कार्मिक आनंद बर्द्धन ने सैनिक कल्याण सचिव दीपेंद्र कुमार चौधरी की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय कमेटी का गठन किया था। इस कमेटी को सेवानिवृत्त होने पर अग्निवीरों के रोजगार और पुनर्वास के लिए हर क्षेत्र में संभावनाएं तलाशने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। कमेटी में शामिल विभिन्न विभागों के प्रतिनिधियों ने अध्ययन करने के बाद रिपोर्ट को अंतिम रूप दे दिया है। बताया जा रहा है कि रिपोर्ट में अग्निवीरों के लिए पांच प्रमुख संस्तुतियां की गई हैं। साल 2022 में अग्निवीर योजना शुरू हुई थी। पहले बैच के हजारों अग्निवीर करीब दो साल बाद रिटायर हो जाएंगे। उन सेवानिवृत्त अग्निवीरों के भविष्य को संवारने को उत्तराखंड सरकार बेहतर कदम उठाने जा रही है।
1सरकारी भर्तियों में सेना में सेवा अवधि के वर्षों की संख्या के अनुसार अधिकतम आयु सीमा में छूट
2 अग्निवीरों को राज्य के सभी वर्दीधारी विभागों में क्षैतिज आरक्षण, इसकी सीमा कैबिनेट तय करेगी
3उच्च शिक्षा प्राप्त करने के इच्छुक पूर्व अग्निवीरों को राज्य के शिक्षण संस्थानों की सीटों पर आरक्षण
4 राज्य की स्वरोजगार और ऋण योजनाओं में विशेष प्राथमिकता, जिससे वे स्वरोजगार स्थापित कर सकें
5 उपनल में पूर्व सैनिकों के समान अग्निवीरों को भी सरकारी विभागों में आउटसोर्स सेवाओं में प्राथमिकता
सीएम पुष्कर सिंह धामी ने अग्निवीरों के सेवा पूरी करने के बाद उनके समायोजन, पुनर्वास के लिए ठोस व्यवस्था करने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि देश की सेवा के लिए समर्पित होने वाले नौजवानों को सेवा अवधि पूरी करने के बाद रोजगार, पुनर्वास के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा। सरकार उनके लिए विभिन्न सेक्टर में व्यवस्थाएं बनाएगी। मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद से शासन स्तर पर ये कवायद चल रही है।