Bihar Voter Registration: उत्तर प्रदेश में अस्थायी रूप से निवास कर रहे बिहार राज्य के मतदाता 25 जुलाई 2025 तक गणना प्रपत्र भर सकते हैं। निर्वाचन आयोग ने प्रवासी मतदाताओं से अपील की है कि वे निर्धारित तिथि से पहले आवश्यक दस्तावेजों के साथ फॉर्म भरकर मतदाता सूची में अद्यतन कराएं और अपने मतदान अधिकार को सुरक्षित करें ।
Voter Registration 2025: उत्तर प्रदेश में अस्थायी रूप से निवास कर रहे बिहार राज्य के प्रवासी मतदाताओं के लिए अहम सूचना जारी की गई है। भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार, ऐसे सभी मतदाता जो फिलहाल उत्तर प्रदेश में निवासरत हैं लेकिन जिनकी स्थायी मतदाता पहचान बिहार में दर्ज है, वे 25 जुलाई 2025 तक गणना प्रपत्र (Form of Enumeration) भरकर अपना विवरण प्रस्तुत कर सकते हैं। यह कवायद आगामी चुनावों में मतदाता सूची के शुद्धिकरण और अद्यतन के उद्देश्य से की जा रही है।
प्रदेश के सभी जिलों में इस संबंध में विशेष जागरूकता और दस्तावेज़ संकलन अभियान शुरू कर दिया गया है। निर्वाचन कार्यालयों और बीएलओ (बूथ लेवल ऑफिसर) के माध्यम से प्रवासी मतदाताओं को फॉर्म भरने की प्रक्रिया समझाई जा रही है। साथ ही, आयोग ने नागरिकों से अपील की है कि वे समय सीमा के भीतर सभी आवश्यक दस्तावेजों सहित गणना प्रपत्र भरकर जमा करें ताकि उन्हें मतदाता सूची में उचित रूप से दर्शाया जा सके।
गणना प्रपत्र, जिसे तकनीकी रूप से Form 6, 6A, 7, 8 या 8A के नाम से जाना जाता है, भारतीय निर्वाचन आयोग द्वारा जारी किया गया एक आधिकारिक दस्तावेज होता है, जिसके माध्यम से मतदाता:
इस प्रक्रिया के तहत आयोग यह सुनिश्चित करता है कि एक व्यक्ति का नाम दो जगह या दो बार न दर्ज हो, और मतदाता की जानकारी अद्यतन, सत्य और प्रासंगिक बनी रहे।
बिहार के हजारों नागरिक नौकरी, शिक्षा, श्रमिक कार्य या पारिवारिक कारणों से अस्थायी रूप से उत्तर प्रदेश में निवास कर रहे हैं। ये नागरिक अक्सर चुनाव के समय अपने गृह जनपद नहीं जा पाते, जिससे वे मतदान के अधिकार से वंचित हो जाते हैं। निर्वाचन आयोग का उद्देश्य है कि यदि कोई नागरिक दीर्घकालिक रूप से किसी अन्य राज्य में निवास कर रहा है, तो वह अपने नए निवास स्थान पर ही मतदाता के रूप में पंजीकृत हो सके और मतदान का अधिकार प्रयोग कर सके।
निर्वाचन आयोग द्वारा इस प्रक्रिया के लिए 25 जुलाई 2025 की अंतिम तिथि निर्धारित की गई है। इस तारीख के बाद प्राप्त आवेदनों को आगामी मतदाता सूची अद्यतन चक्र में लिया जाएगा, जिससे वर्तमान चुनावों में मतदान का अवसर नहीं मिल पाएगा।
बीएलओ इस संपूर्ण अभियान में जमीनी स्तंभ के रूप में कार्य कर रहे हैं। वे घर-घर जाकर प्रवासी नागरिकों की पहचान कर रहे हैं, फॉर्म उपलब्ध करा रहे हैं, दस्तावेज़ सत्यापित कर रहे हैं और जरूरत पड़ने पर भरने में मदद भी कर रहे हैं। जिलों में शिविरों और विशेष काउंटरों की भी व्यवस्था की जा रही है ताकि प्रवासी नागरिक आसानी से अपनी उपस्थिति दर्ज करा सकें।
भारत निर्वाचन आयोग का यह प्रयास चुनावों में पारदर्शिता, समावेशन और सहभागिता बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है। प्रवासी श्रमिकों और छात्रों को मतदान प्रक्रिया में सम्मिलित करना लोकतंत्र को अधिक मजबूत और प्रतिनिधिक बनाता है।
प्रदेश के विभिन्न जिलों में जागरूकता अभियान, पोस्टर, सोशल मीडिया, स्थानीय समाचार पत्रों और प्रसारण माध्यमों के जरिये लोगों को जानकारी दी जा रही है। बीएलओ द्वारा बैनर, पर्चे और नुक्कड़ सभाओं के माध्यम से भी जानकारी दी जा रही है ताकि एक भी पात्र मतदाता छूट न जाए।
राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि “बिहार के जो मतदाता उत्तर प्रदेश में काम या पढ़ाई के सिलसिले में अस्थायी रूप से रह रहे हैं, उनके लिए यह अवसर है कि वे समय रहते अपना गणना प्रपत्र भरें। मतदाता सूची में अद्यतन से उन्हें मतदान का अधिकार मिलेगा, जो लोकतंत्र का मूल आधार है।”