लखनऊ

New Birth Certificate Rule 2025: अब पहचान का पहला दस्तावेज़: जन्म के साथ ही शुरू होगी सरकारी पहचान की यात्रा

Birth Certificate Registration: अब उत्तर प्रदेश में जन्म लेने वाले सभी बच्चों की पहचान के लिए केवल जन्म प्रमाण पत्र को ही वैध दस्तावेज माना जाएगा। भारत सरकार के निर्देशों के तहत राज्य सरकार ने इस संबंध में कई बड़े बदलाव किए हैं। आइए जानते हैं इसके पीछे की वजह और नए नियमों की पूरी जानकारी।

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May 16, 2025
New Govt Rules, Online Birth Registration

New Birth Certificate Govt Rule 2025: उत्तर प्रदेश सहित पूरे देश में अब एक अक्टूबर 2023 के बाद जन्म लेने वाले सभी बच्चों की जन्मतिथि और जन्म स्थान की आधिकारिक पुष्टि केवल जन्म प्रमाण पत्र के माध्यम से ही की जाएगी। भारत सरकार द्वारा लागू किए गए इस नए नियम के तहत जन्म प्रमाण पत्र को एकमात्र मान्य दस्तावेज घोषित किया गया है। उत्तर प्रदेश में इस व्यवस्था को सख्ती से लागू किया गया है, जिससे सभी जन्मों का सटीक और समयबद्ध पंजीकरण सुनिश्चित किया जा सके।

क्या है नया नियम

  • भारत सरकार द्वारा लागू किए गए नए निर्देशों के अनुसार, अब निम्नलिखित कार्यों के लिए जन्म प्रमाणपत्र अनिवार्य होगा:
  • स्कूल में दाखिला
  • ड्राइविंग लाइसेंस
  • वोटर आईडी
  • आधार कार्ड
  • पासपोर्ट
  • विवाह पंजीकरण
  • सरकारी योजनाओं का लाभ
  • किसी भी सरकारी दस्तावेज में जन्म स्थान और तारीख का प्रमाण

कहां होगा पंजीकरण

बच्चे के जन्म या किसी व्यक्ति की मृत्यु का पंजीकरण अब केवल उसी स्थान पर होगा जहां वह घटना घटी हो। इसके लिए संबंधित विभागों में नियुक्त रजिस्ट्रार निम्नलिखित होंगे जैसे ...

शहरी क्षेत्रों में

  • नगर निगम के जोनल अधिकारी
  • नगर पालिका परिषद और नगर पंचायत के अधिशासी अधिकारी
  • सरकारी अस्पतालों के प्रभारी चिकित्सक

ग्रामीण क्षेत्रों में

  • स्वास्थ्य उपकेंद्रों की ANM
  • ग्राम पंचायतों के ग्राम विकास अधिकारी

ऑनलाइन पंजीकरण अनिवार्य

  • भारत सरकार ने 1 फरवरी 2020 से ही CRS पोर्टल (crsorgi.gov.in) पर ऑनलाइन पंजीकरण को अनिवार्य कर दिया था। अब इस नियम को और अधिक सख्ती से लागू किया गया है:
  • किसी भी अन्य पोर्टल या हाथ से लिखे प्रमाण पत्र अवैध माने जाएंगे
  • पुराने प्रमाणपत्रों को भी डिजिटल किया जा सकता है
  • आम नागरिक अब 21 दिन के भीतर घर से ही जन्म/मृत्यु की जानकारी ऑनलाइन दे सकते हैं
  • पंजीकरण की समय सीमा और शुल्क

निजी अस्पतालों की जिम्मेदारी

सभी निजी अस्पतालों, नर्सिंग होम, मैटरनिटी सेंटर्स को अब 'सूचनादाता' घोषित कर दिया गया है। इन्हें एक विशेष सूचनादाता ID दी गई है जिससे वे सीधा पोर्टल पर ऑनलाइन सूचना दे सकते हैं। इसके बाद, प्रमाण पत्र रजिस्ट्रार की स्वीकृति के बाद परिवार को जारी किया जाएगा।

आम नागरिकों के लिए सुविधा

  • अब आम लोग भी घर पर ही ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं, विशेषकर जब जन्म घर पर हुआ हो 
  • crsorgi.gov.in पोर्टल पर जाएं
  • रजिस्ट्रेशन करें और जन्म/मृत्यु की सूचना दें
  • आवश्यक दस्तावेज अपलोड करें
  • रजिस्ट्रार की स्वीकृति के बाद प्रमाण पत्र डाउनलोड करें

सरकार का उद्देश्य

  • नागरिकों का एकीकृत डिजिटल रिकॉर्ड बनाना
  • सभी सरकारी सेवाओं में एक समान पहचान दस्तावेज़ का उपयोग
  • जालसाजी और फर्जी दस्तावेजों की रोकथाम
  • जन्म और मृत्यु के आंकड़ों को स्वास्थ्य नीति निर्माण में प्रयोग करना
  • एक ही दस्तावेज़ से कई काम
  • स्कूल एडमिशन से पासपोर्ट तक
  • सरकारी योजनाओं में पारदर्शिता
  • जन्म स्थान और तिथि को लेकर विवाद नहीं
  • राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर और जनगणना के लिए स्पष्ट डेटा
  • स्वास्थ्य संबंधी नीतियों की प्लानिंग बेहतर
  • यदि नहीं किया पंजीकरण तो क्या नुकसान हो सकता है
  • बच्चे को स्कूल में दाखिला लेने में परेशानी
  • भविष्य में कोई सरकारी दस्तावेज नहीं बन पाएगा
  • सरकारी योजनाओं में लाभ नहीं मिलेगा
  • पासपोर्ट, आधार, वोटर ID जैसी चीज़ों में देरी
  • विवाह पंजीकरण और उत्तराधिकार मामलों में दिक्कत

जनता के लिए जरूरी सूचना

  • बच्चे का जन्म होते ही 21 दिन के भीतर पंजीकरण कराना अब सिर्फ ज़रूरी नहीं, बल्कि अनिवार्य है।
  • समय पर पंजीकरण कराएं
  • गलत जानकारी देने से बचें
  • सभी दस्तावेज सत्यापित रखें
  • रजिस्ट्रार की स्वीकृति के बिना कोई प्रमाणपत्र वैध नहीं होगा
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