लखनऊ के चौराहों पर लगाए गए "I Love Yogi Ji" और "I Love Bulldozer" पोस्टर ने फिर से धार्मिक और राजनीतिक विवाद को जन्म दे दिया। मुस्लिम समुदाय इसे भड़काने वाली हरकत बता रहा है। जबकि भाजपा युवा मोर्चा इसे सियासी समर्थन के रूप में दिखा रहा है।
देशभर में “I Love Muhammad” अभियान के तहत कई जगहों पर प्रदर्शन और विवाद सामने आ रहे हैं। पुलिस ने कई प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया है। कुछ जगहों पर लाठीचार्ज भी किया गया। इसी बीच, उत्तर प्रदेश में हिंदू समुदाय के लोगों ने इसका जवाब देते हुए “I Love Mahadev” के पोस्टर लगाना शुरू कर दिया। लेकिन हाल ही में लखनऊ में एक नया विवाद उभरा है।
भाजपा युवा मोर्चा के नेता पोस्टरों पर “I Love Yogi Ji” और “I Love Bulldozer” लिखवाकर सार्वजनिक जगहों पर लगाए गए हैं। मुस्लिम समुदाय के लोगों का कहना है कि ये पोस्टर जानबूझकर उनकी भावनाओं को ठेस पहुँचाने और भड़काने के लिए लगाए गए हैं। इस विवाद की पृष्ठभूमि में यह भी है कि हाल ही में उत्तराखंड के अली खान इलाके में “I Love Muhammad” अभियान के दौरान हिंसक झड़पें हुई थीं। उस दौरान पुलिस ने कुछ मुस्लिम घरों पर बुलडोजर कार्रवाई की थी। इस कारण बुलडोजर को अब कई लोग मुसलमानों के खिलाफ कार्रवाई करने वाले उपकरण के रूप में देख रहे हैं। लखनऊ में लगाए गए पोस्टरों के पीछे भाजपा युवा मोर्चा के महामंत्री का हाथ बताया जा रहा है। पोस्टर मुख्य रूप से समता चौराहा और राजभवन चौराहा पर लगाए गए हैं। पोस्टरों में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तस्वीर के साथ बुलडोजर की तस्वीर भी दिखाई जा रही है।
सियासी और सामाजिक पृष्ठभूमि को देखते हुए, बुलडोजर अब योगी सरकार की एक प्रतीकात्मक छवि बन चुका है। अक्सर मस्जिद, मदरसे और मजारों पर अवैध अतिक्रमण के नाम पर बुलडोजर कार्रवाई की जाती है। जिससे इसे मुसलमानों के खिलाफ एक शक्ति के रूप में देखा जाता है। हालांकि प्रशासन का कहना है कि बुलडोजर किसी समुदाय विशेष के खिलाफ नहीं है।