Fraud:खुद को सीएम योगी आदित्यनाथ का सलाहकार और गोरखनाथ मठ से जुड़े होने का दावा कर एक व्यक्ति ने यूपी के मुख्य सचिव के हवाले से एक फर्जी आदेश पत्र जारी कर दिया। पत्र में राज्य सरकार से एक व्यक्ति को सुरक्षा देने के आदेश जारी किए गए थे। मामला पकड़ में आते ही पुलिस ने तीन लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है।
Fraud:खुद को सीएम योगी आदित्यनाथ का सलाहकार बताते हुए एक व्यक्ति ने उत्तराखंड के देहरादून निवासी नीरज कश्यप पुत्र हुकुम सिंह को पुलिस सुरक्षा दिलवाने के संबंध में यूपी के मुख्य सचिव के हवाले से एक फर्जी आदेश पत्र जारी कर दिया। बाकायदा उस फर्जी पत्र में पत्रांक नंबर और यूपी के मुख्य सचिव के हस्ताक्षर भी थे। पत्र जारी करवाने वाले ने खुद को न केवल सीएम योगी आदित्यनाथ का सलाहकार बताया, बल्कि गोरखनाथ मठ से भी जुड़ा बताया। ये पत्र अचानक सोशल मीडिया में वायरल हो गया। मामला सामने आते ही पुलिस ने जांच शुरू कर दी थी। पुलिस टीम सीधे नीरज कश्यप के पास पहुंची। पूछताछ में नीरज ने पुलिस को बताया कि उसे यह पत्र देहरादून निवासी पंडित आचार्य उर्फ नागेंद्र ने भेजा था। नीरज ने पुलिस को बताया कि पंडित आचार्य उर्फ नागेंद्र खुद को गोरखनाथ मठ से जुड़ा हुआ और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ का सलाहकार होने का दावा करता है। इस पर पुलिस ने नागेंद्र से पूछताछ की तो उसने बताया कि उसे ये पत्र लखनऊ से सुधीर मिश्रा ने भेजा है। उसके बाद पूरी हकीकत पुलिस के सामने आ गई थी। पुलिस ने नीरज, नागेंद्र और सुधीर मिश्रा के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।
यूपी के सीएम के सलाहकार होने का दावा करने वाले पंडित आचार्य ने मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश के पत्र के हस्ताक्षर में भी खूब कूट संरचना की। उसने यूपी के मुख्य सचिव के हस्ताक्षर कॉपी करके फर्जी पत्र में पेस्ट कर दिए। पुलिस जांच में भी पत्र फर्जी निकला। इसमें हस्ताक्षर किसी और शासनादेश से कॉपी पेस्ट किए गए थे। पत्रांक का नंबर भी किसी अन्य आदेश का था ।
खुद को यूपी के सीएम का सलाहकार बताने वाले आचार्य पर पुलिस का शिकंजा कस चुका है। पुलिस के मुताबिक मुताबिक आचार्य जांच में सहयोग भी नहीं कर रहा है। वह लगातार पुलिस को बरगलाने का काम कर रहा है। एसएसपी अजय सिंह के मुताबिक तीनों आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। मामले की गहनता से जांच की जा रही है।