Chief Minister Yogi Adityanath: गर्मियों में जंगलों और वन क्षेत्रों में आग लगने की घटनाओं को रोकने के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर वन विभाग ने कमान संभाल ली है। लखनऊ मुख्यालय में 24x7 अग्नि नियंत्रण सेल सक्रिय कर दिया गया है। हर प्रभागीय वनाधिकारी कार्यालय में अग्नि नियंत्रण कक्ष बनाए गए हैं, जहां से हर छोटी-बड़ी घटना पर नजर रखी जाएगी।
CM Yogi instructions Forest Fire Control: उत्तर प्रदेश में बढ़ते तापमान के साथ ही जंगलों और वन क्षेत्रों में आग लगने की घटनाओं को रोकने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सख्त निर्देश दिए हैं। इसी क्रम में लखनऊ मुख्यालय में अग्नि नियंत्रण सेल को पूरी तरह सक्रिय कर दिया गया है। इसके साथ ही, हर प्रभागीय वनाधिकारी के कार्यालय में भी अग्नि नियंत्रण कक्ष बनाए गए हैं, जिससे छोटी से छोटी घटनाओं पर नजर रखी जा सके। यह सेल 24 घंटे कार्य करेगा और प्रत्येक घटना की जानकारी मुख्यालय तक पहुंचाई जाएगी।
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पर्यावरण संरक्षण और वन्यजीव सुरक्षा के दृष्टिगत प्रदेश सरकार ने वन विभाग को अलर्ट कर दिया है। जंगलों में आग की घटनाओं को रोकने के लिए अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में निगरानी बढ़ाएं और स्थानीय स्तर पर त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करें। इसके लिए अग्नि नियंत्रण सेल की मॉनिटरिंग के लिए नोडल अधिकारियों की नियुक्ति भी कर दी गई है।
मुख्यालय स्तर पर नागरिकों की सहभागिता और त्वरित सूचना तंत्र को मजबूत बनाने के लिए वन विभाग ने हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं। इन नंबरों के माध्यम से कोई भी नागरिक जंगलों में लगी आग की सूचना दे सकता है।
प्रदेश के उन जनपदों को संवेदनशील की सूची में रखा गया है, जहां जंगलों में आग लगने की घटनाएं ज्यादा होती हैं। इन जिलों में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में विशेष समिति का गठन किया गया है, जो वन विभाग और अन्य एजेंसियों के साथ मिलकर बचाव कार्यों की रणनीति तैयार करेगी। साथ ही, जंगलों में आग लगने की घटनाओं को रोकने के लिए स्थानीय ग्रामीणों को भी प्रशिक्षित किया जा रहा है।
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जंगलों में आग लगने के प्रमुख कारणों में मानवीय लापरवाही और अत्यधिक गर्मी का असर शामिल है। जलती हुई बीड़ी-सिगरेट फेंकना, खुली आग छोड़ना, सूखे पत्तों में लगी चिंगारी हवा से फैलना, आदि मुख्य कारण हैं। वन विभाग द्वारा निम्नलिखित उपाय किए जा रहे हैं:
उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश की तरह अब उत्तर प्रदेश में भी आधुनिक तकनीकों का उपयोग किया जाएगा। फॉरेस्ट फायर मॉनिटरिंग एप्लिकेशन और ड्रोन कैमरों की मदद से आग लगने की घटनाओं पर तेजी से नजर रखी जाएगी। इससे आग लगने की स्थिति में त्वरित अलर्ट मिल सकेगा और बचाव कार्यों में तेजी लाई जा सकेगी।
वन विभाग ने नागरिकों से अपील की है कि वे जंगलों में आग लगाने से बचें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तत्काल संबंधित अधिकारियों को दें। जागरूकता और सतर्कता से ही इन घटनाओं पर अंकुश लगाया जा सकता है। उत्तर प्रदेश सरकार और वन विभाग गर्मियों में जंगलों में आग लगने की घटनाओं को रोकने के लिए प्रतिबद्ध हैं। नागरिकों की सतर्कता और सहयोग से ही इन घटनाओं को कम किया जा सकता है।