Panchayat Election 2025: 2027 विधानसभा चुनाव के मद्देनज़र यूपी कांग्रेस ने तैयारी का खाका खींच लिया है। दावेदारों के लिए टिकट पाने की पहली सीढ़ी अब पंचायत चुनाव में जीत बन गई है।
उत्तर प्रदेश में 2027 के विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस ने जमीनी तैयारी शुरू कर दी है। पार्टी ने एक 100 दिन का संगठन सृजन कार्यक्रम शुरू किया है, जिसका उद्देश्य प्रदेश के हर बूथ, ब्लॉक, जिला और मंडल स्तर पर संगठन को मजबूती देना है।
कांग्रेस ने इस बार प्रदेश की सभी 403 विधानसभा सीटों को तीन श्रेणियों-A, B और C-में विभाजित किया है। A श्रेणी में वे सीटें हैं, जहां कांग्रेस की स्थिति मजबूत है या जीत की अच्छी संभावना है। B श्रेणी में वे सीटें हैं जहां थोड़े प्रयास से मुकाबला बनाया जा सकता है, जबकि C श्रेणी की सीटें वे हैं, जहां संगठन कमजोर है लेकिन लंबी दूरी की तैयारी की जा रही है।
कांग्रेस इस बार पूरी तरह से संगठन आधारित रणनीति पर फोकस कर रही है। सूत्रों के मूताबिक, अब हर जिले में एक संगठन सृजन कोऑर्डिनेटर नियुक्त किया जाएगा जो पार्टी को बूथ स्तर की रिपोर्टिंग देगा। इसके अलावा, हर ब्लॉक और जिला स्तर पर भी निगरानी की व्यवस्था की जा रही है। पार्टी 15 जून तक वार्ड और ब्लॉक अध्यक्षों की नियुक्ति पूरी करने का लक्ष्य लेकर चल रही है। इससे पहले ही जिला और शहर समितियों का गठन हो चुका है, और अब प्रदेश कार्यसमिति के गठन की तैयारी है।
कांग्रेस ने इस रणनीति में डिजिटल डेटा, जातीय समीकरण और स्थानीय फीडबैक को आधार बनाकर माइक्रो प्लानिंग शुरू की है। हर बूथ पर कार्यकर्ता तैनात किए जाएंगे, सोशल मीडिया पर नैरेटिव तैयार किया जाएगा और जनसंपर्क अभियान चलाया जाएगा। सोशल मीडिया के साथ-साथ जमीनी जनसंपर्क को भी प्राथमिकता दी जा रही है, ताकि जनता के साथ सीधा संवाद हो सके।
एक महत्वपूर्ण फैसला यह भी है कि कांग्रेस आगामी पंचायत चुनाव अकेले लड़ेगी। एक मीडिया हाउस से बातचीत में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने कहा, पंचायत चुनाव पार्टी के लिए एक लिटमस टेस्ट की तरह होगा। इस चुनाव में अच्छा प्रदर्शन करने वाले और ज्यादा सदस्य बनाने वालों को कार्यकर्ताओं को ही विधानसभा टिकट मिलेगा। यानी इस बार टिकट सिर्फ पहचान, सिफारिश या नजदीकी के आधार पर नहीं, बल्कि कार्यकर्ता की मेहनत, जनसमर्थन और परिणाम के आधार पर दिया जाएगा। इसे “संगठन आधारित उम्मीदवार चयन मॉडल” कहा गया है।
पार्टी का सामाजिक फोकस दलित, पिछड़ा और युवा वर्ग पर है। कांग्रेस इन वर्गों को जोड़ने के लिए विशेष प्रयास कर रही है। दलितों और पिछड़ों के साथ सामाजिक न्याय के मुद्दों को उठाकर पार्टी उन्हें अपने पाले में लाने की कोशिश कर रही है, जबकि युवाओं को सोशल मीडिया, रोजगार के मुद्दे और छात्र राजनीति के जरिए जोड़ा जा रहा है।
उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने स्पष्ट किया है कि पार्टी इस समय प्रदेश की सभी 403 विधानसभा सीटों पर संगठन निर्माण और चुनावी तैयारी में जुटी है। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी से गठबंधन होगा या नहीं, इसका निर्णय पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व करेगा। हालांकि, कांग्रेस की रणनीति स्पष्ट है—हर सीट पर संगठन को मजबूत करना और बूथ स्तर तक पहुंच बनाना।
अजय राय ने कहा कि पार्टी फिलहाल आगामी पंचायत चुनाव को प्राथमिकता दे रही है। इन चुनावों को कांग्रेस पूरी ताकत से लड़ेगी, ताकि संगठन की शक्ति को न सिर्फ बढ़ाया जा सके, बल्कि जनता के बीच उसका असर भी दिखाया जा सके।
कांग्रेस नेतृत्व का मानना है कि पंचायत चुनाव जमीनी पकड़ और स्थानीय नेटवर्क को परखने का सबसे बेहतर अवसर है। इन चुनावों से पार्टी को न केवल अपनी ताकत और कमजोरियों का आंकलन करने का मौका मिलेगा, बल्कि संभावित विधानसभा उम्मीदवारों की एक मजबूत सूची भी तैयार हो सकेगी, जो जमीन पर काम करने वाले कार्यकर्ताओं पर आधारित होगी।