Weather Update: उत्तर प्रदेश में मौसम ने एक बार फिर करवट ली है। आगामी सात दिनों में राज्य के विभिन्न हिस्सों में गरज-चमक के साथ बारिश, आंधी और लू का प्रभाव देखने को मिलेगा। मौसम विभाग ने तेज हवाओं, बिजली गिरने और भारी वर्षा की चेतावनी जारी की है। लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
Weather Bulletin: उत्तर प्रदेश के नागरिकों को आने वाले सप्ताह में मौसम की दोहरी मार का सामना करना पड़ सकता है। लखनऊ मौसम विज्ञान केंद्र द्वारा जारी सात दिवसीय पूर्वानुमान में राज्य भर में आंधी, गरज-चमक, बिजली गिरने, तेज हवाएं और कहीं-कहीं पर लू और उमस की चेतावनी दी गई है। यह पूर्वानुमान 13 जून से 19 जून तक के लिए जारी किया गया है।
राज्य के पश्चिमी जिलों में गरज-चमक के साथ हल्की बारिश की संभावना जताई गई है। पूर्वी यूपी में भी कुछ स्थानों पर मौसम में बदलाव के संकेत हैं। तेज़ हवाएं 30–50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकती हैं। पेड़ों के गिरने और बिजली आपूर्ति बाधित होने की आशंका है।
इस दिन गर्मी और उमस से लोगों को राहत नहीं मिलेगी। पश्चिमी यूपी में दोपहर के समय लू चलने की संभावना है। साथ ही बिजली गिरने और गरज के साथ बारिश की हल्की संभावना बनी हुई है। पूर्वी यूपी में आंधी और बौछारें देखने को मिल सकती हैं।
मौसम और अधिक सक्रिय होता दिखाई देगा। पूर्वांचल के जिलों में मध्यम बारिश की संभावना है। बिजली गिरने और तेज हवाएं चलने की चेतावनी दी गई है। किसानों को खेतों में काम करते समय विशेष सतर्कता बरतने की सलाह दी गई है।
इन दो दिनों में पूरे राज्य में मानसूनी गतिविधियों में वृद्धि होगी। पूर्वी और पश्चिमी दोनों हिस्सों में भारी बारिश हो सकती है। हवा की गति 50 किमी/घंटा तक जा सकती है। पेड़ गिरने, विद्युत व्यवधान और जलभराव जैसी स्थिति उत्पन्न हो सकती है। कच्चे मकानों और कमजोर ढांचों पर विशेष निगरानी रखने की जरूरत है।
मौसम विभाग ने इन दो दिनों को सबसे संवेदनशील बताया है। भारी वर्षा, तेज हवाएं और गरज के साथ बिजली गिरने की घटनाएं बढ़ सकती हैं। ट्रैफिक जाम, जलभराव और सार्वजनिक जीवन में व्यवधान की आशंका है। प्रशासन और आपदा प्रबंधन विभाग को सतर्क रहने की जरूरत है।
ध्यान देने योग्य बात यह है कि इन असामान्य मौसम स्थितियों से धान की बुआई प्रभावित हो सकती है। खेतों में जलभराव से फसल को नुकसान और बिजली गिरने से जनहानि की संभावना बनी हुई है। मौसम विभाग ने ग्रामीणों, किसानों, पशुपालकों और स्कूल प्रशासन को विशेष रूप से सचेत रहने को कहा है।