लखनऊ

DSP जियाउल हक हत्याकांड में बड़ा फैसला, CBI कोर्ट ने 10 दोषियों को ठहराया गुनहगार, सजा का ऐलान जल्द

DSP Ziaul Haq Murder Case: सीओ जियाउल हक हत्याकांड में लखनऊ की सीबीआई कोर्ट ने 10 आरोपियों को दोषी ठहराया है। वर्ष 2013 में कुंडा, प्रतापगढ़ में हुई इस हत्याकांड में कोर्ट का यह बड़ा फैसला सामने आया है। दोषी करार दिए गए लोगों में फूलचंद यादव, पवन यादव, मंजीत यादव सहित 10 नाम शामिल हैं। हालांकि, सजा पर फैसला अभी सुरक्षित रखा गया है। इस मामले में कुंडा विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया और उनके करीबी गुलशन यादव को पहले ही सीबीआई ने क्लीन चिट दे दी थी।

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Oct 04, 2024
DSP Ziaul Haq Murder Case

DSP Ziaul Haq Murder: लखनऊ की सीबीआई स्पेशल कोर्ट ने 2013 के चर्चित सीओ जियाउल हक हत्याकांड में बड़ा फैसला सुनाते हुए 10 आरोपियों को दोषी करार दिया है। यह मामला 2 मार्च 2013 को प्रतापगढ़ जिले के कुंडा में घटित हुआ था, जिसमें सीओ (डिप्टी सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस) जियाउल हक की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस केस में सजा का ऐलान अभी सुरक्षित रखा गया है, जो जल्द ही सुनाया जाएगा।

घटना का संक्षिप्त विवरण

2 मार्च 2013 को उत्तर प्रदेश के कुंडा में एक गंभीर घटना में सीओ जियाउल हक की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड ने पूरे प्रदेश में सनसनी फैला दी थी, और तत्कालीन समाजवादी पार्टी सरकार के दौरान यह मुद्दा राजनीतिक गर्मी का कारण बना था। आरोपियों की गिरफ्तारी और निष्पक्ष जांच के लिए कड़ी मांग उठाई गई थी, जिसके बाद मामले की जांच सीबीआई को सौंपी गई थी।

10 दोषियों पर सीबीआई का शिकंजा

सीबीआई जांच के बाद कोर्ट ने दोषी पाए गए 10 लोगों के नाम हैं:

  1. फूलचंद यादव
  2. पवन यादव
  3. मंजीत यादव
  4. घनश्याम सरोज
  5. राम लखन गौतम
  6. छोटेलाल यादव
  7. राम आसरे
  8. मुन्ना पटेल
  9. शिवराम पासी
  10. जगत बहादुर पाल

इन सभी को जियाउल हक की हत्या का दोषी करार दिया गया है। हालांकि, इस मामले में कुंडा के तत्कालीन विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया और उनके करीबी गुलशन यादव भी नामजद थे, लेकिन सीबीआई की जांच के बाद उन्हें पहले ही क्लीन चिट मिल गई थी।

कोर्ट में सजा का फैसला जल्द

लखनऊ की सीबीआई स्पेशल कोर्ट ने दोषियों के खिलाफ सजा का फैसला सुरक्षित रखा है, जिसे आगामी तारीख में सुनाया जाएगा। यह देखना बाकी है कि इस केस में कितनी कठोर सजा दोषियों को दी जाएगी।

राजनीतिक और सामाजिक असर

यह हत्याकांड उस समय उत्तर प्रदेश की राजनीति में भूचाल लेकर आया था। राजा भैया और उनके करीबी गुलशन यादव पर आरोप लगने से इस मामले ने और भी गंभीर रूप ले लिया था। हालांकि, बाद में सीबीआई जांच में उन्हें निर्दोष पाया गया। इसके बावजूद, यह घटना उत्तर प्रदेश पुलिस और राजनीतिक व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करती है।

सीओ जियाउल हक की हत्या की वजह

मामले की शुरुआती जांच में यह सामने आया था कि कुंडा में जियाउल हक किसी अन्य मामले की जांच के सिलसिले में गए थे। वहीं पर भीड़ ने उन पर हमला कर दिया और गोलियां चलाईं। इसमें उनकी मृत्यु हो गई थी। इस हत्याकांड ने प्रदेश में कानून-व्यवस्था को लेकर कड़े सवाल खड़े किए थे, और इसे सियासी रंग भी दिया गया था।

न्याय की प्रतीक्षा

इस मामले में दोषियों को अदालत में कठोरतम सजा मिलने की उम्मीद जताई जा रही है, ताकि भविष्य में इस तरह के अपराधों को रोकने के लिए मिसाल कायम की जा सके। जियाउल हक के परिवार और समाज को न्याय मिलने की यह प्रतीक्षा अब जल्द खत्म हो सकती है।

Published on:
04 Oct 2024 10:19 pm
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