Gold Market Update: लखनऊ सर्राफा बाजार में सोने-चांदी के दामों में गिरावट दर्ज की गई है। वैश्विक बाजार में मंदी की आशंका, अमेरिका की कमजोर आर्थिक स्थिति और चीन द्वारा लगाए गए टैरिफ के कारण निवेशकों में चिंता का माहौल है। यह गिरावट बाजार में अस्थिरता का संकेत दे रही है।
Gold Rate Today: सर्राफा बाजार में एक बार फिर हलचल देखने को मिल रही है। रामनवमी जैसे बड़े त्योहार के बाद भी सोने-चांदी की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई है। लखनऊ सर्राफा एसोसिएशन के अनुसार, शुक्रवार को सोने और चांदी के खुदरा भावों में उल्लेखनीय गिरावट आई है।
विनोद माहेश्वरी सर्राफा एसोसिएशन के प्रमुख ने जानकारी दी कि वैश्विक बाजार में अनिश्चितता, अमेरिका में संभावित मंदी और चीन की ओर से टैरिफ लगाए जाने की खबरों के कारण सर्राफा बाजार में गिरावट आई है।
1. अमेरिका में संभावित मंदी
अमेरिकी अर्थव्यवस्था में लगातार धीमापन और उपभोक्ता खर्च में गिरावट के कारण निवेशकों में डर का माहौल है। मंदी की आशंका से अंतरराष्ट्रीय बाजार में गोल्ड की कीमतें प्रभावित हुई हैं।
2. चीन का टैरिफ फैसला
चीन द्वारा कुछ धातुओं और आयातित उत्पादों पर टैरिफ लगाने की घोषणा ने वैश्विक व्यापार समीकरणों में खलबली मचा दी है। इससे सोने-चांदी की अंतरराष्ट्रीय कीमतों पर असर पड़ा है।
3. डॉलर में मजबूती
डॉलर इंडेक्स में आई मजबूती ने भारतीय रुपये को कमजोर किया है, जिससे आयात महंगा हुआ है और कीमतों में अस्थिरता आई है।
लखनऊ सहित देश के कई प्रमुख शहरों में खुदरा खरीदार फिलहाल निवेश से दूरी बना रहे हैं। वहीं, ज्वेलर्स भी सीमित स्टॉक ही खरीद रहे हैं ताकि आगे आने वाली कीमतों में उतार-चढ़ाव से बचा जा सके।
विनोद माहेश्वरी कहते हैं: "गिरती कीमतें उपभोक्ताओं के लिए भले ही राहत लाएं, लेकिन ज्वेलर्स के लिए चिंता का विषय हैं। विदेशी कारकों का असर अब सीधे हमारे स्थानीय बाजार पर दिखने लगा है।"
निवेशक इस समय बाजार को लेकर भ्रमित हैं। हालांकि विशेषज्ञों की राय है कि मौजूदा गिरावट लॉन्ग टर्म निवेश के लिए अच्छा अवसर हो सकता है।
ज्वेलरी विक्रेता अब ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए कस्टम डिज़ाइन्स, कम मेकिंग चार्ज और EMI ऑप्शन जैसी सुविधाएं दे रहे हैं। इसके अलावा, डिजिटल माध्यमों से भी बिक्री को बढ़ावा दिया जा रहा है।
रामनवमी और अक्षय तृतीया जैसे पर्वों के बाद आम तौर पर बाजार में ठहराव आता है, लेकिन इस बार वैश्विक घटनाओं ने इस ठहराव को अस्थिरता में बदल दिया है।
सोने-चांदी की कीमतों में आई गिरावट निश्चित रूप से बाजार के लिए संकेत है, लेकिन लंबे समय के निवेशकों के लिए यह एक सुनहरा अवसर हो सकता है।