लखनऊ

Govt Plans: मस्कुलर डिस्ट्रॉफी से निपटने के लिए सरकार ने तैयार किया नया खाका, समिति गठित

Govt Plans: उत्तर प्रदेश सरकार मस्कुलर डिस्ट्रॉफी से पीड़ित मरीजों के लिए उपचार प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक के निर्देश पर एक समिति का गठन किया गया है, जो मरीजों को गुणवत्तापूर्ण और निःशुल्क स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराएगी। यह कदम मस्कुलर डिस्ट्रॉफी के इलाज में सुधार लाने के लिए उठाया गया है।

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Dec 03, 2024
Brijesh Pathak Commitment

Govt Plans: उत्तर प्रदेश सरकार ने मस्कुलर डिस्ट्रॉफी से पीड़ित मरीजों को बेहतर उपचार और सहायता प्रदान करने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक के नेतृत्व में गठित समिति के माध्यम से सरकार ने इस गंभीर बीमारी के इलाज को लेकर एक व्यापक योजना तैयार की है। इस योजना के तहत मरीजों को मुफ्त और गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। डिप्टी सीएम ने स्पष्ट किया कि मस्कुलर डिस्ट्रॉफी के मरीजों को उच्चस्तरीय इलाज मिल सके, इसके लिए सरकार हर संभव प्रयास कर रही है।

समिति का गठन और प्राथमिक उद्देश्य

उत्तर प्रदेश में मस्कुलर डिस्ट्रॉफी से पीड़ित मरीजों के उपचार की दिशा में राज्य सरकार ने व्यापक कदम उठाए हैं। इस बीमारी के इलाज के लिए स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों की बैठक के बाद डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने समिति का गठन किया है। समिति का प्रमुख उद्देश्य मस्कुलर डिस्ट्रॉफी के इलाज की गुणवत्ता बढ़ाना और मरीजों को हर संभव सहायता प्रदान करना है।

समिति में कई महत्वपूर्ण अधिकारी शामिल किए गए हैं, जिनमें चिकित्सा शिक्षा विभाग की सचिव अपर्णा यू, विशेष सचिव कृतिका शर्मा, केजीएमयू के कुलपति, आरएमएल के निदेशक, एसजीपीजीआई के निदेशक और दिव्यांजन सशक्तिकरण विभाग के अधिकारी शामिल हैं। यह समिति डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक के दिशा-निर्देशों पर काम करेगी और राज्य में मस्कुलर डिस्ट्रॉफी के इलाज में सुधार लाएगी।

सरकार की प्रतिबद्धता

डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने बैठक के दौरान यह स्पष्ट किया कि सरकार मस्कुलर डिस्ट्रॉफी से पीड़ित मरीजों को उचित इलाज उपलब्ध कराने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि यह सरकार का प्राथमिक उद्देश्य है कि राज्य में हर मरीज को उच्च गुणवत्ता वाली चिकित्सा सेवाएं मिलें। मरीजों के इलाज के लिए सरकार वित्तीय सहायता प्रदान करने के साथ-साथ उन्हें अन्य सुविधाएं भी उपलब्ध कराएगी।

उच्च स्तरीय चिकित्सा और निःशुल्क सेवाएं

समिति का प्रमुख उद्देश्य मस्कुलर डिस्ट्रॉफी के इलाज को सुलभ और सस्ता बनाना है। समिति के गठन के बाद, राज्य सरकार मस्कुलर डिस्ट्रॉफी के मरीजों को निःशुल्क चिकित्सा सेवाएं देने की दिशा में काम करेगी। इसके लिए राज्य के प्रमुख अस्पतालों और चिकित्सा संस्थानों के साथ मिलकर एक व्यापक योजना तैयार की जाएगी, जिससे मरीजों को बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के उच्च गुणवत्ता वाली चिकित्सा सेवाएं मिल सकें।

मस्कुलर डिस्ट्रॉफी: एक गंभीर समस्या

मस्कुलर डिस्ट्रॉफी एक ऐसी बीमारी है जो मांसपेशियों को धीरे-धीरे कमजोर और खराब कर देती है। यह एक जीन संबंधी बीमारी है, जो आमतौर पर बच्चों में पाई जाती है और समय के साथ उनकी शारीरिक क्षमता में कमी आती जाती है। इसके उपचार में देरी से मरीजों की शारीरिक स्थिति और भी बिगड़ सकती है। ऐसे में समय रहते सही उपचार और चिकित्सा सेवाओं का महत्व और भी बढ़ जाता है।

सरकार के प्रयासों की सराहना

मस्कुलर डिस्ट्रॉफी के इलाज के लिए उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की राज्य में व्यापक सराहना हो रही है। डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक और स्वास्थ्य विभाग द्वारा गठित समिति की कार्यशैली को लेकर लोगों में आशा की किरण जगी है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस कदम से मस्कुलर डिस्ट्रॉफी से पीड़ित मरीजों की स्थिति में सुधार होगा और वे अपने जीवन में बेहतर बदलाव महसूस कर सकेंगे।

समिति के गठन और सरकार की योजनाओं से यह भी साबित होता है कि उत्तर प्रदेश सरकार स्वास्थ्य सेवाओं को जन-जन तक पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है। डिप्टी सीएम के दिशा-निर्देशों के तहत, सरकार का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी मरीज चिकित्सा सेवाओं से वंचित न रहे और उन्हें निःशुल्क उपचार मिल सके।

राज्य के अस्पतालों का सहयोग

मस्कुलर डिस्ट्रॉफी के इलाज में राज्य के प्रमुख चिकित्सा संस्थानों जैसे केजीएमयू, आरएमएल और एसजीपीजीआई का भी अहम योगदान रहेगा। इन संस्थानों में विशेष चिकित्सा सेवाएं प्रदान की जाएंगी और मरीजों के इलाज के लिए नवीनतम तकनीकों का इस्तेमाल किया जाएगा। इसके अलावा, इन अस्पतालों में मस्कुलर डिस्ट्रॉफी से संबंधित शोध और उपचार पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा।

दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग की भूमिका

दिव्यांजन सशक्तिकरण विभाग का भी इस योजना में अहम योगदान रहेगा। इस विभाग के तहत मस्कुलर डिस्ट्रॉफी से पीड़ित मरीजों को सहायक उपकरणों की भी सुविधा प्रदान की जाएगी। इन उपकरणों से मरीजों को शारीरिक गतिविधियों में मदद मिलेगी और उनकी जीवन गुणवत्ता में सुधार होगा।

भविष्य में और कदम

मस्कुलर डिस्ट्रॉफी से पीड़ित मरीजों के इलाज में और सुधार करने के लिए भविष्य में और भी कदम उठाए जाएंगे। राज्य सरकार के प्रयासों से आने वाले समय में मस्कुलर डिस्ट्रॉफी के इलाज के क्षेत्र में और अधिक कार्य किए जाएंगे।

उत्तर प्रदेश सरकार का यह कदम निश्चित रूप से मस्कुलर डिस्ट्रॉफी के मरीजों के लिए एक उम्मीद की किरण है और उनकी मुश्किलों को आसान बनाने में मददगार साबित होगा।

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