लखनऊ

यूपी की सेहत और विकास को मिली जीएसटी दरों में राहत की बूस्टर डोज, 30 हजार करोड़ का फायदा तय

GST rate cut boosts in UP: जीएसटी दरों में कमी से उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था, स्वास्थ्य और इंफ्रास्ट्रक्चर को बड़ा बूस्टर मिलेगा। शुरुआती 3500 करोड़ की हानि के बावजूद, लंबे समय में 30 हजार करोड़ रुपये तक का फायदा होने का अनुमान है।

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Sep 05, 2025

GST rate cut boosts Uttar Pradesh: जीएसटी दरों में कमी ने उत्तर प्रदेश की आर्थिक सेहत को मजबूती देने का काम किया है। शुरुआती दौर में भले ही राज्य को 3500 करोड़ रुपये के राजस्व नुकसान की आशंका जताई जा रही है, लेकिन दीर्घकाल में यह कदम 30 हजार करोड़ रुपये तक का फायदा दे सकता है। विशेषज्ञों के मुताबिक, उपभोक्ता बाजार वाले सबसे बड़े राज्य यूपी में कारोबार को नई रफ्तार मिलेगी।

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सीमेंट सस्ता, इंफ्रास्ट्रक्चर में तेजी

सीमेंट पर जीएसटी 28 से घटाकर 18 फीसदी कर दिया गया है। इसके चलते दामों में 8 फीसदी तक की गिरावट का अनुमान है। बिना अतिरिक्त बजट बढ़ाए ही सरकार अवस्थापना और विकास योजनाओं पर ज्यादा खर्च कर पाएगी। इससे निम्न और मध्यम वर्गीय परिवारों को सीधे तौर पर राहत मिलेगी। जेके सीमेंट के संयुक्त एमडी माधव सिंघानिया के अनुसार, सीमेंट कोई लग्जरी नहीं बल्कि रोजमर्रा की जिंदगी और बुनियादी विकास से जुड़ा उत्पाद है। टैक्स घटने से घर बनाने की लागत भी घटेगी।

स्वास्थ्य बीमा पर शून्य जीएसटी से बढ़ेगा कवरेज

स्वास्थ्य बीमा पर जीएसटी 18% से घटाकर शून्य कर दिया गया है। इससे यूपी को सबसे ज्यादा फायदा मिलेगा। बीमा कंपनियां राज्य से मार्च तक 50 लाख अतिरिक्त पॉलिसी बेच सकती हैं। अनुमान है कि अस्पतालों में बीमित इलाज का दायरा बढ़ेगा और 90 लाख लोग अतिरिक्त रूप से स्वास्थ्य बीमा के दायरे में आएंगे। साथ ही, स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े 27 सेक्टरों में 10–15% ग्रोथ की संभावना जताई गई है।

फार्मा और हेल्थ सेक्टर को मिलेगा नया आयाम

ललितपुर में प्रस्तावित फार्मा पार्क की रफ्तार अब और तेज होने की उम्मीद है। सीआईआई यूपी की अध्यक्ष और यशोदा सुपर स्पेशियलिटी की एमडी डॉ. उपासना अरोड़ा का कहना है कि स्वास्थ्य और जीवन बीमा प्रीमियम से जीएसटी हटाना एक ऐतिहासिक कदम है। यह कदम स्वास्थ्य सुरक्षा कवरेज को व्यापक बनाएगा और राज्य के लिए बेहद फायदेमंद साबित होगा।

जीएसटी कलेक्शन के आंकड़े

जुलाई 2025 में यूपी का जीएसटी कलेक्शन 9760 करोड़ रहा, जो पिछले वर्ष जुलाई के मुकाबले 7% ज्यादा है। अगस्त 2025 में यह कलेक्शन 9086 करोड़ पहुंचा, जो पिछले साल से 10% की वृद्धि दर्शाता है। वित्त वर्ष 2024-25 में यूपी 1.12 लाख करोड़ रुपये के साथ देश के सबसे ज्यादा जीएसटी संग्रह करने वाले राज्यों में छठे स्थान पर रहा। हालांकि, शुरू में 3000–4000 करोड़ रुपये के अल्पकालिक प्रभाव की संभावना जताई जा रही है, लेकिन मांग बढ़ने और अनुपालन बेहतर होने से यह गैप घट जाएगा।

वाहन खरीद होगी सस्ती, दिवाली पर बिक्री में उछाल

वाहनों की खरीद के मामले में यूपी देश के शीर्ष तीन राज्यों में शामिल है। अब 10% जीएसटी कटौती से दोपहिया वाहनों की कीमत 10 से 20 हजार रुपये और कारों की कीमत करीब 50 हजार रुपये तक कम हो सकती है। ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री के अनुसार, सिर्फ दिवाली के दौरान ही यूपी में 40 हजार अतिरिक्त वाहनों की बिक्री संभव है।

उद्योग और एमएसएमई को बढ़ावा

सीआईआई यूपी के उपाध्यक्ष और अवध रेल इंफ्रा लिमिटेड के एमडी अभिषेक सर्राफ का मानना है कि जीएसटी स्लैब घटने से यूपी में उद्योग की विनिर्माण क्षमता का विस्तार होगा। एमएसएमई सेक्टर को सीधा फायदा मिलेगा और राज्य का जीडीपी भी बढ़ेगा। टैक्स दरें घटने से करदाताओं की संख्या में इजाफा होगा, जिससे सरकार का राजस्व दीर्घकाल में मजबूत होगा।

उपभोक्ताओं और निर्यातकों को भी राहत

सीआईआई एमएसएमई पैनल और एएमए हर्बल के सीईओ यावर अली शाह ने कहा कि इस फैसले से आम आदमी की आय ज्यादा बचेगी, जिसे वह अन्य क्षेत्रों में निवेश कर सकेगा। अंतरराष्ट्रीय टैरिफ से जूझ रहे निर्यातकों को भी इस राहत से नई ऊर्जा मिलेगी। उपभोक्ता उत्पादों की मांग में भी तेजी आने की उम्मीद है।

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