Heavy to Very Heavy Rain Alert in Uttar Pradesh: उत्तर प्रदेश में एक बार फिर से मानसून पूरी सक्रियता में लौट आया है। प्रदेश के कई जिलों में आगामी 3 से 4 अगस्त के बीच भारी से बहुत भारी वर्षा की संभावना जताई गई है। इस दौरान वज्रपात, तेज़ हवाएं और तापमान में गिरावट जैसे प्रभाव भी देखे जा सकते हैं।
Rain Warning UP Update: उत्तर प्रदेश में मानसून एक बार फिर पूरी ताकत के साथ सक्रिय हो गया है। मौसम विभाग द्वारा जारी ताज़ा पूर्वानुमान के अनुसार आगामी 03 से 04 अगस्त के बीच राज्य के कई जिलों में भारी से बहुत भारी वर्षा होने की संभावना जताई गई है। इस दौरान कुछ स्थानों पर मेघ गर्जन, वज्रपात और तेज हवाओं की भी आशंका व्यक्त की गई है।
इस मौसमी बदलाव के पीछे प्रमुख कारण मानसून द्रोणी (ट्रफ लाइन) का अपनी सामान्य स्थिति से उत्तर की ओर खिसककर प्रदेश से होकर गुजरना है। साथ ही पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार पर बने चक्रवाती परिसंचरण की दिशा भी प्रदेश की ओर हो गई है, जिससे समूचे क्षेत्र में अनुकूल सिनाप्टिक (मौसमी) परिस्थितियाँ बन रही हैं।
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार इन परिस्थितियों के चलते उत्तर प्रदेश के पूर्व, मध्य और दक्षिणी हिस्सों में अगले तीन से चार दिनों तक वर्षा की तीव्रता बनी रहेगी। वहीं, 03 व 04 अगस्त को कुछ क्षेत्रों में बहुत भारी वर्षा दर्ज की जा सकती है, जिससे स्थानीय जलभराव और जनजीवन में व्यवधान की स्थिति भी उत्पन्न हो सकती है। मौसम विभाग के अनुसार, इस दौरान प्रदेश के कुछ हिस्सों में 24 घंटे में 115.6 से 204.4 मिमी तक वर्षा होने की संभावना है, जिसे 'बहुत भारी वर्षा' की श्रेणी में रखा गया है।
राजधानी लखनऊ में भी 3 व 4 अगस्त को मध्यम से भारी वर्षा हो सकती है। वर्षा के चलते तापमान में 2-4 डिग्री सेल्सियस की गिरावट आने की संभावना है, जिससे लोगों को गर्मी और उमस से कुछ राहत मिल सकती है। इसके अतिरिक्त गोरखपुर, वाराणसी, प्रयागराज, बस्ती, फैजाबाद, आजमगढ़, देवरिया, कुशीनगर, बलिया, सिद्धार्थनगर, मिर्जापुर और आसपास के जिलों में तेज से बहुत तेज वर्षा के आसार हैं।
भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने आगामी 3-4 दिनों के लिए 'येलो अलर्ट' और कुछ क्षेत्रों के लिए 'ऑरेंज अलर्ट' भी जारी किया है। यह अलर्ट विशेष रूप से उन क्षेत्रों में लागू होगा जहां जलभराव, बिजली गिरने और तेज हवाओं की अधिक संभावना है।
निम्नलिखित सावधानियां बरतने की सलाह दी गई है:
मौसम विभाग ने बताया कि मानसून द्रोणी (ट्रफ लाइन) आमतौर पर गुजरात से लेकर बंगाल की खाड़ी तक जाती है, लेकिन वर्तमान में यह ट्रफ उत्तर की ओर खिसक कर उत्तर प्रदेश के मध्य भागों से होकर गुजर रही है। यही ट्रफ भारी वर्षा का प्रमुख कारण बन रही है। साथ ही, पूर्वी उत्तर प्रदेश और पूर्वी बिहार पर चक्रवाती परिसंचरण बना हुआ है, जिसकी दिशा अब धीरे-धीरे प्रदेश की ओर हो रही है। जब दो ऐसे मौसमीय तंत्र एक साथ सक्रिय हो जाते हैं, तो उनकी संयुक्त ऊर्जा वर्षा को कई गुना बढ़ा देती है।
लगातार वर्षा के कारण अधिकतम तापमान में 2 से 4 डिग्री सेल्सियस तक गिरावट आएगी। बीते दिनों राजधानी लखनऊ और अन्य हिस्सों में अधिकतम तापमान 36-38°C तक पहुंच गया था, जिससे गर्मी और उमस लोगों को परेशान कर रही थी। अब संभावित वर्षा से ठंडक और सुकून भरा मौसम लौटेगा।
भारी वर्षा से सबसे अधिक प्रभाव निचले इलाकों में जलभराव के रूप में देखने को मिल सकता है। लखनऊ जैसे शहरों में जहां ड्रेनेज सिस्टम अपेक्षाकृत कमजोर है, वहां कई कॉलोनियों में पानी भर सकता है। इसके अतिरिक्त, बिजली आपूर्ति में व्यवधान, सड़क दुर्घटनाओं का जोखिम, और यातायात में जाम जैसी समस्याएं भी देखने को मिल सकती हैं। प्रशासन और नगर निगमों को चाहिए कि वह समय रहते जल निकासी, आपदा प्रबंधन, और बिजली आपूर्ति की तैयारी पुख्ता करें।
वर्षा का यह दौर खरीफ फसलों के लिए लाभदायक हो सकता है, विशेषकर धान, मक्का, और बाजरे जैसी फसलों के लिए। परंतु, यदि वर्षा बहुत तेज हुई और जलभराव की स्थिति बनी, तो फसलों की जड़ें गल सकती हैं और कृषि को नुकसान हो सकता है। इसलिए कृषि विशेषज्ञों ने किसानों को जल निकासी की उचित व्यवस्था रखने और खेतों की निगरानी करने की सलाह दी है।