6 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Lightning Alert: आंधी-बारिश का कहर, 40 जिलों में बिजली गिरने और तेज हवाओं का अलर्ट

Thunderstorm Alert in UP: उत्तर प्रदेश में अगस्त की शुरुआत के साथ ही मौसम ने करवट ले ली है। 30-40 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं, बिजली गिरने और भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है। मौसम विभाग ने 40 से अधिक जिलों में अलर्ट जारी करते हुए लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है।

3 min read
Google source verification

लखनऊ

image

Ritesh Singh

Aug 02, 2025

तेज हवाओं के साथ आंधी-तूफान और वज्रपात की चेतावनी जारी फोटो सोर्स : Patrika

तेज हवाओं के साथ आंधी-तूफान और वज्रपात की चेतावनी जारी फोटो सोर्स : Patrika

Lightning Alert UP: उत्तर प्रदेश में अगस्त के महीने की शुरुआत के साथ ही मौसम ने एक बार फिर करवट ले ली है। मानसून के उत्तरार्द्ध चरण में राज्य के अधिकांश हिस्सों में तेज हवाएं, मेघगर्जन, आकाशीय बिजली और भारी वर्षा की संभावना जताई गई है। मौसम विभाग ने आने वाले दिनों के लिए प्रदेश के 40 से अधिक जिलों में मौसम को लेकर रेड अलर्ट जैसी चेतावनी जारी की है। विशेष रूप से पश्चिमी, मध्य और पूर्वी उत्तर प्रदेश के कई जनपदों में तेज हवाओं के साथ बिजली गिरने और भारी वर्षा का पूर्वानुमान व्यक्त किया गया है।

तेज हवा, बिजली और भारी बारिश का असर: किन जिलों में खतरा ज्यादा

मौसम विभाग के अनुसार आने वाले दिनों में जिन जिलों में 30-40 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवा, आकाशीय बिजली और मध्यम से भारी वर्षा की संभावना है, उनमें प्रमुख रूप से फिरोजाबाद, मैनपुरी, इटावा, कासगंज, कन्नौज, हरदोई, फर्रुखाबाद जैसे जिले शामिल हैं। इन जिलों में स्थानीय प्रशासन को सचेत किया गया है और लोगों को सावधानी बरतने की अपील की गई है। विभाग ने कहा है कि इन परिस्थितियों में खुले में रहना या पेड़ों के नीचे खड़ा होना जानलेवा साबित हो सकता है।

चेतावनी वाले जिले

इसके अतिरिक्त जिन जिलों में हल्की से मध्यम वर्षा, मेघ गर्जन और बिजली गिरने की संभावना है, उनमें चंदौली, गाजीपुर, बलिया, हमीरपुर, फ़तेहपुर, जालौन, कानपुर नगर, इटावा, आगरा, हाथरस, मऊ, देवरिया, गोरखपुर, कुशीनगर, कानपुर देहात, उन्नाव, औरैया, बहराइच, शाहजहांपुर, लखीमपुर खीरी, बरेली, पीलीभीत, रामपुर, बदायूं, अमरोहा, गाज़ियाबाद, मुरादाबाद, मेरठ, बागपत, बिजनौर, मुजफ्फरनगर, शामली, सहारनपुर आदि जिले शामिल हैं।

प्रतापगढ़ से लेकर झांसी तक बारिश का असर

राज्य के दक्षिणी हिस्सों में भी बारिश का असर दिखाई देगा। प्रतापगढ़, बांदा, कौशाम्बी, चित्रकूट, महोबा, झांसी, अमेठी, रायबरेली जैसे जिलों में भी भारी वर्षा और बिजली गिरने की संभावना जताई गई है। इन जिलों में संभावित मौसम का प्रभाव खेतों, निर्माण स्थलों और खुले बाजारों पर पड़ सकता है। किसानों और व्यापारियों को बारिश को लेकर सतर्क रहने की सलाह दी गई है।

मानसून की प्रगति और बारिश का सांख्यिकी विवरण

मानसून 2025 के दौरान जून-जुलाई के पूर्वार्द्ध में बारिश का रुझान पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अधिक और पूर्वी उत्तर प्रदेश में कम देखा गया।

  • पश्चिमी उत्तर प्रदेश: 385.6 मिमी वर्षा (दीर्घावधि औसत से 21% अधिक)
  • पूर्वी उत्तर प्रदेश: 304.6 मिमी वर्षा (दीर्घावधि औसत से 21% कम)
  • कुल राज्य औसत: 356.6 मिमी वर्षा (जो दीर्घावधि औसत से 6% कम)
  • ललितपुर जनपद में सर्वाधिक 852.8 मिमी वर्षा रिकॉर्ड की गई है, जो औसत से 125% अधिक है।
  • वहीं राजधानी लखनऊ में अब तक 234.9 मिमी बारिश दर्ज की गई, जो दीर्घावधि औसत से 26% कम है।

जलवायु परिवर्तन और मानसून का प्रभाव

  • मौसम विभाग और "मानसून मिशन" की रिपोर्टों के अनुसार प्रशांत महासागर में चल रही तटस्थ निनो स्थिति और हिन्द महासागर द्विध्रुव (IOD) में बदलाव मानसून के उत्तरार्द्ध चरण को प्रभावित कर सकते हैं। रिपोर्ट में यह अनुमान लगाया गया है कि अगस्त से सितंबर तक राज्य के पूर्वी सीमावर्ती जिलों में सामान्य के आसपास वर्षा होगी। जबकि पश्चिमी एवं दक्षिणी हिस्सों में सामान्य से अधिक वर्षा की संभावना है।
  • तापमान: अगस्त में पश्चिमी यूपी में तापमान सामान्य से कम, जबकि पूर्वी यूपी में सामान्य या सामान्य से अधिक रहने की संभावना है।

सावधानी और सुरक्षा निर्देश

मौसम विभाग ने लोगों को निम्नलिखित सावधानियां बरतने की सलाह दी है कि बिजली कड़कने के समय खुले में न रहें। पेड़ या बिजली के खंभों के नीचे खड़ा होना जानलेवा हो सकता है। तेज हवाओं के दौरान ढीले छज्जों, बैनर, होर्डिंग से दूर रहें। किसानों को सलाह दी गई है कि फसलों की सुरक्षा के लिए जल निकासी की व्यवस्था सुनिश्चित करें। बच्चे, बुजुर्ग और बीमार लोग अत्यधिक बारिश या आंधी के दौरान घर से बाहर न निकलें।

सरकारी तैयारी और जिला प्रशासन की जिम्मेदारी

जिलों के प्रशासन को संभावित आपदा प्रबंधन के इंतजाम पहले से करने के निर्देश दिए गए हैं। विशेष रूप से नगर निकायों को जलभराव की स्थिति से निपटने की तैयारी। ग्रामीण क्षेत्रों में पंचायत स्तर पर सचेतना अभियान।
बिजली विभाग को बिजली आपूर्ति में बाधा आने की स्थिति से निपटने की योजना।