CM Yogi ने प्रदेश के पुलिस अधिकारीयों के साथ बैठक की है। बैठक मे पुलिस के आला अधिकारी मौजूद रहे। प्रदेश के एडीजी रैंक के अधिकारीयों ने बैठक में हिस्सा लिया।
CM Yogi ने प्रदेश के पुलिस अधिकारीयों के साथ बैठक की है। सियाम योगी ने ये बैठक अपने आधिकारिक आवास पर की है। बैठक में प्रदेश के पुलिस पदाधिकारी मौजूद रहे। प्रदेश के एडीजी रैंक के अधिकारीयों ने बैठक में हिस्सा लिया।
CM Yogi ने लखनऊ स्थित सरकारी आवास पर अपर पुलिस महानिदेशक स्तर के अधिकारियों के साथ आयोजित उच्चस्तरीय बैठक में कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने अपर पुलिस महानिदेशकों से उनकी वर्तमान पदस्थापना अवधि में किए गए कार्यों, अपनाए गए नवाचारों और उपलब्धियों के बारे में जानकारी प्राप्त की। साथ ही, आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (DGP) प्रशांत कुमार और एडिशनल चीफ सेकेरेट्री मौजूद रहे। इसके अलावा प्रदेश के अन्य आला अधिकारी बैठक में मौजूद रहे। सीएम योगी ने प्रदेश के पुलिस अधिकारीयों के साथ बैठक की है। सीएम योगी ने ये बैठक अपने आधिकारिक आवास पर की है। बैठक में प्रदेश के पुलिस पदाधिकारी मौजूद रहे। प्रदेश के एडीजी रैंक के अधिकारीयों ने बैठक में हिस्सा लिया।
CM Yogi ने कहा कि पुलिस की सभी इकाइयों के बीच बेहतर संवाद और समन्वय होना चाहिए। लॉजिस्टिक्स इकाई, अभिसूचना इकाई, SIT, क्राइम, PRV 112 आदि इकाइयां भले ही अलग-अलग हैं, लेकिन सभी का लक्ष्य एक ही है, प्रदेश में बेहतर कानून व्यवस्था बनाए रखना, इसलिए सभी के बीच बेहतर तालमेल होना आवश्यक है।
आगे CM Yogi ने कहा कि पुलिस कार्मिकों को ‘ई-पेंशन’ से जोड़ा जाए। हर पुलिस कार्मिक को समय पर पदोन्नति मिले, उनकी चरित्र पंजिका पर सही विवरण अंकित हो, उनकी योग्यता और प्रतिभा के अनुरूप उन्हें पदस्थापना मिले और सेवानिवृत्ति के समय देयकों का भुगतान समय से हो, यह प्रत्येक दशा में सुनिश्चित किया जाना चाहिए। पुलिस कार्मिकों को आधुनिक उपकरण उपलब्ध कराए जाएं और बेहतरीन प्रशिक्षण के लिए व्यवस्थाओं को और बेहतर किया जाए।
CM Yogi ने कहा कि वरिष्ठ अधिकारी समय पर कार्यालय आएं। किसी भी कार्यालय में कोई फाइल 03 दिन से अधिक समय तक लंबित न हो। यदि किसी तरह की समस्या हो तो DGP कार्यालय, गृह विभाग अथवा सीधे मुझसे समय लेकर मिल सकते हैं, लेकिन अनिर्णय की स्थिति नहीं होनी चाहिए। फाइल लंबित नहीं रहनी चाहिए। बहुत सारी इकाइयों में फील्ड विजिट बढ़ाए जाने की आवश्यकता है।
ADG स्तर के अधिकारी के जनपदों में जाने से अधीनस्थ पर अच्छा एवं सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। अधिकारी जिलों में जाएं, अपनी इकाई से जुड़े कामकाज की समीक्षा करें तथा जहां सुधार की आवश्यकता हो, उसके अनुरूप काम करें।
CM Yogi ने कहा कि पुलिस बल में लॉजिस्टिक्स का अभाव न हो। समय-समय पर इसकी समीक्षा करते रहें। हमारा पुलिस बल आधुनिक उपकरणों से लैस होना चाहिए। अभी 40 अश्वों की आवश्यकता और है। महाकुंभ में इनकी आवश्यकता पड़ेगी। इनके क्रय और प्रशिक्षण की प्रक्रिया यथाशीघ्र पूरी की जाए। प्रदेश में पहली बार होने जा रही कंडम वेपन्स के निस्तारण की प्रक्रिया को सावधानी से पूरा किया जाए।
CM Yogi ने कहा कि बदलते समय के साथ साइबर क्राइम की घटनाएं तेजी से बढ़ी हैं। हमें इसके लिए हर स्तर पर सतर्क होना होगा। साइबर फ्रॉड के संबंध में जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता है। शिक्षकों, उद्यमियों, व्यापारियों, चिकित्सकों सहित अलग-अलग वर्गों के साथ समय-समय पर गोष्ठियां की जाएं। लोगों को साइबर अपराध की घटनाओं तथा सुरक्षा के तौर-तरीकों से अवगत कराया जाए।
सभी जिलों में साइबर क्राइम थाने स्थापित किए जा रहे हैं। इनके भवन निर्माण की कार्यवाही में देर न की जाए। आवश्यकतानुसार मानव संसाधन की व्यवस्था करें। भारत सरकार द्वारा साइबर फॉरेंसिक लैब की स्थापना का प्रस्ताव है। इस संबंध में आवश्यक कार्यवाही करें। प्रत्येक जनपद के हर थाने में साइबर हेल्प डेस्क क्रियाशील रखें। किसी भी तरह की शिकायत मिलने पर तत्काल रिस्पॉन्स होना चाहिए।
उत्तर प्रदेश स्टेट इंस्टिट्यूट ऑफ फॉरेंसिक साइंसेज, लखनऊ को साधन-संपन्न बनाने के लिए सरकार हर आवश्यक सहयोग देगी। इसके निर्माण संबंधी अवशेष कार्यों को यथाशीघ्र पूरा कराएं।
CM Yogi ने कहा कि देश की आपराधिक न्याय प्रणाली में लागू तीनों नए कानून अब पूरी तरह अमल में आ चुके हैं। इस संबंध में विधिवत प्रशिक्षण जारी रखा जाए। हाल के दिनों में रेलवे ट्रैक पर सिलेण्डर, रॉड आदि चीजें मिली हैं। इसी तरह ट्रेनों पर पत्थर फेंके जाने की घटनाएं भी हुई हैं। यह चिंताजनक है। इसके लिए GRP, RPF, रेलवे प्रशासन और सिविल पुलिस को मिलकर काम करने की आवश्यकता है। लोकल इंटेलिजेंस को और मजबूत किया जाना चाहिए।
CM Yogi ने कहा कि मृतक आश्रितों के प्रकरण में आश्रित की आयु को ध्यान में रखते हुए नियमों में बदलाव पर विचार किया जाना चाहिए। फिजिकल परीक्षण के नियम व्यावहारिक होने चाहिए। मृतक आश्रितों के प्रकरण का तय समय सीमा के भीतर निस्तारित होना सुनिश्चित करें।
CM Yogi ने कहा कि 'वीमेन पावर लाइन-1090' को और उपयोगी बनाने का प्रयास किया जाए। जिन जिलों से कम फोन कॉल आ रहे हैं, वहां समीक्षा की जाए। इस हेल्पलाइन के बारे में जागरूकता बढ़ाई जाए। मुकदमों के प्रभावी अभियोजन की दिशा में और बेहतर प्रयास अपेक्षित है। हर जिले का लक्ष्य तय करें, पूरी तैयारी करें और ससमय दोषियों को दण्ड मिलना सुनिश्चित कराएं।
समय-समय पर सभी जनपदों में विजिट कर स्थानीय स्थितियों का आकलन भी किया जाना चाहिए। कार्मिक और स्थापना इकाई के पास हर अधिकारी के अच्छे कार्यों और गलतियों का पूरा ब्यौरा उपलब्ध होना चाहिए।
CM Yogi ने कहा कि कमाण्डो ट्रेनिंग और बेहतर करने की आवश्यकता है। ऊर्जावान युवाओं को कमाण्डो प्रशिक्षण के लिए प्रोत्साहित करें। पुलिस बैण्ड को और व्यवस्थित करने की जरूरत है। पीएसी फ्लड यूनिट का रिस्पॉन्स टाइम और कम करने का प्रयास करें।
पुलिस कॉन्स्टेबल भर्ती परीक्षा का परिणाम इस माह के अंत तक जारी करने की तैयारी करें। रिक्त पदों पर भर्ती की प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ाएं। परीक्षाओं की शुचिता को हर हाल में सुनिश्चित किया जाना है।
CM Yogi ने कहा कि नगरों में ट्रैफिक जाम एक बड़ी समस्या का रूप ले रहा है। इसके लिए स्थानीय परिस्थितियों के अनुरूप नियोजित समाधान का प्रयास किया जाना चाहिए। स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर कार्ययोजना बनाएं। ई-रिक्शा चालकों का वेरिफिकेशन कराया जाए। यह सुरक्षा की दृष्टि से आवश्यक है।
नाबालिग कहीं भी ई-रिक्शा न चलाएं, यह सुनिश्चित करें। ई-रिक्शा का रूट तय होना चाहिए। यातायात को बाधित कर टैक्सी स्टैण्ड न संचालित किया जाए।
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CM Yogi ने कहा कि वीआईपी सुरक्षा में तैनात पुलिस बल का नियमित अंतराल पर स्वास्थ्य परीक्षण कराया जाए। इनकी तैनाती में युवाओं को वरीयता दें। वीआईपी सुरक्षा में लगे जवानों के आदर्श आचरण के लिए भी काउंसिलिंग कराई जानी चाहिए। वर्तमान में 10 एयरपोर्ट की सुरक्षा UPSSF कर रही है। इनके जवानों का शूटिंग परीक्षण भी कराएं।
CM Yogi ने कहा कि विशेष परिस्थितियों में हमारी PRV-112 ने बेहतरीन परिणाम दिए हैं। आज औसत रिस्पॉन्स टाइम घटकर 7:30 मिनट तक आ गया है। कुछ जनपदों में तो 3:00 से 5:00 मिनट में रिस्पॉन्स मिल रहा है। यह संतोषप्रद है, लेकिन तकनीकी की सहायता से इसे और कम किया जाना चाहिए।
PRV-112 के वाहनों की लोकेशनिंग और ठीक किया जाना आवश्यक है। इसके लिए पुलिस आयुक्त/वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक/पुलिस अधीक्षक के साथ-साथ थानाध्यक्ष तक को जवाबदेह बनाना होगा। सक्रियता और बढ़ाए जाने की जरूरत है। ब्लैक स्पॉट को चिह्नित कर वहां वाहनों की तैनाती करें