IMD September Rain: 22 सितंबर को लखनऊ और उसके आसपास के इलाकों में बारिश की संभावना नहीं है। मौसम विभाग के अनुसार कल का दिन ज्यादातर बादलों से घिरा रहेगा, लेकिन बारिश की संभावना बेहद कम है। तापमान 35°C से 36°C के बीच रहेगा, और हवा में उमस का स्तर भी काफी ऊंचा रहने की संभावना है।
IMD September Rain: 22 सितंबर को लखनऊ के मौसम में दिनभर बादल छाए रहेंगे, लेकिन बारिश की संभावना नगण्य है। दिन का तापमान अधिकतम 36°C तक पहुंच सकता है, जबकि रात का तापमान 27°C के आसपास रहने की संभावना है। दिन के समय हल्की हवाएं चल सकती हैं, लेकिन इसके बावजूद उमस भरी गर्मी से राहत मिलती नहीं दिख रही। मौसम विभाग की रिपोर्ट के अनुसार 22 सितंबर को सुबह से शाम तक उमस का स्तर ऊंचा रहेगा, जिससे लोगों को गर्मी का सामना करना पड़ेगा। हालांकि, दिन में कुछ समय के लिए हल्की धूप निकल सकती है, लेकिन तापमान की अधिकता के कारण मौसम गर्म रहेगा।
हालांकि 23 सितंबर से मौसम में कुछ बदलाव की संभावना है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार 23 से 25 सितंबर के बीच हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। इससे लखनऊ और आसपास के इलाकों में तापमान में गिरावट देखने को मिलेगी, जिससे उमस और गर्मी से थोड़ी राहत मिलेगी। इस दौरान, हवाएं भी तेज हो सकती हैं, जिससे मौसम सुहावना होने की उम्मीद है। मौसम विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक, 27 और 28 सितंबर को भारी बारिश की संभावना है। इस बारिश के कारण क्षेत्र में बाढ़ जैसी स्थिति बनने की भी आशंका जताई जा रही है, जिसके लिए प्रशासन को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
लखनऊ और आस-पास के इलाके सितंबर के अंत में मौसम के इस बदलाव से प्रभावित हो सकते हैं। किसान, व्यापारिक वर्ग और दैनिक कामकाज करने वाले लोग इस दौरान मौसम के अनुसार अपनी दिनचर्या में बदलाव कर सकते हैं।
23 सितंबर से शुरू होने वाली बारिश से किसानों को खेती के लिए पानी मिल सकता है, जिससे उन्हें काफी लाभ होगा। इसके अलावा, तापमान में गिरावट से आम जनता को भी राहत मिलने की संभावना है, जो पिछले कुछ दिनों से उमस और गर्मी से परेशान हैं।
मौसम विभाग की भविष्यवाणी के अनुसार, 27 और 28 सितंबर को भारी बारिश की संभावना के कारण बाढ़ की स्थिति बनने का खतरा है। लोगों को सलाह दी जाती है कि वे इस अवधि में सतर्क रहें, विशेष रूप से निम्न इलाकों में रहने वाले लोगों को प्रशासन की सलाह का पालन करना चाहिए। मौसम के बदलाव के साथ ही कुछ अन्य संभावित जोखिम जैसे जलभराव और यातायात में अवरोध भी हो सकते हैं। इसलिए, प्रशासन और जनता दोनों को मिलकर तैयारी करने की आवश्यकता होगी।