Lucknow Art Market: भारत का कला बाजार 250 मिलियन डॉलर के आंकड़े को पार कर चुका है, जो समकालीन कला निवेश में बढ़ती रुचि को दर्शाता है। पुणे, अहमदाबाद, हैदराबाद, कोच्चि और जयपुर जैसे शहर इस प्रवृत्ति के प्रमुख केंद्र बनकर उभर रहे हैं। पहली बार आयोजित लखनऊ समकालीन भारतीय कला मेला - 25, कला निवेश और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है।
Indian Art 250 Million Dollar: भारत में कला बाजार तेजी से विस्तार कर रहा है और अब 250 मिलियन डॉलर (लगभग 2000 करोड़ रुपये) के पार पहुंच चुका है। यह संकेत देता है कि भारतीय समकालीन कला को लेकर निवेशकों की रुचि बढ़ रही है। देश के प्रमुख शहर जैसे पुणे, अहमदाबाद, हैदराबाद, कोच्चि और जयपुर इस नए कला निवेश उछाल के केंद्र बन रहे हैं।
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में पहली बार वृहद स्तर पर "समकालीन भारतीय कला मेला - 25" का आयोजन किया गया है। इस ऐतिहासिक कला मेले का आयोजन फ्लोरोसेंस आर्ट गैलरी द्वारा किया गया है, जिसे कला बाजार के लिए एक महत्वपूर्ण पहल माना जा रहा है। यह प्रदर्शनी 23 फरवरी तक जारी रहेगी।
इस भव्य कला प्रदर्शनी में देश के अलग-अलग राज्यों जैसे बिहार, उड़ीसा, नई दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और बंगाल से 38 समकालीन कलाकारों ने भाग लिया है। प्रदर्शनी में चित्रकला, मूर्तिकला, एम्ब्रॉयडरी और प्रिंटमेकिंग जैसी कला विधाओं की 120 से अधिक कलाकृतियों को प्रदर्शित किया गया है।
क्यूरेटर भूपेंद्र अस्थाना ने बताया कि लखनऊ में पहली बार कला की आर्थिक शक्ति पर विशेष कला सत्र का आयोजन किया गया। इस सत्र में कला प्रशासक एवं क्यूरेटर विकाश आनंद कुमार और प्रदेश के वरिष्ठ कलाकार व कला शिक्षाविद जय कृष्ण अग्रवाल ने भाग लिया।
कला बाजार के विस्तार पर चर्चा करते हुए विकास आनंद कुमार ने कहा कि भारत में कला का बाजार तेजी से बढ़ रहा है। उन्होंने एक प्रेजेंटेशन के माध्यम से कला और कलाकारों से जुड़े कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि "अच्छा व्यवसाय ही सबसे अच्छी कला है," और यह कि कला निवेश न केवल एक आर्थिक गतिविधि है, बल्कि यह अंतरराष्ट्रीय कूटनीति और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को भी बढ़ावा देती है।
विगत वर्षों में पुणे, अहमदाबाद, हैदराबाद, कोच्चि और जयपुर जैसे शहरों में कला में निवेश करने की रुचि तेजी से बढ़ी है। इन शहरों में नए कलाकारों को समर्थन देने और कला को व्यापार का रूप देने के लिए कई नई पहलें की जा रही हैं।
भारत में कला निवेश एक दीर्घकालिक वित्तीय विकल्प बनता जा रहा है। कला के माध्यम से न केवल रोजगार के नए अवसर सृजित हो रहे हैं, बल्कि यह देश की अर्थव्यवस्था में भी योगदान कर रहा है। कला संग्राहकों और निवेशकों के लिए यह एक लाभकारी अवसर बनता जा रहा है।
लखनऊ में आयोजित समकालीन भारतीय कला मेला - 25 एक ऐतिहासिक पहल है, जो भारतीय कला बाजार को नई ऊंचाइयों पर ले जाने में सहायक होगी। भारत में कला की बढ़ती लोकप्रियता और निवेशकों की रुचि इस क्षेत्र को एक सुनहरे भविष्य की ओर ले जा रही है।