Indian Railway News: लखनऊ-बाराबंकी रेलखंड का निरीक्षण करते हुए लखनऊ मंडल के डीआरएम सचिन्द्र मोहन शर्मा ने यात्री सुविधाओं और सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया। इस दौरान उन्होंने रेलखंड की संरक्षा और यात्री सेवाओं का व्यापक आकलन किया।
Indian Railway News: उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल के डीआरएम सचिन्द्र मोहन शर्मा ने लखनऊ-बाराबंकी रेलखंड का व्यापक निरीक्षण किया। इस निरीक्षण का उद्देश्य रेलवे संरक्षा, यात्री सुविधाओं और इंफ्रास्ट्रक्चर की गुणवत्ता का आकलन करना था। डीआरएम ने विंडो ट्रेलिंग के माध्यम से यात्रा की और पूरे रेलखंड की संरक्षा संबंधी पहलुओं की बारीकी से जांच की। बाराबंकी रेलवे स्टेशन पर यात्री सुविधाओं, खानपान स्टालों, पार्किंग और माल ढुलाई की व्यवस्थाओं की भी समीक्षा की गई।
डीआरएम सचिन्द्र मोहन शर्मा ने लखनऊ-बाराबंकी रेलखंड पर विंडो ट्रेलिंग के जरिये संरक्षा के विभिन्न पहलुओं का निरीक्षण किया। विंडो ट्रेलिंग एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें रेल अधिकारी ट्रेन के विंडो से रेलवे ट्रैक और उससे जुड़े संरचनात्मक बिंदुओं का विश्लेषण करते हैं। इस दौरान रेलवे ट्रैक, सिग्नलिंग सिस्टम, ओवरहेड लाइन और अन्य महत्वपूर्ण तकनीकी व्यवस्थाओं का परीक्षण किया जाता है ताकि यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
निरीक्षण के दौरान डीआरएम ने बाराबंकी रेलवे स्टेशन पर यात्री सुविधाओं का भी जायजा लिया। उन्होंने स्टेशन मास्टर कार्यालय का दौरा किया और प्लेटफार्मों की स्थिति की जांच की। इसके साथ ही, खानपान स्टालों की गुणवत्ता और साफ-सफाई पर भी विशेष ध्यान दिया गया। यात्रियों की सुविधा के लिए बेहतर खानपान सेवाओं की व्यवस्था को सुनिश्चित करने के लिए उन्होंने आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए।
डीआरएम ने स्टेशन परिसर में पार्किंग व्यवस्था का भी निरीक्षण किया और पार्किंग को और सुव्यवस्थित करने के लिए आवश्यक निर्देश दिए। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यात्रियों को पार्किंग के दौरान किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े। इसके अलावा, स्टेशन के आस-पास के क्षेत्र को साफ-सुथरा रखने और यातायात को सुगम बनाने के लिए सख्त कदम उठाने के निर्देश भी दिए।
निरीक्षण के दौरान डीआरएम ने माल ढुलाई की साइडिंग का भी निरीक्षण किया। उन्होंने देखा कि साइडिंग में ट्रकों के आवागमन के लिए सड़क की हालत को और बेहतर किया जाना चाहिए। उन्होंने निर्देश दिए कि माल लदान-उतरान के लिए सड़क की मरम्मत और सुधार किया जाए ताकि ट्रक और अन्य मालवाहक वाहनों को आने-जाने में किसी प्रकार की समस्या न हो।
डीआरएम ने "अमृत भारत स्टेशन योजना" की प्रगति का भी निरीक्षण किया। इस योजना का उद्देश्य रेलवे स्टेशनों को आधुनिक बनाने और यात्री सुविधाओं में सुधार करना है। उन्होंने बाराबंकी स्टेशन पर इस योजना के तहत चल रहे कामों का जायजा लिया और कार्य की गति और गुणवत्ता पर संतोष व्यक्त किया। उन्होंने योजना को समय पर पूरा करने के निर्देश भी दिए ताकि यात्रियों को जल्द से जल्द उन्नत सुविधाएं मिल सकें।
डीआरएम सचिन्द्र मोहन शर्मा का लखनऊ-बाराबंकी रेलखंड का निरीक्षण रेलवे के संचालन और संरचना की गुणवत्ता को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण कदम है। यात्री सुविधाओं, संरक्षा और माल ढुलाई के क्षेत्रों में हुए सुधारों से न केवल यात्रियों की यात्रा सुरक्षित और आरामदायक होगी, बल्कि रेलवे के इंफ्रास्ट्रक्चर को भी सुदृढ़ किया जाएगा।
अमृत भारत स्टेशन योजना भारतीय रेलवे द्वारा शुरू की गई एक महत्वाकांक्षी योजना है, जिसका उद्देश्य रेलवे स्टेशनों का आधुनिकीकरण और विकास करना है। इस योजना के तहत, रेलवे स्टेशनों को आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित किया जाएगा और उन्हें भविष्य की जरूरतों के अनुसार तैयार किया जाएगा। योजना का फोकस केवल स्टेशनों के सौंदर्यीकरण पर नहीं, बल्कि यात्रियों को बेहतर और अधिक सुविधाजनक अनुभव प्रदान करने पर है।
बुनियादी ढांचे का सुधार: स्टेशनों पर यात्री सुविधाओं को बढ़ाना और स्टेशन परिसरों के बुनियादी ढांचे को मजबूत बनाना।
मल्टी-मोडल ट्रांसपोर्टेशन: स्टेशन परिसर को इस प्रकार विकसित करना कि वहां विभिन्न परिवहन साधनों का सहज उपयोग हो सके। उदाहरण के लिए, रेलवे स्टेशन से मेट्रो, बस, टैक्सी आदि की आसानी से कनेक्टिविटी।
यात्री सुविधाओं का विस्तार: स्टेशनों पर यात्रियों के लिए बेहतर वेटिंग हॉल, शौचालय, पार्किंग, एस्केलेटर और लिफ्ट जैसी आधुनिक सुविधाओं का निर्माण किया जाएगा। इसके अलावा खानपान सेवाओं में सुधार भी किया जाएगा।
ट्रैफिक और पैदल यात्री प्रबंधन: स्टेशनों पर भीड़ नियंत्रण और ट्रैफिक प्रबंधन के लिए बेहतर इंतजाम किए जाएंगे। फुटओवर ब्रिज और अंडरपास का निर्माण किया जाएगा ताकि यात्रियों को परेशानी न हो।
डिजिटल और ग्रीन सुविधाएं: स्टेशनों को स्मार्ट स्टेशनों में बदलने के लिए डिजिटलीकरण की सुविधाएं प्रदान की जाएंगी, जैसे वाई-फाई, डिजिटल डिस्प्ले बोर्ड, ऑनलाइन टिकट सेवाएं, आदि। इसके साथ ही, पर्यावरण के अनुकूल उपायों पर जोर दिया जाएगा, जैसे सोलर पावर प्लांट, वाटर हार्वेस्टिंग, और ऊर्जा की बचत वाली तकनीकें।
स्थानीय संस्कृति का सम्मान: स्टेशनों के विकास के दौरान स्थानीय संस्कृति, परंपराओं और वास्तुकला को भी महत्व दिया जाएगा ताकि स्टेशन न केवल आधुनिक बने रहें बल्कि उनकी पहचान भी बरकरार रहे।
योजना के तहत, 1000 से अधिक रेलवे स्टेशनों का चयन किया गया है। इन स्टेशनों को चरणबद्ध तरीके से विकसित किया जाएगा। छोटे से लेकर बड़े स्टेशनों तक सभी को शामिल किया गया है, ताकि पूरे देश में यात्रियों को आधुनिक और सुव्यवस्थित रेलवे स्टेशन की सुविधा मिल सके।
लॉन्ग-टर्म विजन: इस योजना के तहत रेलवे स्टेशनों के विकास को दीर्घकालिक दृष्टिकोण के साथ देखा गया है, जिसमें भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए सुधार किए जाएंगे।
न्यूनतम लागत पर अधिकतम विकास: योजना के तहत ऐसे उपाय किए जाएंगे जिससे कम खर्च में भी स्टेशनों की बेहतरी हो सके।
स्थानीय व्यापार और रोजगार को बढ़ावा: स्टेशन परिसर के विकास से स्थानीय व्यापार को भी बढ़ावा मिलेगा और क्षेत्र में रोजगार के अवसर पैदा होंगे।