3D modeling of temples:भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के वैज्ञानिक उत्तराखंड सहित देश के 16 मंदिरों की रिमोर्ट सेसिंग से थ्री-डी मॉडलिंग करेंगे। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) और इसरो के बीच इसका करार हुआ है। थ्री-डी मॉडल तैयार होने के बाद भविष्य में मंदिरों में आने वाले संरचनात्मक बदलावों का अध्ययन किया जा सकेगा।
3D modeling of temples:इसरो के वैज्ञानिक उत्तराखंड सहित देश भर के प्रमुख मंदिरों की थ्री-डी मॉडलिंग करेंगे। देश भर में एएसआई संरक्षित 16 स्मारकों की थ्री-डी मॉडलिंग होनी हैं। इनमें उत्तराखंड से चम्पावत जिले के बालेश्वर, अल्मोड़ा जिले के जागेश्वर धाम, कटारमल और चमोली जिले के गोपेश्वर के मंदिर शामिल हैं। इन मंदिरों के थ्री-डी मॉडल तैयार करवाने के लिए एएसआई ने इसरो से करार किया है। इसरो के वैज्ञानिक भानुप्रिया और सौरभ कुमार ने चम्पावत के बालेश्वर मंदिर पहुंचकर थ्री-डी मॉडलिंग के लिए डेटा एकत्र कर लिया है। इधर, गुरुवार को ये वैज्ञानिक जागेश्वर धाम पहुंचे थे। वैज्ञानिकों ने गुरुवार और शुक्रवार को रिमोर्ट सेसिंग विधि से आधुनिक उपकरणों की मदद से जागेश्वर के मंदिरों का डाटा एकत्र किया। उसके बाद कटारमल के सूर्य मंदिर का डाटा एकत्र किया जाएगा। टीम में मौजूद वैज्ञानिक भानुप्रिया ने बताया कि सभी मंदिरो का रिमोर्ट सेसिंग से थ्री-डी मॉडिलिंग तैयार की जा रही है। इसके लिए आजकल डाटा एकत्र करने का काम चल रहा है। अधीक्षण पुरातत्वविद मनोज सक्सेना के मुताबिक एएसआई के कुछ प्रमुख स्मारकों पर इसरो की टीम कार्य कर रही है। मंदिरों की थ्री-डी मॉडलिंग की जा रही है। इससे मंदिरों की मौजूदा स्थिति का पता चल सकेगा।
इसरो के वैज्ञानिक मंदिरों का थ्री-डी मॉडल तैयार करेंगे। थ्री-डी मॉडल में प्रत्येक मंदिरों की लंबाई-चौड़ाई, ऊंचाई सहित अन्य का मेजरमेंट किया जाएगा। उसके बाद मंदिरों का डिजीटल डाक्यूमेंटेशन होगा। इसके जरिए वैज्ञानिक भविष्य में इन मंदिरों की संरचना में आने वाले बदलावों का आसानी से अध्ययन कर पाएंगे। इसरो के आधुनिक उपकरणों से ये थ्री-डी मॉडलिंग होगी।