Illegal Madrassa Controversy:अवैध मदरसों पर सरकार की ओर से की जा रही ताबड़तोड़ कार्रवाई से हड़कंप मचा हुआ है। इसके विरोध में जमीयत उलमा-ए-हिंद सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है। जमीयत की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट आज सुनवाई कर सकती है।
Illegal Madrassa Controversy:अवैध मदरसों के खिलाफ इन दिनों पूरे उत्तराखंड में प्रशासन की टीमें अभियान चला रही हैं। एक महीने के अभियान के दौरान प्रशासन की टीमें यूएस नगर, हरिद्वार और देहरादून जिले में करीब 136 से अधिक अवैध मदरसों को सील कर चुकी है। वह मदरसे सील किए जा रहे हैं, जिनके पास संचालन के दस्तावेज नहीं हैं। उत्तराखंड में चल रहे इस बड़े अभियान से हड़कंप मचा हुआ है। अवैध मदरसों के खिलाफ कार्रवाई से जमीयत नाराज है। जमीयत उलमा-ए-हिंद उत्तराखंड के प्रदेश महासचिव मौलाना शराफत अली कासमी और राष्ट्रीय प्रेस सचिव फजलुर्रहमान के मुताबिक उत्तराखंड में अफसरों ने बड़े स्तर पर मदरसों के खिलाफ बिना पूर्व सूचना के कार्रवाई शुरू की। इस कार्रवाई को उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का उल्लंघन बताया। उन्होंने कहा कि जब यूपी में इस तरह की कार्रवाई की गई थी तो जमीयत उलमा-ए-हिंद सुप्रीम कोर्ट गई थी। दावा किया कि तब सुप्रीम कोर्ट ने उन सभी नोटिसों पर रोक लगा दी थी जो विभिन्न राज्यों विशेष रूप से उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से मदरसों को जारी किए गए थे। लिहाजा उत्तराखंड में मदरसों के खिलाफ कार्रवाई पर जमीयत उलमा-ए-हिंद ने मौलाना अरशद मदनी के निर्देश पर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है।
उत्तराखंड में अवैध मदरसों पर धामी सरकार की सख्ती जारी है। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने अवैध मदरसों को मिलने वाली फंडिंग की जांच कराने के निर्देश दिए हैं। सीएम ने इस संबंध में जिलाधिकारियों को निर्देश दिए हैं। अफसर यह रिपोर्ट सीधे मुख्यमंत्री कार्यालय को सौंपेंगे। राज्य सरकार के निर्देश पर प्रदेश के विभिन्न जिलों में अवैध मदरसों के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है। राज्य में करीब 450 मदरसे पंजीकृत हैं, जो शासन को अपने दस्तावेज, बैंक खाते और आय-व्यय का पूरा ब्योरा नियमित देते हैं। इससे ज्यादा मदरसे अवैध तरीके से संचालित हो रहे हैं।