Keshav Prasad Maurya: उत्तर प्रदेश भाजपा की विस्तारित कार्यसमिति की बैठक के बात से भाजपा में कलह की बात सामने आ रही है। सूत्रों के अनुसार, उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य राज्य में अपनी भूमिका को लेकर संतुष्ट नहीं हैं। वहीं, प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने भी कई मंत्रियों को लेकर सवाल उठाए हैं।
Keshav Prasad Maurya: लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद भाजपा में विभिन्न स्तरों पर उभर रही नाराजगी और विरोधाभासी सुरों को शांत करने की कवायद तेज हो गई है। उत्तर प्रदेश की विस्तारित कार्य समिति की बैठक के बाद राज्य के दो प्रमुख नेताओं उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से अलग-अलग मुलाकातें कीं।
भाजपा मुख्यालय में मंगलवार देर शाम हुई इन मुलाकातों में केंद्रीय नेतृत्व ने पार्टी में एकजुटता बनाए रखने, कार्यकर्ताओं के मनोबल को ऊंचा रखने और संयम के साथ बोलने की नसीहत दी है। पार्टी ने संदेश देने की कोशिश है कि यह समय एकजुटता का है, ताकि पार्टी 2027 के लिए पूरी ताकत से तैयारी में जुट सके, न कि एक दूसरे को कमजोर करने की कोशिश की जाए।
सूत्रों के अनुसार, केंद्रीय नेतृत्व में दोनों नेताओं की बातों को सुना और उनके द्वारा उठाए गए मसलों पर ध्यान देने का भरोसा भी दिया है। खासकर उत्तर प्रदेश में सरकार के भीतर और संगठन के स्तर पर कमियों को जल्द दूर करने का भी भरोसा दिया गया।
उत्तर प्रदेश भाजपा की विस्तारित कार्यसमिति की बैठक दो दिन पहले ही हुई थी, जिसमें नेताओं ने खुलकर अपने विचार रखे थे और संगठन की मजबूती पर जोर दिया गया था। साथ ही चुनावी नतीजों को लेकर परोक्ष रूप से निशाने साधे गए थे। उस समय कई बातें नहीं हो पाई थी, जिनको लेकर अब प्रदेश के दो नेताओं ने केंद्रीय नेतृत्व के सामने अपने मुद्दे रखे हैं।
सूत्रों के अनुसार, उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य राज्य में अपनी भूमिका को लेकर संतुष्ट नहीं हैं। वहीं, प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने भी कई मंत्रियों को लेकर सवाल उठाए हैं। फिलहाल, भाजपा की कोशिश मामले को ठंडा रखने और सभी को एक साथ रख कर आगे बढ़ने की है। ऐसे में सरकार के स्तर पर किसी तरह के बड़े बदलाव की संभावना नहीं है।