LDA Illegal Encroachment: लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) ने बटलर पैलेस के पास नजूल भूमि से अवैध अतिक्रमण हटाने के लिए सख्त कार्रवाई की। तीन दिन की चेतावनी के बाद बुलडोजर चलाकर लगभग एक दर्जन झुग्गियों और टीन शेड को तोड़ा गया। कब्जेदारों पर फर्नीचर और हार्डवेयर का अवैध व्यापार चलाने का आरोप है।
LDA Baba Bulldozer: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) ने एक बार फिर से अवैध अतिक्रमण के खिलाफ सख्त कार्रवाई की। बटलर पैलेस के पास नैमिषारण्य गेस्ट हाउस के बगल में नजूल की जमीन पर बने अवैध टीन शेड और झुग्गियों को हटाने के लिए एलडीए की टीम ने बुलडोजर चलाया। इस कार्रवाई में लगभग एक दर्जन झुग्गियां तोड़ी गईं।
तीन दिन का समय दिया गया था
प्राधिकरण ने झुग्गियों और टीन शेड पर कब्जा करने वालों को पहले ही तीन दिन का समय दिया था ताकि वे स्वयं अपना अवैध निर्माण हटा लें। लेकिन तय समय सीमा खत्म होने के बाद प्राधिकरण ने मौके पर बुलडोजर चलाकर सभी अवैध निर्माण ध्वस्त कर दिए।
एलडीए के सचिव विवेक श्रीवास्तव ने बताया कि बटलर पैलेस के पास स्थित नजूल भूमि का क्षेत्रफल लगभग 2,59,000 वर्गफुट है। इस भूमि पर अवैध रूप से टीन शेड और झुग्गियां बनाकर कुछ लोगों ने कबाड़, फर्नीचर, टायर और हार्डवेयर का व्यवसाय शुरू कर दिया था। प्राधिकरण ने इन कब्जेदारों को कई बार चेतावनी दी थी, लेकिन उन्होंने जगह खाली नहीं की।
सख्त कार्रवाई का निर्देश
प्राधिकरण के उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार के निर्देश पर नजूल अधिकारी संजय सिंह के नेतृत्व में एलडीए की टीम ने यह कार्रवाई की। टीम ने बुलडोजर चलाकर सभी अस्थायी अवैध निर्माण और झुग्गियां तोड़ दीं।
स्थानीय लोगों के आरोप
अवैध कब्जेदारों ने प्राधिकरण की इस कार्रवाई पर सवाल उठाए और आरोप लगाए कि उनके साथ सही व्यवहार नहीं किया गया। हालांकि, एलडीए अधिकारियों का कहना है कि उन्हें पहले ही कई बार नोटिस दिया गया था और यह कार्रवाई नियमों के तहत की गई है।
भविष्य में भी जारी रहेगा अभियान
एलडीए ने स्पष्ट किया है कि नजूल की जमीनों पर अतिक्रमण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अगर किसी ने दोबारा कब्जा करने की कोशिश की, तो उनके खिलाफ और भी सख्त कार्रवाई की जाएगी।
यह कार्रवाई सरकार की "जीरो टॉलरेंस" नीति का हिस्सा है, जिसमें अवैध कब्जों पर सख्त कार्रवाई की जा रही है। यह कदम यह सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है कि सार्वजनिक संपत्तियों का सही उपयोग हो सके और अवैध कब्जों की वजह से शहर की योजना में बाधा न आए।