
Lucknow Live In Partner Murder Case
Lucknow Live In Relationship Murder: लखनऊ के पीजीआई क्षेत्र स्थित डिफेंस स्पो मैदान में शुक्रवार तड़के एक युवती का शव मिलने से सनसनी फैल गई। मृतका की पहचान रायबरेली निवासी 30 वर्षीय गीता के रूप में हुई है। गीता पिछले 13 वर्षों से अपने लिव-इन पार्टनर के साथ तेलीबाग के नीलगिरी अपार्टमेंट में रह रही थी। परिजनों ने युवती के लिव-इन पार्टनर पर बीमा राशि हड़पने के लिए उसकी हत्या करने का आरोप लगाया है।
मृतका के भाई लालचंद ने बताया कि गीता के नाम पर एक करोड़ रुपये की बीमा पॉलिसी थी, जिसका नामिनी उसका लिव-इन पार्टनर है। परिजनों का दावा है कि गीता का एक्सीडेंट नहीं हुआ, बल्कि उसे योजनाबद्ध तरीके से मार कर घटना को सड़क दुर्घटना का रूप दिया गया है।
शव पर चोट के निशान, एक्सीडेंट का दावा संदिग्ध
डिफेंस स्पो मैदान में मिले शव के आसपास की परिस्थितियों और गीता के शरीर पर मौजूद चोट के निशानों ने इस घटना को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद मौत के कारणों का खुलासा होने की उम्मीद है। पुलिस ने इस मामले में जांच तेज कर दी है और घटनास्थल के आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं।
भाई ने लगाया लिव-इन पार्टनर पर हत्या का आरोप
मृतका के भाई लालचंद ने बताया कि शुक्रवार सुबह गीता के लिव-इन पार्टनर ने फोन कर उन्हें घटना की जानकारी दी। उसने दावा किया कि वह घटना के समय रायबरेली में था और गीता का एक्सीडेंट डिफेंस स्पो मैदान के पास हुआ। इसके बाद वह खुद गीता का शव कार में लादकर उनके पास तेलीबाग लेकर आया।
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लालचंद ने आरोप लगाया कि गीता का लिव-इन पार्टनर पेशे से अधिवक्ता है और उसने गीता के नाम पर बीमा करवाया था। अब बीमा राशि हड़पने के लिए उसने षड्यंत्र रचकर उसकी हत्या कर दी। उन्होंने कहा कि गीता के चेहरे और शरीर पर चोट के निशान हैं, जिससे साफ होता है कि उसकी हत्या की गई है।
हत्या का अंदेशा, पुलिस की जांच तेज
पुलिस ने गीता के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और घटनास्थल के सबूत जुटाने में लगी है। इंस्पेक्टर ने बताया कि मामले की गहराई से जांच की जा रही है।
लिव-इन रिलेशनशिप: बढ़ती घटनाएं और विवाद
इस मामले ने लिव-इन रिलेशनशिप में बढ़ते विवादों और अपराधों को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे रिश्तों में पारदर्शिता और सुरक्षा का अभाव कई बार घातक साबित हो सकता है।
विशेषज्ञों की राय
वरिष्ठ अधिवक्ता सुनील त्रिपाठी का कहना है, "यदि बीमा का नामिनी कोई लिव-इन पार्टनर है और घटना संदिग्ध परिस्थितियों में हुई है, तो इसकी गहराई से जांच की जानी चाहिए।"
मनोवैज्ञानिक डॉ. सीमा शर्मा के अनुसार, "लिव-इन रिलेशनशिप में पारिवारिक जुड़ाव और कानूनी सुरक्षा का अभाव कई बार समस्याएं खड़ी करता है।" गीता की मौत ने लिव-इन रिलेशनशिप और बीमा से जुड़े विवादों पर नए सिरे से चर्चा छेड़ दी है। पुलिस द्वारा मामले की जांच और पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही सच्चाई का खुलासा हो सकेगा।
Published on:
18 Jan 2025 10:30 pm
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