लखनऊ

Lucknow Airport Accident: हादसे की बाउंड्री: लखनऊ एयरपोर्ट पर करंट से गई महिला की जान

Lucknow Airport Shocking Accident: लखनऊ एयरपोर्ट की बाउंड्रीवाल में उतरे करंट ने एक महिला की जान ले ली। नसीरा नामक महिला पेड़ के नीचे जामुन बीन रही थी, तभी वह लोहे की टीनशेड बाउंड्री के संपर्क में आ गई। घटना के बाद स्थानीय लोगों में भारी आक्रोश और प्रशासन पर लापरवाही के आरोप लगे।

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Jun 21, 2025
विपदा बनी लापरवाही: सुरक्षा इंतजामों की खुली पोल, कई बार की जा चुकी हैं शिकायतें फोटो सोर्स : Social Media

Lucknow Airport Electric Shock Death: राजधानी लखनऊ में शुक्रवार को चौधरी चरण सिंह अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के पास एक हृदयविदारक हादसे में 42 वर्षीय महिला की करंट लगने से मौके पर ही मौत हो गई। यह हादसा एयरपोर्ट की टीनशेड युक्त लोहे की बाउंड्रीवाल में अचानक उतरे करंट के कारण हुआ। घटना के बाद क्षेत्र में हड़कंप मच गया और स्थानीय लोगों में भारी आक्रोश देखने को मिला।

जामुन बीनते समय हुआ हादसा

मूल रूप से रायबरेली जिले के कुर्री सुदौली गांव निवासी नसीरा (42), जो पिछले 15 वर्षों से सरोजनी नगर क्षेत्र के चिल्लावां गांव में अपनी बुआ मुत्री व उनके बेटों नसीर और आफताब के साथ किराए पर रह रही थी, शुक्रवार को अपने घर से थोड़ी दूरी पर स्थित एक जामुन के पेड़ के नीचे जामुन बीनने गई थी।

दोपहर करीब 12 बजे के आसपास, जब वह वीआईपी रोड से चिल्लावां गांव को जोड़ने वाले मार्ग के निकट पहुंची, तभी एयरपोर्ट की लोहे की बाउंड्रीवाल के संपर्क में आते ही करंट की चपेट में आ गई। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, करंट इतना तेज था कि महिला की मौके पर ही मौत हो गई। कुछ देर बाद राहगीरों ने जब महिला को जमीन पर पड़ा देखा तो स्थानीय लोगों और परिजनों को सूचना दी गई। बाद में पुलिस को भी सूचित किया गया।

पुलिस और प्रशासन की त्वरित कार्रवाई

सूचना पर सरोजनीनगर पुलिस मौके पर पहुंची, और क्षेत्राधिकारी (एसीपी) कृष्णानगर विक्रांत पांडेय ने भी घटनास्थल का निरीक्षण किया। शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। पुलिस ने एहतियातन घटनास्थल के आसपास की बाउंड्री को रस्सियों से घेरते हुए बैरिकेडिंग कर दी है ताकि कोई अन्य व्यक्ति उस क्षेत्र के संपर्क में न आ सके। साथ ही संबंधित विद्युत आपूर्ति को अस्थाई रूप से रोक दिया गया है ताकि करंट के स्रोत का पता लगाया जा सके।

मृतका के पारिवारिक हालात बेहद संवेदनशील

नसीरा मानसिक रूप से मंदबुद्धि थी और जन्म से ही अपने माता-पिता के बजाय बुआ के पास रह रही थी। उसकी मां मेहरून का निधन लगभग 25 वर्ष पहले हो गया था, और पिता नगराम क्षेत्र में अकेले जीवन व्यतीत कर रहे हैं। नसीरा का विवाह भी हुआ था, लेकिन पारिवारिक कारणों से वह बचपन से ही अपने मायके पक्ष यानी बुआ के पास ही रही। उसकी देखरेख की जिम्मेदारी बुआ मुत्री और उनके बेटों के ऊपर थी।

स्थानीय लोगों में भारी रोष

घटना की खबर मिलते ही बड़ी संख्या में स्थानीय लोग मौके पर एकत्र हो गए और एयरपोर्ट प्रशासन के प्रति नाराजगी जाहिर की। लोगों का कहना है कि यह पहली बार नहीं है जब एयरपोर्ट की बाउंड्रीवाल में करंट उतरा हो। स्थानीय निवासी इरशाद अहमद ने बताया, "इस टीनशेड बाउंड्री में पहले भी कई बार करंट उतर चुका है। बच्चों और पशुओं को झटका लग चुका है, पर कभी किसी ने गंभीरता से नहीं लिया। कई बार शिकायत करने के बाद भी कोई उचित कार्रवाई नहीं हुई।"
शकील अहमद, एक सामाजिक कार्यकर्ता, ने कहा कि यह पूरी तरह से प्रशासन की लापरवाही है। यदि समय रहते सुधार किया गया होता तो आज एक मासूम की जान नहीं जाती।

एयरपोर्ट प्रबंधन की चुप्पी, तकनीकी टीम जांच में जुटी

इस हादसे को लेकर एयरपोर्ट प्रबंधन ने कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है, लेकिन अंदरूनी सूत्रों के अनुसार तकनीकी टीम को तत्काल मौके पर भेजा गया है। टीम यह जांच कर रही है कि करंट किस स्रोत से टीनशेड बाउंड्री में प्रवाहित हुआ और क्या यह विद्युत आपूर्ति लाइनों से जुड़ा है या किसी अन्य उपकरण की वजह से हुआ। एयरपोर्ट से जुड़े एक कर्मचारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, "बाउंड्री की लोहे की संरचना को ज़मीन से सुरक्षित जोड़ना और नियमित इंसुलेशन जांच करना जरूरी होता है, लेकिन ऐसे संवेदनशील इलाकों में नियमित निरीक्षण में ढिलाई अक्सर ऐसे हादसों का कारण बनती है।"

प्रशासनिक लापरवाही या तकनीकी चूक

इस हादसे ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या बड़े संस्थान जैसे एयरपोर्ट प्रशासन अपनी जिम्मेदारियों को सही ढंग से निभा रहे हैं? एयरपोर्ट जैसी उच्च सुरक्षा और मानक वाली जगह पर इस तरह का करंट प्रवाह होना केवल तकनीकी चूक नहीं, बल्कि लापरवाही का स्पष्ट प्रमाण माना जा सकता है। इस प्रकार की बाउंड्रीवाल, जो घनी आबादी के नजदीक हो, वहां अतिरिक्त सुरक्षा मानकों का पालन किया जाना चाहिए। पर यहां न तो चेतावनी बोर्ड लगाए गए थे, न ही कोई सुरक्षात्मक अवरोध। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने धारा 174 के तहत कार्रवाई शुरू कर दी है। हालांकि, यदि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में करंट से मौत की पुष्टि होती है और तकनीकी चूक सामने आती है, तो आईपीसी की धारा 304A (लापरवाही से मृत्यु) के तहत आगे मामला दर्ज किया जा सकता है।

क्या कहता है कानून

यदि किसी सार्वजनिक संरचना में करंट प्रवाह किसी की जान ले लेता है, और वह किसी की जिम्मेदारी में थी, तो इसके तहत कानूनी कार्यवाही का प्रावधान है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस केस में भी एयरपोर्ट अथॉरिटी पर मुकदमा चलाया जा सकता है यदि जांच में दोष सिद्ध होता है।

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