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Lucknow Dengue Alert: डेंगू का डंक तेज: लखनऊ में 15 मरीज मिले इमरजेंसी वार्ड फुल

Lucknow Dengue Alert: लखनऊ में डेंगू के बढ़ते मामलों ने स्वास्थ्य विभाग और अस्पतालों को सतर्क कर दिया है। मरीजों की लगातार बढ़ती संख्या और प्लेटलेट्स की कमी ने स्थिति को गंभीर बना दिया है।

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Oct 04, 2024
Lucknow Dengue Alert

Lucknow Dengue Alert: लखनऊ में डेंगू का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है। आठ दिनों में 312 नए मरीजों की पुष्टि हो चुकी है, जिससे सरकारी अस्पतालों की इमरजेंसी और वार्ड पूरी तरह से भर गए हैं। स्वास्थ्य विभाग लगातार सर्वे कर रहा है, लेकिन डेंगू के नए मरीजों की संख्या में कमी नहीं आ रही है। डॉक्टरों के अनुसार, डेंगू के मरीजों में प्लेटलेट्स की कमी गंभीर चिंता का विषय बनती जा रही है।

डेंगू की रफ्तार से स्वास्थ्य विभाग अलर्ट

लखनऊ में डेंगू के मामलों में लगातार वृद्धि देखी जा रही है। बृहस्पतिवार को विभिन्न इलाकों से 15 नए मरीजों की पुष्टि हुई। इनमें चंदर नगर से पांच, अलीगंज से चार, एन के रोड से तीन, गोसाईगंज, इंदिरा नगर और टूड़ियागंज से एक-एक मरीज शामिल हैं। पिछले आठ दिनों में कुल 312 मरीजों में डेंगू की पुष्टि हो चुकी है। डेंगू के लक्षणों वाले कई और मरीज अस्पतालों में भर्ती हो रहे हैं, जिनकी पुष्टि स्वास्थ्य विभाग की जांच के बाद की जा रही है।

डबल इंफेक्शन का खतरा बढ़ा

डॉक्टरों के अनुसार, कई मरीजों में डेंगू के साथ-साथ टाइफाइड का भी इंफेक्शन पाया जा रहा है, जिससे मरीजों की हालत गंभीर हो जाती है। इन मरीजों में प्लेटलेट्स तेजी से गिरती हैं, जो खतरनाक साबित हो सकता है। बलरामपुर अस्पताल के निदेशक डॉ. पवन अरुण ने बताया कि अस्पताल में चार फिजिशियन की टीम बनाई गई है, जो डेंगू मरीजों का इलाज कर रही है।

मल्टीपल डिजीज के मरीजों में डेंगू का खतरा ज्यादा

विशेषज्ञों का मानना है कि जिन मरीजों को पहले से डायबिटीज, ब्लड प्रेशर या अन्य बीमारियां हैं, उन्हें डेंगू का संक्रमण अधिक प्रभावित कर सकता है। डॉ. डी. हिंमाशु के अनुसार, ऐसे मरीजों को बुखार होने पर तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। इसके अलावा, शरीर में पानी की कमी नहीं होने देनी चाहिए और किसी भी प्रकार की बिना सलाह के दवाओं का सेवन नहीं करना चाहिए, जिससे स्थिति बिगड़ सकती है।

प्लेटलेट्स की मांग बढ़ी, मरीज वेटिंग में

डेंगू और वायरल बुखार के बढ़ते मामलों के कारण मरीजों में प्लेटलेट्स की कमी हो रही है। इससे ब्लड बैंकों में प्लेटलेट्स की मांग बढ़ गई है, जिससे मरीजों को प्लेटलेट्स मिलने में घंटों की देरी हो रही है। केजीएमयू, बलरामपुर और सिविल अस्पताल में ब्लड बैंकों पर अत्यधिक दबाव है और मरीजों को वेटिंग में रखा जा रहा है। डॉक्टरों ने सलाह दी है कि डेंगू के लक्षण मिलने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए और खुद से इलाज करने से बचना चाहिए।

स्वास्थ्य विभाग की सख्ती

स्वास्थ्य विभाग ने डेंगू की रोकथाम के लिए विभिन्न इलाकों में सर्वेक्षण अभियान चलाया है। अब तक 1034 घरों की जांच की गई, जिसमें 10 घरों में मच्छर जनित स्थितियां पाई गईं। इन घरों को नोटिस भी जारी किया गया है। विभाग मच्छरों की संख्या कम करने के लिए फॉगिंग और अन्य उपायों पर भी ध्यान दे रहा है।

लखनऊ में डेंगू के बढ़ते मामलों ने स्वास्थ्य विभाग और अस्पतालों को सतर्क कर दिया है। मरीजों की लगातार बढ़ती संख्या और प्लेटलेट्स की कमी ने स्थिति को गंभीर बना दिया है। डॉक्टरों की सलाह है कि डेंगू के लक्षण मिलने पर तुरंत चिकित्सा परामर्श लें और खुद से इलाज न करें।

प्लेटलेट्स, जो रक्त के थक्के जमाने और रक्तस्राव को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, कई कारणों से कम हो सकते हैं, जैसे कि डेंगू, वायरल इंफेक्शन, या कुछ स्वास्थ्य स्थितियाँ। यदि प्लेटलेट्स कम हो जाते हैं, तो उन्हें बढ़ाने के लिए नीचे दिए गए उपाय मदद कर सकते हैं:

1. पौष्टिक आहार

पपीते के पत्ते: पपीते के पत्तों का रस प्लेटलेट्स को बढ़ाने में सहायक माना जाता है। पपीते का फल और इसके पत्ते दोनों प्लेटलेट्स बढ़ाने में उपयोगी होते हैं।
अनार: अनार विटामिन C से भरपूर होता है, जो प्लेटलेट्स के उत्पादन को बढ़ावा देता है।
चुकंदर और गाजर का जूस: ये रक्त में प्लेटलेट्स बढ़ाने में मददगार होते हैं। इन्हें कच्चे रूप में या जूस बनाकर पी सकते हैं।
कीवी: कीवी फलों में प्लेटलेट्स को स्वाभाविक रूप से बढ़ाने की क्षमता होती है।
बकरी का दूध: डेंगू के मरीजों में बकरी का दूध प्लेटलेट्स बढ़ाने के लिए फायदेमंद माना जाता है।

2. विटामिन और मिनरल्स

विटामिन C: यह प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत करता है और प्लेटलेट्स के उत्पादन को बढ़ावा देता है। संतरा, नींबू, अमरूद, स्ट्रॉबेरी, और आंवला विटामिन C के अच्छे स्रोत हैं।
फोलिक एसिड: फोलिक एसिड की कमी से प्लेटलेट्स का स्तर गिर सकता है। हरी पत्तेदार सब्जियाँ, बीन्स, और मूंगफली में फोलिक एसिड प्रचुर मात्रा में होता है।
विटामिन B-12: यह विटामिन प्लेटलेट्स उत्पादन के लिए आवश्यक होता है। अंडे, मांस, मछली, और डेयरी उत्पाद इसके अच्छे स्रोत हैं।
आयरन: आयरन से भरपूर आहार, जैसे पालक, चुकंदर, और दालें, प्लेटलेट्स के निर्माण में मदद करते हैं।

3. हाइड्रेशन (पर्याप्त पानी पीना)

शरीर में पानी की पर्याप्त मात्रा बनाए रखना प्लेटलेट्स के उत्पादन को बनाए रखने के लिए आवश्यक है। दिन भर पर्याप्त पानी पीने से रक्त को सही तरीके से संचार करने में मदद मिलती है।

4. जड़ी-बूटियाँ

गिलोय का रस: गिलोय एक पारंपरिक आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है जो प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करती है और प्लेटलेट्स को बढ़ाने में सहायक होती है।
अश्वगंधा: यह प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत करके प्लेटलेट्स के स्तर में सुधार करने में मदद करता है।
तुलसी के पत्ते: तुलसी के पत्तों का रस भी प्लेटलेट्स की संख्या बढ़ाने में मददगार होता है।

5. तनाव कम करें

मानसिक और शारीरिक तनाव प्लेटलेट्स की संख्या को प्रभावित कर सकता है। योग, ध्यान और पर्याप्त नींद लेने से तनाव कम होता है और प्लेटलेट्स की संख्या को स्थिर रखने में मदद मिलती है।

6. दवाओं से परहेज

अगर डॉक्टर ने सलाह दी हो, तो बिना किसी निर्देश के एस्पिरिन या अन्य दवाओं का सेवन न करें, क्योंकि ये दवाएं रक्त को पतला कर सकती हैं और प्लेटलेट्स की संख्या को कम कर सकती हैं।

7. डॉक्टर की सलाह

प्लेटलेट्स की कमी गंभीर हो सकती है, इसलिए डॉक्टर से संपर्क करना महत्वपूर्ण है। यदि प्लेटलेट्स बहुत कम हैं, तो अस्पताल में प्लेटलेट्स ट्रांसफ्यूजन की आवश्यकता हो सकती है। प्लेटलेट्स बढ़ाने के लिए संतुलित आहार, सही हाइड्रेशन, और उचित दवा का सेवन करना जरूरी है।

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