Lucknow DM Strict Instructions: लखनऊ के जिलाधिकारी सूर्यपाल गंगवार ने सड़क सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए "हेलमेट नहीं, पेट्रोल नहीं" नियम लागू करने की घोषणा की है। 26 जनवरी 2025 से, बिना बीआईएस मानक हेलमेट पहने दोपहिया वाहन चालकों और सवारियों को पेट्रोल पंपों पर ईंधन नहीं मिलेगा।
Lucknow DM Strict Instructions: लखनऊ में सड़क सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए जिला प्रशासन ने एक बड़ा कदम उठाया है। जिलाधिकारी सूर्यपाल गंगवार के निर्देशानुसार 26 जनवरी 2025 से "नो हेलमेट, नो फ्यूल" नीति लागू की जाएगी। इस नीति के तहत, बिना हेलमेट पहने दोपहिया वाहन चालकों और सवारियों को पेट्रोल पंपों से पेट्रोल नहीं दिया जाएगा। यह फैसला सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों को कम करने और हेलमेट पहनने की अनिवार्यता को सख्ती से लागू करने के उद्देश्य से लिया गया है।
कानूनी प्रावधान और दंड
केन्द्रीय मोटर वाहन अधिनियम 1988 की धारा-129 और उत्तर प्रदेश मोटर यान नियमावली 1998 के तहत दोपहिया वाहन चालकों और सवारियों के लिए भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) द्वारा निर्धारित प्रोटेक्टिव हेड गियर (हेलमेट) पहनना अनिवार्य है। इन प्रावधानों का उल्लंघन करने पर धारा-177 के तहत दंड का प्रावधान किया गया है, जिसमें जुर्माने का निर्देश है।
सभी पेट्रोल पंप मालिकों को 7 दिनों के भीतर अपने पंप परिसर में बड़े-बड़े होर्डिंग लगाने होंगे।
इन होर्डिंग्स पर स्पष्ट लिखा होगा कि 26 जनवरी 2025 से बिना हेलमेट वाले दोपहिया वाहन चालकों को पेट्रोल नहीं दिया जाएगा।पेट्रोल पंपों पर सीसीटीवी कैमरा हमेशा चालू रहना चाहिए ताकि किसी विवाद की स्थिति में फुटेज का इस्तेमाल किया जा सके।
सड़क दुर्घटनाओं पर नियंत्रण का प्रयास
उत्तर प्रदेश सरकार के आंकड़ों के अनुसार, राज्य में हर साल हजारों लोग सड़क दुर्घटनाओं में अपनी जान गंवाते हैं, जिनमें से एक बड़ी संख्या हेलमेट न पहनने वाले दोपहिया सवारों की होती है। 'नो हेलमेट, नो फ्यूल' अभियान के जरिए प्रशासन का उद्देश्य सड़क पर सुरक्षा को प्राथमिकता देना और हेलमेट पहनने की आदत को बढ़ावा देना है।
जागरूकता अभियान
इस नीति को लागू करने से पहले जिलाधिकारी ने पेट्रोल पंप संचालकों और अन्य संबंधित विभागों के साथ बैठक की है। अभियान के तहत लोगों को जागरूक करने के लिए विभिन्न माध्यमों से प्रचार-प्रसार किया जाएगा। स्कूलों, कॉलेजों और सार्वजनिक स्थानों पर भी सड़क सुरक्षा जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
लखनऊ वासियों की प्रतिक्रिया
लखनऊ के नागरिक इस कदम की सराहना कर रहे हैं। वे इसे एक सकारात्मक बदलाव के रूप में देख रहे हैं जो सड़क पर अनावश्यक जोखिमों को कम करेगा। हालांकि, कुछ लोग इसे असुविधाजनक मान रहे हैं, लेकिन प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि यह नीति लोगों की सुरक्षा के लिए बनाई गई है।