Mahakumbh 2025: अखिलेश यादव ने न्यायिक जांच और पीड़ितों के लिए मुआवजे की मांग की, भगदड़ में अब तक 30 की मौत, 60 घायल – मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका।
Mahakumbh में हुए भगदड़ हादसे ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। अब इस हादसे को लेकर सियासत तेज हो गई है। समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और सांसद रामगोपाल यादव ने प्रशासन पर मृतकों की संख्या छिपाने का गंभीर आरोप लगाया है। वहीं, सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने हादसे की न्यायिक जांच की मांग करते हुए मृतकों के परिजनों को मुआवजा देने की बात कही है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, महाकुंभ में मची भगदड़ के चलते 30 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 60 से अधिक लोग घायल बताए जा रहे हैं। हादसे के बाद कई शवों की पहचान नहीं हो पाई है, जिससे परिजनों की चिंता बढ़ गई है। कई लापता श्रद्धालुओं की तलाश जारी है।
सपा सांसद रामगोपाल यादव ने प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा,"महाकुंभ हादसे में जितनी मौतें हुई हैं, प्रशासन उतनी संख्या बता नहीं रहा। मृतकों का आंकड़ा छिपाया जा रहा है। सरकार की लापरवाही की वजह से यह दर्दनाक हादसा हुआ, और अब प्रशासन इसे दबाने की कोशिश कर रहा है।"
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि हादसे की न्यायिक जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि,"इस भगदड़ में जान गंवाने वालों के परिवारों को न्याय मिलना चाहिए। हम सरकार से मांग करते हैं कि पीड़ितों के परिजनों को कम से कम ₹25 लाख का मुआवजा और घायलों को उचित इलाज मुहैया कराया जाए।"
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हादसे पर दुख जताते हुए कहा कि, "हम मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना प्रकट करते हैं। सरकार पूरी कोशिश कर रही है कि घायलों को हर संभव मदद मिले। घटना की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए गए हैं।"राज्य सरकार ने दावा किया है कि स्थिति अब नियंत्रण में है और सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत किया गया है।
इस हादसे को लेकर विपक्ष ने सरकार को घेरा है। कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने कहा कि,"यह हादसा प्रशासन की नाकामी को दिखाता है। श्रद्धालुओं की जान बचाने के लिए पर्याप्त इंतजाम नहीं किए गए। सरकार को इसकी पूरी जिम्मेदारी लेनी चाहिए।" वहीं भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने विपक्ष के आरोपों को राजनीति करार दिया। BJP प्रवक्ता ने कहा कि सरकार हादसे को लेकर गंभीर है और पूरी पारदर्शिता के साथ जांच कर रही है।