Lucknow Airport: लखनऊ एयरपोर्ट पर एक बड़ा हादसा उस वक्त टल गया जब सऊदिया एयरलाइंस की फ्लाइट SV 3112, जिसमें 250 हज यात्री सवार थे, लैंडिंग के बाद तकनीकी खराबी का शिकार हो गई। विमान के पहिए से चिंगारी और धुआं निकलने पर पायलट ने सतर्कता से विमान रोक दिया।
Lucknow Airport Saudi Airlines Emergency Landing: रविवार सुबह लखनऊ के चौधरी चरण सिंह अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर एक बड़ा हादसा टल गया, जब सऊदिया एयरलाइंस की हज स्पेशल फ्लाइट SV 3112 में लैंडिंग के ठीक बाद तकनीकी खराबी आ गई। विमान में सवार 250 हज यात्री और क्रू सदस्य सुरक्षित रहे, लेकिन कुछ पलों के लिए पूरे एयरपोर्ट पर हड़कंप मच गया। पायलट की तत्परता और फायर ब्रिगेड की त्वरित कार्रवाई ने यात्रियों की जान बचा ली।
रविवार सुबह 6:30 बजे जेद्दा से उड़ान भरकर आई सऊदिया एयरलाइंस की फ्लाइट SV 3112 जब लखनऊ एयरपोर्ट पर उतरी, तब सब कुछ सामान्य प्रतीत हो रहा था। विमान ने सुरक्षित लैंडिंग की और रनवे से टैक्सी वे की ओर बढ़ रहा था। इसी दौरान अचानक विमान के एक पहिये से चिंगारी और धुआं निकलने लगा। पायलट ने स्थिति की गंभीरता को तुरंत समझा और विमान को वहीं रोक दिया। घटना की जानकारी कंट्रोल टावर को दी गई और आपातकालीन टीमों को अलर्ट किया गया। विमान में बैठे यात्रियों को कुछ समय तक अंदर ही रोके रखा गया ताकि पूरी सावधानी से आपात कदम उठाए जा सकें।
घटना की सूचना मिलते ही एयरपोर्ट की फायर ब्रिगेड टीम महज कुछ मिनटों में घटनास्थल पर पहुंच गई। उन्होंने फौरन विमान के पहिये के आसपास की जगह को घेरा और संभावित आग को नियंत्रित किया। करीब 20 मिनट के भीतर स्थिति को पूरी तरह से नियंत्रण में ले लिया गया। अधिकारियों के अनुसार, यदि इस तरह की खराबी विमान के उड़ान भरने के समय आती, तो यह एक बड़ी दुर्घटना में तब्दील हो सकती थी। सौभाग्य से, पायलट की समझदारी और ज़रूरी सुरक्षा उपायों के चलते जान-माल की कोई क्षति नहीं हुई।
विमान में सवार 250 हज यात्री अपने सफर के अंतिम पड़ाव पर थे। लैंडिंग के तुरंत बाद जब विमान में चिंगारी और धुआं दिखा, तो उनमें घबराहट का माहौल बन गया। कुछ यात्रियों ने बताया कि उन्हें लगा कि विमान में आग लग गई है। हालांकि, एयरलाइंस स्टाफ और सुरक्षा कर्मियों ने उन्हें शांत किया और बताया कि स्थिति नियंत्रण में है। एयरपोर्ट पर मौजूद चिकित्सा दल और ग्राउंड स्टाफ ने यात्रियों को बाहर निकालने के बाद उन्हें प्राथमिक सहायता, जलपान और आवश्यक सहयोग मुहैया कराया।
प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आई है कि विमान के हाइड्रोलिक सिस्टम में रिसाव (Leakage) के कारण यह तकनीकी खराबी उत्पन्न हुई। यह रिसाव पहिये के पास अत्यधिक गर्मी और घर्षण उत्पन्न कर रहा था, जिससे चिंगारी और धुआं निकल रहा था। विमान तकनीकियों का कहना है कि हाइड्रोलिक प्रणाली विमान के ब्रेकिंग सिस्टम और पहियों के संचालन में अहम भूमिका निभाती है। इस प्रणाली में खराबी आना एक गंभीर संकेत होता है।
इस पूरे घटनाक्रम में विमान के पायलट और एयरपोर्ट की आपातकालीन प्रतिक्रिया टीम की भूमिका सराहनीय रही। पायलट ने समय पर विमान को रोककर स्थिति को बिगड़ने से पहले संभाल लिया। वहीं, फायर ब्रिगेड और तकनीकी टीम ने चंद मिनटों में सक्रिय होकर सभी सुरक्षा प्रक्रियाएं अपनाई और यात्रियों को सकुशल विमान से उतार लिया।
सऊदिया एयरलाइंस ने एक आधिकारिक बयान में कहा,"हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता हमारे यात्रियों की सुरक्षा है। SV 3112 की लैंडिंग के दौरान तकनीकी समस्या उत्पन्न हुई, जिसे समय रहते नियंत्रित कर लिया गया। घटना की पूरी जांच की जा रही है और आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।" वहीं लखनऊ एयरपोर्ट प्रशासन ने भी घटना की पुष्टि करते हुए कहा कि,"हमारी आपातकालीन टीम पूरी तरह से सतर्क थी। स्थिति पर शीघ्र नियंत्रण पा लिया गया और यात्रियों की पूरी देखभाल की गई। फिलहाल एयरलाइंस की तकनीकी टीम जांच कर रही है।"
विमानन विशेषज्ञों का मानना है कि यदि यह हाइड्रोलिक रिसाव उड़ान भरते समय होता, तो लैंडिंग गियर या ब्रेक फेल हो सकता था। इससे विमान की आपातकालीन लैंडिंग की नौबत आ सकती थी। यात्रियों की जान खतरे में पड़ सकती थी और बड़ा हादसा हो सकता था। इसलिए इस घटना को पायलट की सतर्कता और एयरपोर्ट स्टाफ की त्वरित प्रतिक्रिया का सकारात्मक उदाहरण माना जा रहा है।
घटना के बाद विमान को एयरपोर्ट के टेक्निकल हैंगर में खड़ा कर दिया गया है। सऊदिया एयरलाइंस की इंजीनियरिंग टीम और डीजीसीए (नागर विमानन महानिदेशालय) के विशेषज्ञों की टीम जांच कर रही है। रिपोर्ट आने के बाद यह तय किया जाएगा कि क्या यह दोष मेंटेनेंस की लापरवाही का परिणाम था या किसी अन्य तकनीकी चूक का।
विमान के खराब होने के बाद एयरपोर्ट प्रशासन ने हज यात्रियों के लिए वैकल्पिक ट्रांसपोर्ट की व्यवस्था की। उन्हें टर्मिनल तक सुरक्षित पहुँचाया गया और आवश्यकतानुसार चिकित्सा व खानपान की सुविधा दी गई। एयरलाइंस ने उन्हें आश्वासन दिया है कि यदि कोई अन्य फ्लाइट की जरूरत पड़ी तो वैकल्पिक व्यवस्था कर दी जाएगी।
यह घटना एक बार फिर इस बात को साबित करती है कि पायलट की समझदारी और आपातकालीन सेवाओं की तत्परता कितनी महत्वपूर्ण होती है। लखनऊ एयरपोर्ट पर पेश आई यह घटना यदि समय रहते न संभाली जाती, तो यह देश की बड़ी विमान दुर्घटनाओं में शुमार हो सकती थी। अब सभी की नजरें जांच रिपोर्ट पर टिकी हैं, जिससे यह स्पष्ट होगा कि इस तकनीकी चूक के पीछे कारण क्या था और भविष्य में ऐसी घटनाओं से कैसे बचा जा सकता है।