लखनऊ

डिंपल यादव पर मौलाना की विवादित टिप्पणी से बवाल, अखिलेश की चुप्पी पर सवाल, क्या यह राजनीतिक मजबूरी?

राजधानी दिल्ली में हाल में ही एक संसद मार्ग की मस्जिद पर सपा की बैठक हुई थी। बैठक में अखिलेश यादव, सांसद डिंपल यादव और इकरा हसन समेत और भी नेता मौजूद थे। इसी बैठक को लेकर मौलाना साजिद राशिदी ने डिंपल यादव पर अभद्र टिप्पणी की, जिसके बाद से भाजपा सपा पर हमलावर हो गई औऱ अखिलेश की चुप्पी पर सवाल उठ रहे हैं?

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Jul 28, 2025
डिंपल यादव पर दिए गए मौलाना के बयान से गरमाई यूपी की सियासत, PC- Graphic Team

सोशल मीडिया पर नायक फिल्म का एक मीम वायरल होते हुए आपने देखा और सुना होगा, जब अमरीश पुरी से अनिल कपूर सवाल पूछते हैं और पीछे से परेश रावल बोलते हैं कि 'ये फंस गया सीएम।' ठीक उसी प्रकार अखिलेश भैया यूपी की राजनीति में फंसते नजर आ रहे हैं। वजह है एक मौलाना की डिंपल यादव पर की गई टिप्पणी। किसी भी मुद्दे पर सरकार को घेरने में न चूकने वाले अखिलेश भैया अब चुप क्यों हैं? और न ही इस मामले में समाजवादी पार्टी की ओर से कोई बयान जारी हुआ।

अब NDA इस मुद्दे को महिलाओं की अस्मिता से जोड़ रहा है। संसद सत्र के दौरान NDA की महिला सांसदों ने मकर द्वार पर मौलाना के खिलाफ प्रदर्शन किया। PDA से जुड़े मुद्दों पर अखिलेश यादव का मुखर रूप हर किसी ने देखा है। चाहे वह राणा सांगा विवाद हो या इटावा का कथावाचक प्रकरण। जब सांसद रामजीलाल सुमन ने महाराणा सांगा को गद्दार बताया था और बाबर को महान तब सपा के मुखिया अखिलेश यादव रामजीलाल सुमन के समर्थन में खुलकर आए थे। इसी तरह जब इटावा में कथा वाचक प्रकरण हुआ तो अखिलेश यादव ने इसे PDA और यादव समाज का अपमान बताया था और इसके बाद कथावाचक भागवताचार्य व्यास मुकुट मणि का अखिलेश यादव ने लखनऊ स्थित अपने कार्यालय में सम्मान किया था और 51-51 हजार रुपए की धनराशि देने का भी ऐलान किया था।

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अब समझिए क्या है पूरा प्रकरण

राजधानी दिल्ली में हाल में ही एक संसद मार्ग की मस्जिद पर सपा की बैठक हुई थी। बैठक में अखिलेश यादव, सांसद डिंपल यादव और इकरा हसन समेत और भी नेता मौजूद थे। इसी बैठक को लेकर एक टीवी शो की डिबेट में मौलाना साजिद रशीदी ने विवादित बयान दे दिया। मौलाना साजिद रशीदी ने सांसद डिंपल यादव के पहनावे को लेकर अभद्र टिप्पणी की। मौलाना साजिद रशीदी ने कहा कि मस्जिद में बैठक में दो महिलाएं बैठी हुई हैं एक हैं इकरा हसन जो सर ढककर बैठी हैं। इसी के बाद मौलाना ने सांसद डिंपल यादव पर अभद्र टिप्पणी की।

मौलाना साजिद रशीदी ने अपने बयान का बचाव करते हुए कहा, 'मैंने कोई ऐसा आपत्तिजनक बयान नहीं दिया। जो लोग सहारनपुर, मुजफ्फरनगर और मेरठ से वाकिफ हैं, वे जानते हैं कि अगर लड़की के सर से पल्लू हट भी जाता है, तो उन्हें डांटा जाता है और कहा जाता है कि नंगी घूम रही है क्या? ये हमारे समाज का मसला है।' उन्होंने आगे कहा, 'आपने देखा होगा, पास में इकरा हसन बैठी हुई थीं, वे क्यों सर ढके हुए थीं? डिंपल यादव साफ बताएं कि मंदिर ऐसे ही जाती हैं क्या?' अगर वे इस हालत में मंदिर जाती हैं, तो मस्जिद में इस तरह से कैसे बैठी हैं। वे बता दें कि वे ऐसे ही मंदिर जाती हैं, तो मैं माफी मांग लूंगा।'

आखिर क्यों चुप हैं अखिलेश यादव?

इस पूरे विवाद पर समाजवादी पार्टी के मुखिया और डिंपल यादव के पति अखिलेश यादव की चुप्पी ने सवाल खड़े कर दिए हैं। भाजपा ने इसे एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा बना लिया है और अखिलेश यादव से इस पर अपनी स्थिति स्पष्ट करने की मांग कर रही है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अखिलेश यादव इस संवेदनशील मुद्दे पर कोई भी बयान देकर खुद को और अपनी पार्टी को किसी भी विवाद में नहीं फंसाना चाहते, उनकी चुप्पी पर विपक्ष लगातार निशाना साध रहा है।

भाजपा ने बनाया मुद्दा, साधा निशाना

भारतीय जनता पार्टी ने इस मामले को तुरंत लपक लिया है और समाजवादी पार्टी पर हमला बोलना शुरू कर दिया है। भाजपा नेताओं का कहना है कि मौलाना साजिद रशीदी का बयान न केवल एक महिला का अपमान है, बल्कि यह दर्शाता है कि सपा के करीबी लोग महिलाओं के प्रति किस तरह की सोच रखते हैं।

इकरा हसन का बयान

सपा सांसद इकरा हसन ने मौलाना साजिद रशीदी के बयान पर कड़ा रुख अपनाते हुए कहा, एक महिला जनप्रतिनिधि और देश की संसद सदस्य पर ऐसी टिप्पणी करना बेहद शर्मनाक है। ऐसे लोगों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। इनका सामाजिक बहिष्कार होना चाहिए। ये कोई धर्मगुरु नहीं हैं, न ही किसी धर्म के ठेकेदार हैं। इन्हें किसी भी महिला पर ऐसी टिप्पणी करने का कोई अधिकार नहीं है।

डिंपल यादव ने NDA पर कसा तंज

वहीं सपा सांसद डिंपल यादव ने इस विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए एनडीए के प्रदर्शन पर तंज कसा। उन्होंने कहा, अच्छा होता अगर मणिपुर की घटना पर, जिसके वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए थे, एनडीए ने ऐसा ही प्रदर्शन किया होता। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सेना के अधिकारियों पर बीजेपी नेताओं की टिप्पणियों पर भी अगर वे साथ खड़े होते, तो बेहतर होता।

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Published on:
28 Jul 2025 08:12 pm
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