लखनऊ

4 दमदार बैठकों के बाद अब मायावती की OBC वर्ग को साधने की तैयारी! क्या है PDA की ‘काट’ के लिए बसपा का DMP फॉर्मूला?

UP Politics: अक्टूबर में हुई 4 दमदार बैठकों के बाद मायावती की अब OBC वर्ग को साधने की तैयारी है। जानिए PDA की 'काट' के लिए बसपा का DMP फॉर्मूला क्या है?

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Nov 01, 2025
4 दमदार बैठकों के बाद अब मायावती की OBC वर्ग को साधने की तैयारी! फोटो सोर्स- मायावती (फेसबुक)

UP Politics: बहुजन समाज पार्टी (BSP) की सुप्रीमो मायावती आज (शनिवार, 1 नवंबर) पिछड़ा वर्ग भाईचारा संगठन की बैठक लेंगी। इस बैठक में मायावती BSP में पिछड़ा वर्ग समाज को जोड़ने की रणनीति बनाएंगी। साथ ही, बामसेफ के 75 जिला पदाधिकारी भी इस बैठक में शामिल होंगे।

बैठक में OBC के मंडल कोआर्डिनेटर और जिला कोआर्डिनेटर भी मौजूद रहेंगे। इन पदाधिकारियों को SIR के बारे में जानकारी दी जाएगी। जिससे वे अपने समाज के वोटर्स का नामों को वोटर लिस्ट में जुड़वा सकें।

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मायावती की अक्टूबर के महीने में 4 बड़ी बैठकें

इससे पहले अक्टूबर के महीने में मायावती ने 4 बड़ी बैठकें कार्यकर्ताओं के साथ की। दलित समाज से जुड़े कार्यक्रम का आयोजन 9 अक्टूबर को हुआ था। इसके बाद यूपी-उत्तराखंड और राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठकें 16 और 19 अक्टूबर को हुईं। इसके बाद 29 अक्टूबर को मुस्लिम भाईचारा कमेटी की बैठक का आयोजन हुआ। आज 1 नवंबर को OBC भाईचारा कमेटी की बैठक आयोजित होने वाली है।

OBC समाज के 30% अति पिछड़े वर्ग पर मायावती की नजर

मायावती की खास नजर OBC समाज के 30% अति पिछड़े वर्ग पर है। इस बैठक में मायावती OBC समाज के लिए BSP के शासनकाल में किए गए कामों की जानकारी देंगी। प्रदेश में OBC की आबादी 50 प्रतिशत से ज्यादा है, जिसमें 8 प्रतिशत यादव सपा के मजबूत वोटर माने जाते हैं। मायावती की खास नजर OBC की विभिन्न जातियों को एकजुट करने पर है। इसी वजह से BSP ने लगातार दूसरी बार अति पिछड़े पाल समाज से संबंधित विश्वनाथ पाल को प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी है।

क्या है PDA की 'काट' के लिए बसपा का DMP फॉर्मूला?

राजनीतिक विश्लेषकों की माने तो BSP के सोशल इंजीनियरिंग फॉर्मूले ने समाजवादी पार्टी (SP) में सबसे ज्यादा बेचैनी पैदा कर दी है। 2024 में समाजवादी पार्टी को PDA (पिछड़ा, दलित, मुस्लिम) के नारे का सबसे ज्यादा फायदा मिला था, जब मुस्लिम,OBC और दलित वर्ग के बड़े हिस्से ने SP को समर्थन दिया था। वहीं BSP पिछले एक महीने में 4 बड़ी बैठकों के जरिये समाजवादी पार्टी की PDA की राजनीति को कमजोर करने की कोशिश कर रही है। 9 अक्टूबर के कार्यक्रम के जरिए BSP ने दलित (D) वोट बैंक को साधा। इसके बाद, 29 अक्टूबर को मुस्लिम भाईचारा कमेटी की पहली बैठक लेकर मुस्लिम (M) आबादी को जोड़ने का अभियान शुरू किया गया। अब पिछड़ा (P) वर्ग भाईचारा कमेटी की बैठक के जरिए पिछड़ी जातियों को जोड़ने की नई रणनीति बनाई जा रही है।

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