लखनऊ

Goa-Lucknow Flight Heart Wrenching Incident: हवा में मौत का खौफ! गोवा से लखनऊ फ्लाइट में टर्बुलेंस का तांडव, रो पड़े यात्री – बोले: अब नहीं बचेंगे!

Goa Lucknow Flight: गोवा से लखनऊ जा रही फ्लाइट में उस समय अफरा-तफरी मच गई जब टेकऑफ के बाद ज़बरदस्त टर्बुलेंस ने सबको हिला दिया। यात्री चीखने और रोने लगे। पत्रकार अलहमरा खान द्वारा रिकॉर्ड किया गया वीडियो वायरल हो गया है। यात्रियों ने DGCA से जांच की मांग की है और एयर सेफ्टी पर सवाल उठाए हैं।

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Jun 17, 2025
172 यात्रियों की जान पर बना खतरा, DGCA से सख्त जांच की मांग फोटो सोर्स : Social Media

Mid-Air Panic on Goa-Lucknow Flight: गोवा से लखनऊ आ रही एक फ्लाइट में सोमवार को उस समय अफरा-तफरी मच गई जब विमान ने टेकऑफ़ के कुछ ही समय बाद जबरदस्त टर्बुलेंस (हवा में झटके) का सामना किया। यात्रियों ने बताया कि फ्लाइट हवा में बुरी तरह हिलने लगी और कई लोग घबरा कर रोने-चिल्लाने लगे। घटना के बाद से ही यात्रियों में गहरा डर समा गया है। सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो में देखा जा सकता है कि फ्लाइट में बैठे मुसाफिरों के चेहरे पर भय साफ झलक रहा है।

इस फ्लाइट में कुल 172 यात्री सवार थे, जिनमें बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक शामिल थे। रिपोर्ट के मुताबिक यह घटना उस समय हुई जब विमान ने गोवा एयरपोर्ट से उड़ान भरी और लगभग 20 मिनट की दूरी तय की थी। अचानक विमान को हवा में ज़ोरदार झटके लगने शुरू हो गए। कुछ यात्रियों का कहना है कि उन्हें ऐसा लगा मानो फ्लाइट सीधा नीचे गिरने वाली है। कई लोग घबरा कर सीट से उठ खड़े हुए और कुछ ने तो रोना तक शुरू कर दिया।

अलहमरा खान का वीडियो वायरल

इस घटना में प्रिंसिपल कोरेस्पोंडेंट अलहमरा खान भी मौजूद थीं। उन्होंने खुद इस भयानक अनुभव को अपने मोबाइल कैमरे में रिकॉर्ड किया और सोशल मीडिया पर साझा किया। उनके वीडियो में देखा जा सकता है कि विमान में मौजूद लोग एक-दूसरे को सहारा दे रहे हैं, कुछ लोग रो रहे हैं, और सभी बेहद डरे हुए हैं।

अलहमरा खान ने वीडियो में बताया, “ये कोई मामूली झटका नहीं था। फ्लाइट इतनी तेजी से हिल रही थी कि हमें लगा अब हम जिंदा नहीं बचेंगे। एक बार को तो सबको अपनी ज़िंदगी खत्म होती दिख रही थी। लेकिन शुक्र है कि पायलट ने हालात पर काबू पाया और हम सुरक्षित लखनऊ पहुंच गए। लेकिन यह किसी बड़े हादसे से कम नहीं था।”

यात्रियों की कंप्लेंट PMO तक पहुंची

इस भयावह अनुभव के बाद यात्रियों ने फ्लाइट की सेफ्टी को लेकर गंभीर सवाल उठाए हैं। एक यात्री ने घटना की जानकारी ट्विटर के माध्यम से डीजीसीए (DGCA) और प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) तक पहुंचाई। उस ट्वीट में साफ तौर पर लिखा गया कि “यह उड़ान यात्रियों की जान के साथ खिलवाड़ थी और इसकी तुरंत जांच होनी चाहिए।”

ट्वीट में लिखा गया:
"172 लोगों की जान खतरे में डाल दी गई। प्लेन में कोई अलर्ट नहीं, क्रू मेंबर्स घबराए हुए, यात्री फूट-फूटकर रो रहे थे। कृपया DGCA इस पर तत्काल जांच करे। ये लापरवाही बहुत महंगी पड़ सकती थी।" इस ट्वीट को कई लोगों ने रिट्वीट किया और अब यह मामला सोशल मीडिया पर काफी चर्चा में है।

DGCA से सख्त जांच की मांग

मामले की गंभीरता को देखते हुए अब यात्रियों ने नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) से इस घटना की सख्त जांच की मांग की है। यात्रियों का कहना है कि यदि पायलट सतर्क न होता, तो कोई बड़ा हादसा हो सकता था। उनके अनुसार, एयरलाइन ने पहले से इस संभावित टर्बुलेंस की कोई जानकारी नहीं दी थी, न ही यात्रियों को मानसिक रूप से तैयार किया गया।

जानकारों का मानना है कि इस प्रकार की स्थिति में पायलट का अनुभव और सूझबूझ ही जान बचाने का सबसे बड़ा सहारा बनती है। हालांकि, सवाल यह उठता है कि क्या एयरलाइन ने मौसम की पूरी जानकारी लेकर उड़ान भरी थी? क्या फ्लाइट से पहले तकनीकी निरीक्षण ठीक से हुआ था?

क्रू की तैयारी और एयरलाइंस पर सवाल

घटना के दौरान फ्लाइट के केबिन क्रू की तैयारी भी सवालों के घेरे में आ गई है। कुछ यात्रियों ने आरोप लगाया है कि क्रू मेंबर्स खुद घबराए हुए थे और यात्रियों को ठीक से गाइड नहीं कर पा रहे थे। “उन्होंने सिर्फ यही कहा कि सीट बेल्ट बांध लें और सिर झुका लें। कोई आश्वासन नहीं मिला,” एक यात्री ने कहा। वहीं, एयरलाइंस की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है, जिससे यात्रियों की चिंता और भी बढ़ गई है।

अहमदाबाद हादसे की याद ताजा

इस घटना ने कुछ महीने पहले हुए अहमदाबाद फ्लाइट हादसे की यादें ताजा कर दीं, जहां एक विमान हवा में असंतुलित होकर ज़ोरदार टर्बुलेंस में फंस गया था, जिसमें कई यात्रियों को चोटें भी आई थीं। उस समय DGCA ने तत्काल कार्रवाई की थी और संबंधित एयरलाइन से जवाब-तलब किया गया था। अब सवाल यह है कि क्या गोवा-लखनऊ फ्लाइट में भी वही लापरवाही दोहराई गई? या फिर यह सिर्फ एक प्राकृतिक परिस्थिति थी जिसे टालना मुश्किल था?

मौसम विभाग की राय

मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि जून महीने में दक्षिण-पश्चिम मानसून की सक्रियता के कारण हवा में अस्थिरता बनी रहती है। इस दौरान टर्बुलेंस के मामलों में वृद्धि हो सकती है, लेकिन एयरलाइंस को इसके लिए अतिरिक्त सतर्कता बरतनी चाहिए। यदि मौसम खराब होने की संभावना हो, तो उड़ान को टालना या वैकल्पिक रूट अपनाना एक सुरक्षित विकल्प होता है।

विमानन सुरक्षा कोई समझौता करने का विषय नहीं है। एक छोटी सी चूक कई जिंदगियों पर भारी पड़ सकती है। गोवा से लखनऊ आ रही फ्लाइट में जो कुछ भी हुआ, वह यात्रियों के लिए जीवनभर का डरावना अनुभव बन गया है। अब यह DGCA और संबंधित एयरलाइन की जिम्मेदारी है कि वह इस घटना की निष्पक्ष जांच करें और यदि कोई लापरवाही हुई है तो सख्त कार्रवाई की जाए।

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