Monsoon Mayhem in Uttar Pradesh: उत्तर प्रदेश के कई जिलों में भारी मानसूनी बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। लखनऊ, शाहजहांपुर, सिद्धार्थनगर सहित कई शहरों में जलभराव से लोग घरों में कैद हैं। मौसम विभाग ने अगले 36 घंटों तक भारी बारिश की चेतावनी दी है। कहीं बच्चों की मौज है, तो कहीं आफत का आलम।
Weather Warning in UP: उत्तर प्रदेश इन दिनों मानसून के सक्रिय प्रभाव में बुरी तरह भीगा हुआ है। प्रदेश के विभिन्न जिलों में हो रही भारी से अत्यधिक भारी वर्षा ने जनजीवन को पूरी तरह प्रभावित कर दिया है। राजधानी लखनऊ समेत शाहजहांपुर, शामली, सिद्धार्थनगर, बरेली, कौशांबी और अमेठी जैसे जिलों में लगातार हो रही बारिश के चलते जलभराव, यातायात अवरोध और जन-सुविधाओं पर गहरा असर पड़ा है। मौसम विभाग की मानें तो यह स्थिति अभी 24 से 36 घंटे तक बनी रहेगी, जिससे लोगों को राहत मिलने की संभावना फिलहाल नजर नहीं आ रही।
मौसम विभाग के अनुसार, प्रदेश में लगातार हो रही भारी वर्षा का मुख्य कारण वर्तमान में सक्रिय मानसून द्रोणी (Monsoon Trough) का अपनी सामान्य स्थिति से उत्तर की ओर खिसक जाना है। यह द्रोणी अब शामली, शाहजहांपुर होते हुए लखनऊ और बिहार से लगे पूर्वोत्तर उत्तर प्रदेश से होकर गुजर रही है।
साथ ही प्रदेश के उत्तरी-पूर्वी भाग पर चक्रवाती परिसंचरण (Cyclonic Circulation) की स्थिति बनी हुई है। दूसरी ओर, 74° पूर्वी देशांतर के आस-पास स्थित पश्चिमी विक्षोभ की पछुआ हवाओं से मानसूनी पुरवा हवाओं की टकराहट के कारण वातावरण में भारी नमी व्याप्त हो गई है, जिससे बादल गहराने और वर्षा की तीव्रता बढ़ने के लिए अनुकूल परिस्थितियाँ बनी हुई हैं।
आज सुबह 8:30 बजे से शाम 5:30 बजे तक की रिपोर्ट के अनुसार कई जिलों में भारी बारिश दर्ज की गई है:
लगातार बारिश के कारण राजधानी लखनऊ का अधिकतम तापमान सामान्य से 4.8°C नीचे गिरकर मात्र 28.5°C पर पहुँच गया है। मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि आगामी 5 अगस्त तक बारिश का यही सिलसिला बना रहेगा और 6 अगस्त तक ही प्रदेश में वर्षा में थोड़ी कमी आने की संभावना है।
लखनऊ, बरेली, शाहजहांपुर और अमेठी जैसे शहरों में सड़कें पानी से लबालब हो गई हैं। मुख्य चौराहों और अंडर पासों में जलजमाव के कारण यातायात पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो चुका है। चारबाग, गोमतीनगर, इन्दिरा नगर, ठाकुरगंज जैसे इलाकों में घरों के बाहर पानी भर गया है, जिससे लोग अपने ही घरों में कैद हो गए हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में स्थिति और भी विकट है। अमेठी, सिद्धार्थनगर और कौशांबी के कई गाँवों में कच्चे मकान बारिश की मार नहीं झेल पाए और गिर गए। कई स्थानों पर फसलें जलमग्न हो गई हैं, जिससे किसानों को भारी नुकसान की आशंका है।
बारिश और स्कूलों की छुट्टियों के चलते बच्चों के लिए यह मौसम किसी त्यौहार से कम नहीं है। छतों और गलियों में बारिश में नहाते बच्चों की चहचहाहट माहौल को जीवंत कर रही है। वहीं कामकाजी वर्ग, खासकर दिहाड़ी मजदूरों और व्यापारियों के लिए यह बारिश आफत बनकर आई है। सुनील वर्मा, जो कि एक चाय की दुकान चलाते हैं, बताते हैं, “बरसात में ग्राहक ही नहीं आते, दुकान खोल कर भी कोई फायदा नहीं है। दो दिन से कमाई शून्य हो गई है।”
उत्तर प्रदेश सरकार और जिला प्रशासन ने भारी बारिश को देखते हुए आपात प्रबंधन की स्थिति घोषित कर दी है। जिलाधिकारी कार्यालय, नगर निगम, आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और सिंचाई विभाग की टीमें फील्ड में मौजूद हैं। जलनिकासी के लिए पंप लगाए जा रहे हैं, जबकि जलभराव वाले क्षेत्रों में नावों और ट्रैक्टरों की मदद से लोगों को बाहर निकाला जा रहा है।
लखनऊ के जिलाधिकारी विशाख अय्यर ने सभी स्कूलों को बंद रखने का आदेश दिया है और नागरिकों से अपील की है कि वे केवल आवश्यक कार्यों के लिए ही बाहर निकलें। साथ ही कंट्रोल रूम नंबर जारी किए गए हैं, जहां लोग आपातकालीन सहायता के लिए संपर्क कर सकते हैं।
मौसम विभाग की ताज़ा बुलेटिन के अनुसार आने वाले 24 से 36 घंटे बेहद महत्वपूर्ण होंगे। 5 अगस्त तक भारी से बहुत भारी बारिश की स्थिति प्रदेश में बनी रहेगी। 6 अगस्त से धीरे-धीरे वर्षा की तीव्रता में गिरावट आएगी लेकिन तब तक अधिकांश क्षेत्र जलमग्न रहेंगे। विशेषज्ञों ने सुझाव दिया है कि लोग अपने घरों की बिजली व्यवस्था को सुरक्षित रखें, खुले तारों से दूरी बनाए रखें और बच्चों को जलभराव वाली जगहों में खेलने से रोकें।