Municipal Elections:उत्तराखंड नगर निकाय चुनाव में कल राज्य के छह पूर्व सीएम वोट नहीं डाल पाए। इनमें महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी भी शामिल हैं। पूर्व सीएम हरीश रावत तो दिन भर मतदाता सूची में अपना नाम खोजते रहे। मतदान अवधि खत्म होने के बाद उनका नाम मिल पाया।
Municipal Elections:नगर निकाय चुनाव में मतदाता सूची को लेकर कल बेहद असमंजस का माहौल रहा। कई वोटरों के नाम गलत प्रकाशित हुए थे। इसके चलते कई लोग वोट नहीं डाल सके। आम मतदाता ही नहीं उत्तराखंड के छह पूर्व सीएम भी कल नगर निकाय चुनाव में अलग-अगल वजहों से वोट नहीं डाल पाए। सिर्फ एक पूर्व मुख्यमंत्री और हरिद्वार के मौजूदा सांसद त्रिवेंद्र रावत ही निकाय चुनाव के लिए अपने मताधिकार का प्रयोग कर सके। गुरुवार को पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत का मतदाता सूची से जुड़ा मामला सुर्खियों में रहा। सोशल मीडिया में भी यह चर्चाओं का विषय रहा। जब तक मतदाता सूची में उनके नाम की पुष्टि हो पाई, तब तक मतदान अवधि बीत चुकी थी। वहीं, भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री भी इसमें शामिल हैं। पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी का पिथौरागढ़ में वोट है, पर मतदाता सूची में गलत नाम होने की वजह से मतदान नहीं कर पाए। पूर्व सीएम मेजर जनरल (रिटायर) बीसी खंडूड़ी अस्वस्थ हैं और दून के एक प्राइवेट अस्पताल में इलाज चल रहा है। पूर्व सीएम रमेश पोखरियाल निशंक दिल्ली विधानसभा चुनाव के प्रचार में व्यस्त हैं। पूर्व सीएम विजय बहुगुणा अस्वस्थ हैं और दिल्ली में हैं।
पूर्व सीएम हरीश रावत के साथ वोटर लिस्ट में नाम सर्च करने में खेल होने का अनुमान लगाया जा रहा है। मैनुअल-ऑनलाइन सर्च में पूर्व सीएम का नाम हरीश रावत डाला गया। वार्ड 72 विद्या विहार में नाम मिला। खुद रावत ने जब विद्या विहार में उनके नाम के शख्स के बारे में आयोग से आयु की जानकारी ली तो वो 28 साल निकली। यानी आयोग के बताए हरीश रावत कोई और थे। दोपहर बाद रिटर्निंग अफसर ने फोन कर वोट डालनवाला में होना बताया। यहां भी उन्होंने अफसर से पड़ताल करवाई तो कोई दूसरे हरीश रावत निकले। शाम साढ़े छह बजे प्रशासन से जो सूची भेजी गई, उसमें पूर्व सीएम का नाम हरीश चंद्र रावत दर्ज है। दिनभर लिस्ट में यह नाम तलाशा नहीं गया।