OP Rajbhar Statement: ओपी राजभर शनिवार को मीडिया में दिए बयान में अपनी ही बातों में उलझते नजर आएं। उन्होंने सवालों के जवाब में अब द्वंद वाली मुस्कान दी और बचते हुए दिखाई दिए। आइए बताते हैं आखिर ओम प्रकाश राजभर ने क्या कहा ?
OP Rajbhar on Samajwadi Party: सुहलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के संस्थापक और राष्ट्रीय अध्यक्ष, गाजीपुर जिले के जहूराबाद विधानसभा से विधायक, उत्तर प्रदेश सरकार में पंचायती राज, अल्पसंख्यक कल्याण वक्फ एवं हज विभाग के कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने समाजवादी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के पिच पर अटक गए और अपनी ही बातों में उलझ गए।
ओपी राजभर ने कहा कि समाजवादी पार्टी, भारतीय जनता पार्टी के पिच पर खेल रही है। समाजवादी पार्टी हमेशा दंगों की राजनीति की है और उसी की वो शिकार है। इससे समाजवादी पार्टी का फायदा होने वाला नहीं है। समाजवादी पार्टी को गरीबों को रोटी, कपडा, मकान, शिक्षा, दवाई की बात करनी चाहिए। प्रदेश में बेहतर शिक्षा के लिए आवाज उठानी चाहिए।
ओपी राजभर ने कहा कि जब देश में एक देश एक राशन कार्ड का कानून बन गया, एक देश एक चुनाव का कानून बनने वाला है तो एक देश एक सामान और अनिवार्य शिक्षा और फ्री शिक्षा के कानून की ये बात क्यों नहीं बोलते ? ये 27% आरक्षण जो है बांटकर के सबको देने की बात क्यों नहीं बोलते ? गरीबों को फ्री इलाज की बात क्यों नहीं बोलते ? ये प्रदेश में अमन-चैन भाईचारे की बात क्यों नहीं बोलते ? ये हमेशा नफरत की राजनीति किये हैं और नफरत का बीज बोये हैं उसी को समय-समय पर जगाते हैं।
जब अंतिम बार ओम प्रकाश राजभर से पूछा गया कि आखिर बीजेपी की पिच पर समाजवादी पार्टी खेल रही है इसका क्या मतलब है तो इस सवाल पर ओपी राजभर बस मुस्कुराते रहे। उन्होंने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी और न ही अपनी बात को जस्टिफाई कर पाएं।
जब ओम प्रकाश राजभर से पूछा गया कि बीजेपी की पिच पर खेल रहे हैं इसका क्या मतलब है तो उन्होंने कहा कि उनको समझ नहीं है कि 02 जून, गेस्ट हाउस कांड मायावती जी के साथ, मायवती जी भी तो दलित थीं। मायावती जी के साथ जो घटना हुई किसने किया था ? समाजवादी पार्टी ने किया था। खुलेआम विधायकों को सड़क पर घसीटते हुए भूषा की तरह गाड़ी में लादकर के भागते हुए यहीं समाजवादी पार्टी के लोग ले गए थे न ? उस समय वो दलित नहीं थीं ? आज इनको दलित दिखाई दे रहा है। प्रमोशन में आरक्षण खत्म किसने किया ? समाजवादी पार्टी ने किया। पिछड़े और दलित महापुरुषों के नाम पर योजनाओं को ख़त्म किसने किया ? समाजवादी पार्टी ने किया।