Radio पुलिस सूत्रों के अनुसार अभी इस मामले में और भी नाम सामने आएंगे।
( Radio ) पांच लाख रुपये में खरीदी गई रेडियो एक्टिव डिवाइस ( radio active device ) को करोड़ों रुपये में बेचने की तैयारी चल रही थी। ये बात पुलिस ( Dehradun Police ) पूछताछ में सामने आई है। पुलिस ने डिवाइस बरामद करने के साथ ही पांच लोगों को भी गिरफ्तार किया है। इनसे पूछताछ में पता चला कि पूर्व आयकर आयुक्त ( former income tax commissioner ) श्वेताभ सुमन ने भी इनकी मदद की थी। पुलिस ने इस मामले में दो और लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है। देहरादून एसएसपी अजय सिंह ( Dehradun SSP Ajay Singh ) ने बताया कि पकड़े गए आरोपी राजपुर रोड स्थित ब्रुक एंड वुड्स सोसायटी के एक फ्लैट में रह रहे थे। ये फ्लैट पूर्व आयकर अफसर श्वेताभ सुमन का है। आरोपियों ने ये फ्लैट किराये पर लिया था। यह भी बात सामने आई है कि श्वेताभ ने इस दौरान सुमित को बताया था कि वे प्रभावशाली व्यक्ति हैं कोई परेशानी नहीं होगी।
नरोरा एटॉमिक पावर स्टेशन ( Narora Atomic Power Station ) से आई टीम ने बरामद डिवाइस की जांच की है। प्राथमिक जांच में यह बात सामने आई है कि बिना किसी मापदंड रेडियो एक्टिव डिवाइस में केमिकल का इस्तेमाल किया गया। नरोरा एटॉमिक पावर स्टेशन की टीम ने रेडियो एक्टिव डिवाइस में कूटरचना किए जाने की पुष्टि भी की है। पुलिस ने आरोपी सुमित पाठक, तबरेज आलम, सरवर हुसैन, जैद अली और अभिषेक जैन को राजपुर रोड से गिरफ्तार किया था। इनके कब्जे से रेडियो एक्टिव डिवाइस और रेडियोग्राफी कैमरे के अलावा करीब छह लाख रुपये कैश तीन लग्जरी कार और 15 स्मार्ट फोन बरामद किए हैं। इन सभी को पुलिस ने न्यायालय के समक्ष पेश किया जहां से इन्हे जेल भेज दिया गया।
इस मामले में फंसने के बाद अब पूर्व आयकर आयुक्त श्वेताभ सुमन ने अपने फ्लैट से रेडियो एक्टिव डिवाइस पर उन्होंने अनभिज्ञता जताई है। मीडिया को दिए बयान में उन्होंने कहा कि इस पूरे प्रकरण से उनका कोई लेना-देना नहीं है। पूर्व अफसर का कहना है कि सिद्धांत नाम के एक युवक ने फ्लैट किराये पर लिया था। सिद्धांत ही हिसाब रखता था। दिल्ली आकर किराया देता था। उनका यह भी कहना है कि पुलिस ने उन्हे इस मामले में आरोपी बनाया है इकी जानकारी भी उन्हे नहीं है।
देहरादून के राजपुर रोड स्थित वीआईपी सोसायटी के एक फ्लैट से पुलिस ने एक रेडियो एक्टिव डिवाइस बरामद की थी। पूछताछ में पता चला था कि पकड़े गए मुख्य आरोपी तबरेज आलम ने इस डिवाइस को सहारनपुर से पांच लाख रुपये में खरीदा था। अब इसका सौदा करोड़ों रुपये में किए जाने की तैयारी चल रही थी। डिवाइस के लिए एडवांस में इन्होंने छह लाख रुपये भी ले लिए थे। शुक्रवार को इस मामले में पुलिस ने अलग-अलग राज्यों से पांच लोगों को गिरफ्तार किया था। पुलिस को एक रेडियोग्राफी कैमरा मिला है। तबरेज ने पुलिस को बताया है कि उसने करीब 11 महीने पहले सहारनपुर निवासी परिचित राशिद उर्फ समीर से ये डिवाइस खरीदी थी। राशिद ने तबरेज को बताया था कि ये डिवाइस करोड़ो रुपये में बिकेगी लेकिन उसे पैसो की आवश्यकता है इसलिए महज पांच लाख रुपये में ही दे रहा है। तबरेज ने पहले इस डिवाइस को अपने सहारनपुर स्थित फार्म हाउस में छिपाकर रखा और फिर देहरादून ले आया।