लखनऊ

Rahul Gandhi के संभल दौरे पर प्रमोद कृष्णम का तंज, बोले- बांग्लादेश भी चले जाइए

Rahul Gandhi Sambhal Visit: यूपी पुलिस ने राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के काफिले को गाजीपुर बॉर्डर पर रोका है। इसी बीच, आचार्य प्रमोद कृष्णम और अखिलेश यादव की प्रतिक्रिया सामने आई है।

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Dec 04, 2024

Rahul Gandhi Sambhal Visit: राहुल गांधी आज संभल जाने के लिए काफिला लेकर निकले हैं। इससे पहले ही, पुलिस ने उन्हें गाजीपुर बॉर्डर पर रोक लिया है। इसी बीच, कांग्रेस के पूर्व नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने राहुल गांधी पर तंज कसा है। वहीं, सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने प्रशासन और भाजपा पर निशाना साधा है।

कल्कि पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम ने सोशल मीडिया हैंडल पर लिखा, “एक दिन का समय निकाल कर ‘बंगला देश’ भी चले जाइए।”

'प्रशासन ने भाजपा के इशारे पर घटना को दिया अंजाम'

सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा, “प्रशासन ने भाजपा के इशारे पर इस घटना को अंजाम दिया। किसी भी पार्टी के नेता को वहां जाने नहीं दिया जा रहा है। वे क्या छिपाना चाहते हैं? प्रशासन की भाषा देखिए। क्या लोकतंत्र में अधिकारियों को इस तरह का व्यवहार और भाषा की अनुमति दी जा सकती है? पता नहीं वे 10 तारीख तक क्या-क्या छिपाएंगे और कितना दबाव बनाएंगे। उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार में पुलिस सिर्फ लोगों को फंसाने का काम कर रही है, न्याय दिलाने का नहीं।”

10 दिसंबर तक लगी है धारा 163

दरअसल, प्रशासन ने संभल में 10 दिसंबर तक बीएनएस की धारा 163 लागू की गई है। ऐसे में किसी भी बाहरी को संभल में एंट्री नहीं दी जा रही है। वहीं, डीएम राजेंद्र पैंसिया के निर्देश पर दिल्ली से सटे यूपी के चार जिलों गाजियाबाद, नोएडा, अमरोहा, बुलंदशहर में भी सीमाएं सील की गई हैं।

कांग्रेस नेत्री आराधना मिश्रा को किया हाउस अरेस्ट

यूपी कांग्रेस ने अपने सोशल मीडिया हैंडल से लिखा, "राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के साथ कांग्रेसजनों का एक प्रतिनिधिमंडल संभल हिंसा के पीड़ितों से मिलने पहुंच रहा है। उन्हें रोकने के लिए भाजपा सरकार हर तरह का कुचक्र रच रही है। एक ओर उसने यूपी बॉर्डर की किलेबंदी कर रखी है, दूसरी ओर कांग्रेस नेताओं को जहां-तहां हाउस अरेस्ट किया जा रहा है। नेता, कांग्रेस विधानमंडल दल आराधना मिश्रा को भी हाउस अरेस्ट कर लिया गया है। शासन-प्रशासन के इस दमनकारी कृत्य पर उन्होंने कहा है कि आखिर सरकार द्वारा हमें संभल हिंसा के पीड़ित परिवारों से मिलने, उनकी आवाज बनने और उनके न्यायपूर्ण संघर्ष में उनका साथ देने से क्यों रोका जा रहा है?"

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