लखनऊ

 RIP Legend Ratan Tata: दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा लखनऊ और यूपी को दिल दे बैठे और मिलने चिनहट आए 

RIP Legend Ratan Tata: दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा जिन्होंने भारतीय उद्योग जगत में अपनी अद्वितीय पहचान बनाई, का उत्तर प्रदेश से गहरा संबंध रहा है। देश-विदेश में टाटा समूह को ऊंचाइयों तक पहुंचाने वाले रतन टाटा ने न केवल उद्योग के क्षेत्र में योगदान दिया, बल्कि उत्तर प्रदेश के विकास में भी अपनी भूमिका निभाई।

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Oct 10, 2024
Ratan Tata In Lucknow

RIP Legend Ratan Tata: दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा का नाम न केवल भारतीय उद्योग जगत के दिग्गजों में शामिल है, बल्कि उन्होंने देश-विदेश में भी भारत का नाम ऊँचा किया। उनके नेतृत्व और मानवीय दृष्टिकोण ने उन्हें एक अद्वितीय स्थान दिलाया। रतन टाटा का उत्तर प्रदेश से भी एक गहरा नाता रहा है, जो उनके जीवन के कई महत्वपूर्ण पड़ावों में दिखाई देता है। उन्होंने उत्तर प्रदेश, विशेषकर लखनऊ के प्रति अपने जुड़ाव को सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया था और यहाँ के विकास में अपनी सक्रिय भूमिका निभाई।

लखनऊ और यूपी से जुड़ा रतन टाटा का विशेष लगाव

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में टाटा समूह द्वारा स्थापित संयंत्र, रतन टाटा के प्रयासों का परिणाम था। उन्होंने अपने कार्यकाल में यूपी के विकास की दिशा में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए। अखिलेश यादव के मुख्यमंत्री काल में, यूपी सरकार और टाटा ट्रस्ट के बीच हुए समझौते पर दस्तखत करने के लिए लखनऊ पहुंचे रतन टाटा ने कहा था, "उत्तर प्रदेश ने मेरा दिल जीत लिया है, खासकर यूपी के मुख्यमंत्री ने।"

रतन टाटा ने उत्तर प्रदेश की असीम क्षमताओं की प्रशंसा करते हुए कहा कि राज्य में देश का अग्रणी राज्य बनने की पूरी क्षमता है। उन्होंने ये भी कहा कि अगर यूपी के विकास में कहीं भी उनकी मदद की जरूरत पड़ेगी, तो वे हमेशा तैयार रहेंगे। उनका मानना था कि इतने बड़े राज्य को हमेशा कमतर आंका गया, जो दुर्भाग्यपूर्ण है। लखनऊ प्रवास के दौरान उन्होंने अखिलेश यादव को अपना मित्र घोषित किया था, जो उनके संबंधों की गहराई को दर्शाता है।

90 के दशक में चिनहट में हुआ टाटा का स्वागत

1990 के दशक में, रतन टाटा लखनऊ के चिनहट के देवा रोड पर टाटा मोटर्स (पहले टाटा टेल्को) के संयंत्र की स्थापना के लिए आए थे। इस दौरान उन्होंने स्थानीय किसानों से वार्ता की, जिनकी जमीन यूपीएसआईडीसी (उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास निगम) ने औद्योगिक कंपनियों के लिए अधिग्रहित की थी। इस वार्ता में 556 किसानों का प्रतिनिधिमंडल रतन टाटा से मिला था और टाटा ने उन्हें हर संभव मदद का आश्वासन दिया था। यह औद्योगिक परियोजना लगभग 850 एकड़ में फैली थी, और टाटा टेल्को ने 1984-85 में अपनी बाउंड्री वॉल का निर्माण शुरू किया था। इस बड़ी परियोजना के चलते लखनऊ का औद्योगिक विकास एक नई दिशा में बढ़ा।

रतन टाटा की इन पहल और उनके नेतृत्व में टाटा समूह का योगदान, लखनऊ और उत्तर प्रदेश के लिए मील का पत्थर साबित हुआ। रतन टाटा का निधन देश के लिए एक गहरी क्षति है, और लोग इस महान उद्योगपति को याद कर दुखी हैं। उनका उत्तर प्रदेश से विशेष लगाव और यहाँ की प्रगति में उनका योगदान हमेशा याद रखा जाएगा।

टाटा का यूपी योगदान

रतन टाटा और टाटा समूह का उत्तर प्रदेश में योगदान व्यापक और दूरगामी रहा है। उन्होंने राज्य के औद्योगिक, सामाजिक, और आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। यहां उनके प्रमुख योगदानों का उल्लेख है:

1. औद्योगिक विकास

टाटा मोटर्स (पूर्व में टाटा टेल्को): रतन टाटा के नेतृत्व में टाटा मोटर्स ने लखनऊ के चिनहट में अपनी फैक्ट्री स्थापित की, जो उत्तर प्रदेश के औद्योगिक विकास का मील का पत्थर साबित हुई। 90 के दशक में शुरू हुई यह परियोजना 850 एकड़ जमीन पर फैली है। इस संयंत्र ने न केवल रोजगार सृजन में योगदान दिया, बल्कि क्षेत्रीय और राज्य स्तरीय आर्थिक गतिविधियों को भी प्रोत्साहित किया।

औद्योगिक आधार का विस्तार: उत्तर प्रदेश में औद्योगिक क्षेत्रों की स्थापना के लिए टाटा समूह की उपस्थिति ने दूसरे बड़े उद्योगों को भी राज्य में निवेश के लिए प्रेरित किया, जिससे राज्य का औद्योगिक आधार मजबूत हुआ।

2. रोजगार और कौशल विकास

स्थानीय रोजगार: टाटा समूह द्वारा स्थापित फैक्ट्रियों और संयंत्रों ने लखनऊ और आस-पास के क्षेत्रों में हजारों लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार दिया। इससे स्थानीय लोगों के जीवन स्तर में सुधार हुआ।
कौशल विकास केंद्र: टाटा समूह ने राज्य में कौशल विकास के कई कार्यक्रम शुरू किए, जिसका उद्देश्य युवाओं को उद्योगों के लिए तैयार करना था। ये कार्यक्रम रोजगार योग्यता और स्थानीय युवाओं के कौशल को बढ़ाने में सहायक रहे हैं।

3. सामाजिक और स्वास्थ्य सेवाएँ

टाटा ट्रस्ट की पहल: टाटा ट्रस्ट ने उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य और शिक्षा क्षेत्र में कई परियोजनाएं शुरू कीं। इनमें ग्रामीण इलाकों में प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार, महिलाओं और बच्चों के लिए स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार, और शिक्षा के क्षेत्र में बुनियादी ढांचे को मजबूत करना शामिल है।
आयुष्मान भारत के साथ सहयोग: रतन टाटा ने उत्तर प्रदेश सरकार के साथ मिलकर राज्य के स्वास्थ्य कार्यक्रमों में सहयोग किया। टाटा ट्रस्ट्स और यूपी सरकार के बीच हुए समझौतों के तहत, स्वास्थ्य और शिक्षा क्षेत्र में बड़े सुधार किए गए।

4. कृषि और ग्रामीण विकास

किसानों से संवाद: 90 के दशक में चिनहट में टाटा समूह की फैक्ट्री स्थापना के दौरान, रतन टाटा ने किसानों से सीधा संवाद किया। उनकी जमीनें अधिग्रहित की गई थी, और रतन टाटा ने किसानों के हितों की रक्षा के लिए उन्हें उचित मुआवजा और सहायता देने का आश्वासन दिया।
ग्रामीण विकास में योगदान: टाटा ट्रस्ट्स ने ग्रामीण इलाकों में कृषि सुधार और समग्र ग्रामीण विकास के लिए कई योजनाएं चलाईं। इन योजनाओं के माध्यम से कृषि में नवीनतम तकनीकों का प्रसार, सिंचाई सुविधाओं का विस्तार, और किसान कल्याण में मदद की गई।

5. शिक्षा और अनुसंधान

शैक्षिक संस्थानों का सहयोग: टाटा समूह ने उत्तर प्रदेश में शिक्षा के क्षेत्र में भी बड़ा योगदान दिया है। कई शैक्षिक और तकनीकी संस्थानों को टाटा समूह का समर्थन मिला है, जिससे छात्रों को उच्च गुणवत्ता की शिक्षा प्राप्त करने में मदद मिली।
अनुसंधान और नवाचार: टाटा समूह के द्वारा शुरू की गई अनुसंधान परियोजनाओं ने राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में नवाचार को प्रोत्साहन दिया। इससे न केवल राज्य में तकनीकी उन्नति हुई, बल्कि नवाचार संस्कृति को भी बढ़ावा मिला।

6. उत्तर प्रदेश के प्रति रतन टाटा का विशेष लगाव

रतन टाटा ने कई मौकों पर उत्तर प्रदेश के प्रति अपनी गहरी भावनाओं को व्यक्त किया। उन्होंने कहा था कि "उत्तर प्रदेश ने मेरा दिल जीत लिया है"। वे राज्य को एक अग्रणी राज्य बनने की क्षमता से युक्त मानते थे और इसके विकास में हमेशा मदद करने का संकल्प लिया था। वे मानते थे कि राज्य को उसकी पूरी क्षमता के अनुसार विकसित किया जाना चाहिए, क्योंकि इतने बड़े और महत्वपूर्ण राज्य को कमतर आंका गया था।

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