Shaughrens Syndrome: थोड़ा सा चलने या शारीरिक श्रम करने पर थकान महसूस हो रही है, जोड़ों में दर्द हो रहा है, आंखों या मुंह में सूखापन परेशान कर रहा है, तो इन लक्षणों को कतई नजरअंदाज न करें। यह शोग्रेन्स सिंड्रोम नामक ऑटोइम्यून बीमारी के संकेत हो सकते हैं, जो कि पुरुषों की तुलना में महिलाओं में अधिक पाई जाती है।
Shaughrens Syndrome: शोग्रेन्स सिंड्रोम एक गंभीर ऑटोइम्यून बीमारी है, जिसमें लार और आंसू बनाने वाली ग्रंथियां ठीक से काम नहीं करती हैं। इससे मरीज का मुंह और आंखें सूखी रहती हैं। केजीएमयू क्लीनिक इम्यूनोलॉजी एंड रिम्यूटोलॉजी विभाग के अध्यक्ष डॉ. पुनीत कुमार ने शोग्रेन्स सिंड्रोम डे पर आयोजित कार्यशाला में इस बीमारी के लक्षणों और उपचार के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस बीमारी की शुरुआत में ही इलाज करने से इस पर काबू पाया जा सकता है।
डॉ. पुनीत कुमार ने बताया कि शोग्रेन्स सिंड्रोम प्रभावित मरीज को थोड़ी-थोड़ी देर में पानी पीते रहना चाहिए। आंखों में सूखापन कम करने के लिए चश्मा पहनें और आई ड्रॉप का इस्तेमाल करें। इससे आंखों में खुजली और संक्रमण का खतरा कम हो जाता है।
डॉ. मुकेश मौर्या ने बताया कि इस बीमारी में पुरुषों की तुलना में महिलाओं की संख्या अधिक होती है। 10 मरीजों में से नौ महिलाएं होती हैं, जबकि एक पुरुष। एक लाख में दो से तीन लोग शोग्रेन्स सिंड्रोम की चपेट में हो सकते हैं। शोग्रेन्स सिंड्रोम पीड़ित लोगों को नशे से बचने और गर्म स्थान में जाने से परहेज करना चाहिए।
शोग्रेन्स सिंड्रोम एक गंभीर ऑटोइम्यून बीमारी है, जिसके लक्षणों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। शुरुआती इलाज से इस बीमारी पर काबू पाया जा सकता है। इसलिए यदि आप आंखों और मुंह के सूखापन, थकान और जोड़ों में दर्द जैसे लक्षणों का सामना कर रहे हैं, तो तुरंत चिकित्सकीय परामर्श लें। स्वस्थ जीवनशैली और नियमित चिकित्सकीय जांच से इस बीमारी के प्रभाव को कम किया जा सकता है।