लखनऊ

UP Teacher Transfer: शिक्षकों के परस्पर तबादले की प्रक्रिया शुरू, पोर्टल की तकनीकी दिक्कतों से फंसे हजारों आवेदन

UP Teachers News: उत्तर प्रदेश में परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों के लिए जिले के अंदर परस्पर तबादलों की प्रक्रिया शुक्रवार शाम शुरू हो गई। हालांकि आवेदन पोर्टल पर तकनीकी गड़बड़ियों के चलते कई शिक्षक फाइनल सबमिट नहीं कर पा रहे हैं। विभागीय अधिकारी समस्या समाधान के लिए एनआईसी से संपर्क में हैं।

3 min read
Apr 05, 2025
जिले के अंदर तबादले के लिए शुरू हुई प्रक्रिया, तकनीकी खामी बनी बाधा

UP Transfer Policy :   उत्तर प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों के लिए राहत भरी खबर है कि लंबे इंतजार के बाद जिले के अंदर परस्पर तबादले (म्यूचुअल ट्रांसफर) की प्रक्रिया शुक्रवार शाम से शुरू कर दी गई है। लेकिन शुरुआत के साथ ही इसमें तकनीकी खामियां सामने आ रही हैं, जिससे बड़ी संख्या में शिक्षक आवेदन फॉर्म सबमिट नहीं कर पा रहे हैं। इससे शिक्षक वर्ग में असंतोष और भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो गई है। इससे पहले बेसिक शिक्षा विभाग ने 2 अप्रैल को आदेश जारी कर दिया था कि शिक्षक 2024-25 सत्र के लिए जिले के भीतर आपसी सहमति से तबादले हेतु आवेदन कर सकते हैं। लेकिन NIC द्वारा विकसित पोर्टल पर तकनीकी खामी के कारण यह प्रक्रिया बृहस्पतिवार रात तक शुरू नहीं हो सकी थी।

परस्पर तबादले की प्रक्रिया

  • 2 अप्रैल को आदेश, लेकिन पोर्टल 4 अप्रैल शाम को शुरू हुआ
  • तकनीकी खामियों के चलते आवेदन सबमिट नहीं हो पा रहे
  • खबर छपने के बाद विभाग सक्रिय हुआ
  • जूनियर सहायक और हेड टीचर में नियमों को लेकर असंतोष
  • अलग-अलग तबादलों में अलग नियमों से शिक्षक नाराज

शिक्षकों में नाराजगी: तबादला प्रक्रिया में असमानता

शिक्षकों ने बताया कि इंटर डिस्ट्रिक्ट ट्रांसफर (जिले से बाहर) के मामलों में यदि हेड टीचर और जूनियर सहायक के विषय समान हों, तो उनका जोड़ा बन रहा है और तबादला संभव हो रहा है। लेकिन जिले के भीतर परस्पर तबादले में विषय समानता का कोई स्पष्ट नियम लागू नहीं किया गया है। इससे ऐसे शिक्षक जो परस्पर तबादले की योग्यता रखते हैं, असमंजस में हैं।

NIC पोर्टल पर आ रही हैं दिक्कतें

कई शिक्षकों ने बताया कि ऑनलाइन आवेदन पत्र भरने के बाद 'फाइनल सबमिट' ऑप्शन काम नहीं कर रहा है। विभाग का कहना है कि इस समस्या को NIC टीम के सहयोग से जल्द दूर किया जाएगा। लेकिन जब तक यह ठीक नहीं होता, तब तक आवेदन प्रक्रिया में देरी होना तय है।

अखबार में छपी  रिपोर्ट से हरकत में आया विभाग

बृहस्पतिवार तक प्रक्रिया न शुरू होने से शिक्षकों में रोष था, जिसे  अखबार में  प्रमुखता से प्रकाशित किया। इसके बाद विभागीय अधिकारियों ने तुरंत NIC से संपर्क किया और शुक्रवार शाम को पोर्टल को एक्टिवेट करवाया। यह दर्शाता है कि मीडिया की भूमिका शिक्षक हितों की रक्षा में अहम बनी हुई है।

ट्रांसफर गाइडलाइन पर शिक्षक संगठनों की मांग

शिक्षक संगठनों का कहना है कि तबादले को लेकर नियमों में एकरूपता होनी चाहिए। अंतरजनपदीय और जिला स्तरीय तबादलों में अलग-अलग नियम अपनाना भेदभावपूर्ण है। सभी तबादलों के लिए एक समान गाइडलाइन लागू की जानी चाहिए, जिसमें विषय समानता, सेवा अवधि, स्कूल की स्थिति जैसे सभी बिंदुओं पर स्पष्टता हो।

 शिक्षकों की मांग: आवेदन की तिथि बढ़ाई जाए

चूंकि प्रक्रिया में देरी हुई है और अब भी पोर्टल में दिक्कतें हैं, ऐसे में शिक्षक मांग कर रहे हैं कि आवेदन की अंतिम तिथि को बढ़ाया जाए ताकि सभी शिक्षक समय से अपना आवेदन कर सकें। कई ग्रामीण क्षेत्रों के शिक्षक नेटवर्क समस्याओं से जूझ रहे हैं, जिससे ऑनलाइन प्रक्रिया और भी कठिन हो गई है।

संभावित लाभार्थी शिक्षक

बेसिक शिक्षा विभाग के अनुसार इस प्रक्रिया से प्रदेश भर में हजारों शिक्षक लाभान्वित हो सकते हैं। विशेषकर वे शिक्षक जो अपने गृह जनपद में रहकर सेवा देना चाहते हैं या पारिवारिक कारणों से स्थानांतरण चाहते हैं, उनके लिए यह स्वर्णिम अवसर है।

सुझाव व सुधार

  • तकनीकी टीम को पोर्टल स्थिर और यूज़र फ्रेंडली बनाना होगा
  • रूल बुक में समानता सुनिश्चित की जाए
  • फीडबैक सिस्टम बनाया जाए, जिससे शिक्षक दिक्कत दर्ज करा सकें
  • समयबद्ध समाधान की गारंटी होनी चाहिए
Also Read
View All

अगली खबर