लखनऊ

मकान नक्शा पास कराने में नहीं होगी देरी, एलडीए ने एनओसी की बाध्यता खत्म की

Lucknow Development Authority: लखनऊ वासियों को अब नक्शा पास कराने के लिए नगर निगम के अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) ने इसकी बाध्यता खत्म कर दी है। इससे मकानों के नक्शे महीनों नगर निगम की अनुमति के इंतजार में फंसे रहने का झंझट खत्म हो गया।

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Apr 17, 2025

Lucknow Development Authority: एलडीए ने हाल ही में मानचित्र समाधान दिवस आयोजित किया था। इसमें बड़ी संख्या में ऐसी शिकायतें सामने आईं जिनमें नगर निगम से अनापत्ति न मिलने से लोगों के नक्शे फंसे थे। कई मामलों में तो एनओसी छह-छह महीनों से ज्यादा समय से लम्बित थी। इससे नक्शा पास कराने की प्रक्रिया में देरी तो होती ही थी, जनता को भी अनावश्यक परेशानी झेलनी पड़ती थी। अब एलडीए वीसी प्रथमेश कुमार ने आदेश जारी कर नगर निगम की एनओसी की बाध्यता ही खत्म कर दी।

एलडीए का बड़ा फैसला

एलडीए ने पाया कि ग्राम समाज और सरकारी भूमि से संबंधित मामलों में तहसील और नगर निगम दोनों से एक ही विषय पर अनापत्तियां मांगी जा रही थीं। यह दोहराव न केवल अनावश्यक था, बल्कि इससे नक्शा अनुमोदन प्रक्रिया में जटिलता पैदा हो रही थी। विलंब भी होता था। लोगों को इससे काफी परेशानी का सामना करना पड़ता था। एलडीए वीसी प्रथमेश कुमार ने अपने 15 अप्रैल के आदेश में साफ कहा है कि नगर निगम और तहसील, दोनों से एक ही प्रकार की अनापत्ति मंगवाने का कोई औचित्य नहीं है।

नए आदेश में यह व्यवस्था होगी

● नगर निगम से सीधे एनओसी लेने के बजाय एलडीए के अभिलेखागार के दस्तावेजों से ली जाएगी
● चुनिंदा मोहल्लों को छोड़कर अन्य क्षेत्रों के लिए तहसील से एनओसी ली जाएगी
● नगर निगम क्षेत्र के लिए ग्राम समाज व सरकारी भूमि संबंधी एनओसी भी तहसील स्तर से ही प्राप्त की जाएगी
● केवल तभी नगर निगम से एनओसी ली जाएगी जब तहसील से रिपोर्ट नहीं मिलेगी
● नक्शा पास करते समय यह शर्त स्पष्ट रूप से अंकित की जाएगी कि सड़क, ड्रेन व ड्रेनेज को आवेदक द्वारा बाधित नहीं किया जाएगा। पार्किंग व ड्रेनेज की जिम्मेदारी पूरी तरह से आवेदक की होगी।
● लोगों के नक्शे आसानी व जल्दी पास होंगे।नक्शा पास कराने की प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी। भूखंड की सही स्थिति, क्षेत्रफल और स्वरूप का तुरंत सत्यापन होगा। फर्जीवाड़े पर लगाम।
● अवैध निर्माण पर शिकंजा कसेगा
● जीआईएस के जरिए अवैध निर्माणों की तुरंत पहचान हो सकेगी। नियमित निगरानी से इन पर प्रभावी कार्रवाई संभव होगी।
● विकास की योजनाओं की निगरानी और मूल्यांकन आसान
● प्राधिकरण द्वारा तैयार किए जाने वाले मास्टर प्लान, सेक्टर योजनाएं और स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट्स की प्रगति की सटीक निगरानी की जा सकेगी।
● ग्राम समाज, सरकारी भूमि, ट्रस्ट संपत्तियां आदि की डिजिटल मैपिंग से इनका उपयोग और सुरक्षा प्रभावी ढंग से हो पाएगी।
● जल निकासी, सड़क और पार्किंग की बेहतर योजना बन सकेगी। इन्फ्रास्ट्रक्चर की डिजिटल जानकारी मिलने से जलभराव, ट्रैफिक जैसी समस्याओं से निपटना आसान होगा।

Published on:
17 Apr 2025 07:48 am
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